स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद 'कड़कनाथ' कराएगा तगड़ी कमाई, इसे देसी वियाग्रा कहते हैं लोग
कड़कनाथ मुर्गे की खास बात ये है कि यह पूरा काला होता है. इससे स्वास्थ्य को बहुत सारे फायदे होते हैं. यही वजह है कि यह बहुत महंगा बिकता है. इसे तो लोग देसी वियाग्रा भी कहते हैं.
मुर्गों की तो कई प्रजातियां होती हैं, लेकिन एक ऐसी प्रजाति है जो अपने खास फायदों की वजह से फेमस है. यह प्रजाति है कड़कनाथ, जिसका जीआई टैग मध्य प्रदेश के झाबुआ का मिला हुआ है. इस मुर्गे (Kadaknath Chicken Farming) की खास बात ये है कि यह पूरा काला होता है. यहां तक कि इसका मांस और खून भी काला ही होता है. इसकी कीमत बहुत अधिक होती है, क्योंकि इससे स्वास्थ्य को बहुत सारे फायदे होते हैं. इसे तो वियाग्रा का विकल्प भी कहा जाता है. ऐसे में आप चाहे तो कड़कनाथ मुर्गों का फार्म (How to start a Kadaknath breed Poultry Farm) शुरू कर सकते हैं, जिससे आपको तगड़ा फायदा होगा. खुद महेंद्र सिंह धोनी भी कड़कनाथ मुर्गे पालते हैं. झाबुआ के आदिवासी इलाकों में इसे 'कालीमासी' कहा जाता है.
स्वास्थ्य को होते हैं बहुत सारे फायदे
कड़कनाथ मुर्गे का सेवन करने वाले लोगों को इससे कई फायदे होते हैं. हाई बीपी वाले लोगों और बुजुर्गों के लिए यह काफी फायदेमंद होता है। इसमें कोलेस्ट्रोल बहुत ही कम होता है. ऐसा में दिल के मरीजों को कड़कनाथ के सेवन से खूब फायदा होता है. इसमें 18 तरह के आवश्यक अमीनो एसिड भी पाए जाते हैं। इसके मीट में विटामिन बी-1, बी-2, बी-6, बी-12, सी और ई की मात्रा भी अधिक पाई जाती है। यह औषधि के रुप में नर्वस डिसऑर्डर को ठीक करने के काम में भी आता है। इसके रक्त से कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं। इसके सेवन से प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. इसमें प्रोटीन की भरमार होती है। ऐसे में इसकी डिमांड खूब रहती है और दाम भी बहुत ही अच्छे मिलते हैं. 90 के दशक में कड़कनाथ प्रजाति विलुप्ति की कगार पर पहुंच गई थी, लेकिन बाद में वैज्ञानिकों की मदद से इस प्रजाति को नया जीवन मिला।
वियाग्रा का करता है कड़कनाथ मुर्गा
इसे वियाग्रा के विकल्प की तरह भी देखा जाता है. यानी इसके सेवन से सेक्स पावर बढ़ती है. इसे झाबुआ का गर्व और काला सोना भी कहा जाता है. यह कामोत्तेजक होता है, इसलिए इसकी वियाग्रा से तुलना की जाती है. आदिवासी भी इसे कामोत्तेजक मानते हैं सरकारी हैचरी के एक्सपर्ट भी ऐसा मानते हैं. कड़कनाथ का रंग काला होने की एक बड़ी वजह ये होती है कि इसमें मिलेनिन पिगमेंट काफी ज्यादा होता है. इससे रक्त का प्रवाह तेजी से होता है।
कितने रुपये में बिकते हैं कड़कनाथ मुर्गे और अंडे?
अपने स्वास्थ्य फायदों की वजह से कड़कनाथ मुर्गे 1000-1200 रुपये प्रति किलो तक बिकते हैं. इनके महंगे होने की एक बड़ी वजह यह भी है कि इन मुर्गों को 1 किलो का होने में करीब 8 महीने का वक्त लगता है. वहीं ब्रॉयलर मुर्गे करीब दो महीने में ही 1 किलो के हो जाते हैं. एक कड़कनाथ मुर्गे को 1 किलो तक होने में उस पर करीब 500-600 रुपये तक का खर्च आता है. कड़कनाथ के अंडे भी काफी फायदेमंद होते हैं. ऐसे में इसके अंडे भी 30-35 रुपये में बिकते हैं, जो हल्के गुबाली रंग के होते हैं. वहीं अंडे देने वाली कड़कनाथ मुर्गी 3-4 हजार रुपये तक में बिकती है. यूपी, उत्तराखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात और राजस्थान में इसकी खूब फार्मिंग होती है.
सरकार से भी मिलती है मदद
कड़कनाथ मुर्गों के पालन को सरकार भी बढ़ावा दे रही है। आप कृषि विज्ञान केंद्र से कड़कनाथ के चूजे खरीद सकते हैं. कड़कनाथ का मुर्गी फार्म यानी पॉल्ट्री फार्म खोलने चाहते हैं तो आप सरकार की मुद्रा लोन स्कीम के तहत लोन भी ले सकते हैं.
इतनी आसानी से पैदा नहीं होते कड़कनाथ मुर्गे
कड़कनाथ मुर्गों के अंडों को हैचरी में रखकर उनसे बच्चे पैदा किए जाते हैं. इन हैचरी में रखने की वजह से अधिक से अधिक अंडों से बच्चे बन पाते हैं, वरना कम बच्चे पैदा होंगे. हैचरी से निकाले जाने से बाद एक दिन के चूजों को ब्रूडर हाउस में रखा जाता है, जहां उन्हें गर्म माहौल देने की कोशिश होती हैं. वहीं 15 दिन बाद इन्हें बाहर शेड में शिफ्ट कर दिया जाता है.