Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

इसरो 2 सितंबर को लॉन्च करेगा भारत का पहला सूर्य मिशन ‘आदित्य-एल1’

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि, मंगल और चंद्रमा मिशन के बाद, आदित्य एल-1 तीसरा ऐसा मिशन है. यह मिशन सूर्य से प्राप्त ऊर्जा स्रोतों का अध्ययन करेगा.

इसरो 2 सितंबर को लॉन्च करेगा भारत का पहला सूर्य मिशन ‘आदित्य-एल1’

Wednesday August 30, 2023 , 2 min Read

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि सफल चंद्रयान मिशन के बाद, भारत के पहले सूर्य मिशन "आदित्य-एल1" के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) पूरी तरह तैयार है. संभवतः यह मिशन 2 सितंबर को लॉन्च होगा.

मैनपुरी (उ.प्र.) में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूरी दुनिया भारत के चंद्रयान मिशन का जश्न मना रही है और अब सूर्य मिशन में लोगों की रुचि भी कई गुना बढ़ गई है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इसका पूरा श्रेय देते हुए मंत्री ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को अतीत की बेड़ियों से मुक्त करने का ऐसा साहसी निर्णय लेने की पहल नहीं की होती तो यह सब संभव ही नहीं होता जैसा किसी अन्य पिछली सरकार ने किया ही नहींI परिणामस्वरूप, आज चार वर्ष की छोटी सी अवधि के भीतर ही इसरो के वित्तीय संसाधनों में वृद्धि होने के साथ ही स्टार्ट-अप्स की संख्या 4 से बढ़कर 150 हो गई है और भारत की उपग्रह प्रक्षेपण सुविधा की विश्वसनीयता अचानक इतनी बढ़ गई है कि अब तक यूरोपीय उपग्रहों के प्रक्षेपण से भारत ने 26 करोड़ यूरो से अधिक की कमाई की है तथा अमेरिकी उपग्रह के प्रक्षेपण से भारत ने 15 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक की कमाई की है.

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी द्वारा वैज्ञानिक समुदाय का सम्मान बढ़ाने के कारण ही है कि आज हमारे पास सूर्य के लिए पहला अंतरिक्ष मिशन भेजने का आत्मविश्वास और दृढ़ विश्वास है.

डॉ. जितेंद्र सिंह ने विस्तार से बताया कि सूर्य अंतरिक्ष मिशन आदित्य –एल 1, सात पेलोड्स (बोर्ड पर उपकरणों) के साथ ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पोलर सैटेलाईट लॉन्च वेहिकल -पीएसएलवी) का उपयोग करेगा. उन्होंने आगे कहा कि अंतरिक्ष यान सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज बिंदु-1 (एल 1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा (हैलो ऑर्बिट) में स्थित होगा, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख (1.5 मिलियन) किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किए गए उपग्रह को सूर्य को बिना किसी ग्रहण के लगातार देखने का प्रमुख लाभ मिलेगा.

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि, मंगल और चंद्रमा मिशन के बाद, आदित्य एल-1 तीसरा ऐसा मिशन है. यह मिशन सूर्य से प्राप्त ऊर्जा स्रोतों का अध्ययन करेगा.