इस देश की सरकार इकोनॉमी मजबूत करने के लिए युवाओं से कर रही है ज्यादा शराब पीने की अपील
अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए इस देश की सरकार ने ये अजीबोगरीब तरीका निकाला है, जिसकी सब जगह आलोचना हो रही है.
जापान से एक विचित्र खबर आ रही है. NPR की रिपोर्ट के मुताबिक जापान की सरकार ने अपने देश के लोगों से अपील की है कि इकोनॉमी को मजबूत बनाने के लिए वो ज्यादा शराब पिएं. पिछले एक दशक से ज्यादा समय से जापान में एल्कोहल का उपयोग लगातार कम होता जा रहा है, जिसका असर वहां की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है. इस सरकारी कदम की हालांकि चारों ओर काफी आलोचना भी हो रही है.
यूं तो पूरी दुनिया में शराब बनती, बिकती और धड़ल्ले से पी जाती है. चाहे शराब की बोतल पर कितने भी बोल्ड अक्षरों में लिख दो कि “शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है,” सच तो ये है कि हर देश में शराब उनकी जीडीपी और कुल राजस्व में योगदान देने वाला एक बड़ा कारक है. बावजूद इसके कोई खुलेआम ये कहता नहीं पाया जाता कि शराब बहुत अच्छी चीज है और कृपया देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए और ज्यादा मात्रा में शराब पिएं.
जापानी सरकार का यह अनोखा कैंपेन Sake Viva
जापान की सरकार ने एक नया कैंपेन शुरू किया है, जिसका नाम है Sake Viva. Sake Viva एक राइस वाइन का नाम है. कैंपेन के जरिए सरकार ने युवाओं के लिए एक प्रतियोगिता रखी है. जापान की राष्ट्रीय टैक्स एजेंसी ने इस कैंपेन और प्रतियोगिता की रूपरेखा तैयार की है.
इस कैंपेन के तहत जापानी सरकार ने 20 से लेकर 30 साल के युवाओं से आइडिया मांगा है कि देश में एल्कोहल को और क्रिएटिव तरीकों से कैसे बेचा जा सकता है और कैसे ज्यादा से ज्यादा युवाओं को इस ओर आकर्षित किया जा सकता है.
कैंपेन का मकसद शराब की बिक्री बढ़ाना
सरकार ने अपने इरादों को छिपाने की भी कोई कोशिश नहीं की है. साफ कहा गया है कि कैंपेन का मकसद ज्यादा से ज्यादा युवाओं को शराब पीने के लिए प्रेरित करना है. सरकार शराब की बिक्री और खपत को बढ़ाना चाहती है ताकि ज्यादा राजस्व सरकारी खजाने में आ सके.
क्या कहना है जापान के लोगों का
NPR ने अपनी स्टोरी में कई जापानी युवाओं से बात की है. युवाओं का कहना है सेहत के प्रति बढ़ती सजगता के साथ-साथ एल्कोहल कंजम्प्शन घटने का एक बड़ा कारण ये है कि जापान की अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है. ज्यादातर लोगों के पास इतना पैसा ही नहीं है कि वो शराब पर खर्च कर सकें.
साथ ही लोगों का यह भी कहना है कि अगर ऐसा कैंपेन किसी शराब बनाने और बेचने वाली कंपनी ने अपना मुनाफा बढ़ाने के लिए किया होता तो भी तर्क समझ में आता था. लेकिन चूंकि खुद सरकार और नेशनल टैक्स एजेंसी इस कैंपेन के पीछे है, इससे पूरा अर्थ ही बदल जाता है.
देश की बदलती डेमोग्राफी और डूबती अर्थव्यवस्था
इस सरकारी कैंपेन की देश में काफी आलोचना हो रही है. लोग इसे अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाले सकारात्मक कदम के रूप में नहीं देख रहे हैं. उनका कहना है कि कमजोर होती इकोनॉमी को मजबूत करने के लिए सरकार को दूसरे रास्ते ढूंढने चाहिए. देश की डेमोग्राफी बदल रही है. बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है और युवा कम हैं. ऐसे में सरकार को ऐसे विचित्र कैंपेन चलाने की बजाय कुछ और उपाय ढूंढने की जरूरत है.
Edited by Manisha Pandey