जानिए क्या है वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही के लिए सरकार की उधारी योजना
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अनुमानित 14.31 लाख करोड़ रुपये की सकल बाजार उधारी में से भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 14.21 लाख करोड़ रुपये उधार लेने का निर्णय लिया है.
भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के साथ परामर्श करके वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही (H2) के लिए अपने उधारी कार्यक्रम (borrowing programme) को अंतिम रूप दे दिया है.
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अनुमानित 14.31 लाख करोड़ रुपये की सकल बाजार उधारी में से भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 14.21 लाख करोड़ रुपये उधार लेने का निर्णय लिया है. तदनुसार 5.92 लाख करोड़ रुपये की शेष राशि (14.21 लाख करोड़ रुपये का 41.7%) को वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही (H2) में दिनांकित प्रतिभूतियों के माध्यम से उधार लेने की योजना है, जिसमें केंद्रीय बजट 2022-23 में की गई घोषणा के अनुसार सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड (SGrBs) जारी करने के माध्यम से 16,000 करोड़ रुपये भी शामिल हैं.
5.76 लाख करोड़ रुपये (40.5%) की सकल बाजार उधारी 20 साप्ताहिक नीलामियों के माध्यम से पूरी की जाएगी. बाजार उधारी 2, 5, 7, 10, 14, 30 और 40 वर्ष वाली प्रतिभूतियों में फैली होगी. विभिन्न परिपक्वता के तहत उधारी (SGrBs को छोड़कर) की हिस्सेदारी कुछ इस तरह से होगी: 2 वर्ष (6.25%), 5 वर्ष (12.15%), 7 वर्ष (10.42%), 10 वर्ष (20.83%), 14 वर्ष (19.10%), 30 वर्ष (15.63%) और 40 वर्ष (15.63%). SGrBs जारी करने के विवरण की घोषणा अलग से की जाएगी.
सरकार मोचन या विमोचन को सुगम बनाने के लिए प्रतिभूतियों की अदला-बदली करना जारी रखेगी. 1,00,000 करोड़ रुपये की बजटीय (बीई) अदला-बदली राशि में से 56,103 करोड़ रुपये की अदला-बदली नीलामियां पहले ही आयोजित की जा चुकी हैं और शेष राशि की अदला-बदली नीलामियां दूसरी छमाही में आयोजित की जाएंगी.
सरकार नीलामी अधिसूचना में दर्शाई गई प्रत्येक प्रतिभूति पर 2,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त खरीद को बनाए रखने के लिए ग्रीनशू विकल्प का उपयोग करना आगे भी जारी रखेगी. इस विकल्प के माध्यम से जुटाई गई राशि वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही के लिए सकल रूप से जारी करने के 3 से 5 प्रतिशत तक और वित्त वर्ष 2022-23 के लिए तय सकल उधारी सीमा के भीतर सीमित होगी.
वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही (Q3) में ट्रेजरी बिल जारी करने के माध्यम से कुल साप्ताहिक उधारी तिमाही के दौरान (-) 0.81 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध उधारी के साथ 22,000 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है. तिमाही के दौरान आयोजित प्रत्येक नीलामी के माध्यम से 91 डीटीबी के तहत 10,000 करोड़ रुपये, 182 डीटीबी के तहत 6,000 करोड़ रुपये और 364 डीटीबी के तहत 6,000 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे.
सरकारी खातों में अस्थायी विसंगतियों से निपटने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही के लिए अर्थोपाय अग्रिम (WMA) सीमा 50,000 करोड़ रुपये निर्धारित की है.