सिर्फ लालू की बेटी ही नहीं, देश और पूरी दुनिया में 75 फीसदी अंगदान महिलाएं ही कर रही हैं
भारत में कुल 75 फीसदी ऑर्गन डोनर और 27 फीसदी ऑर्गन रिसीवर महिलाएं हैं.
भारतीय राजनीति का जाना-माना चेहरा और राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पहली बार राजनीति से इतर अन्य कारणों से चर्चा में हैं. अपनी राजनीतिक विरासत लालू यादव ने अपने बेटों को सौंपी है, संपत्ति का बड़ा हिस्सा भी बेटों के ही नाम होगा (फैक्ट पता नहीं, लेकिन संभावना इसी की है), लेकिन अब जब पहली बार पिता को कुछ देने की बारी आई तो सामने आई हैं उनकी बेटी.
लालू प्रसाद की बेटी डॉ. रोहिणी आचार्या उन्हें अपनी किडनी देने जा रही हैं. दोनों का ब्लड ग्रुप मैच कर गया है, जो कि एबी पॉजिटिव है. अक्तूबर में इससे जुड़े मेडिकल टेस्ट की औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. अब सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन होगा. रोहिणी भी सिंगापुर में रहती हैं और खुद भी एक डॉक्टर हैं.
चार दिन पहले अपनी फेसबुक वॉल पर रोहिणी ने लिखा -
“माँ-पिता मेरे लिए भगवान हैं. मैं उनके लिए कुछ भी कर सकती हूँ. आप सबों की शुभकामनाओं ने मुझे और मजबूत बनाया है. मैं भावुक हो गयी हूँ. आप सबको दिल से आभार कहना चाहती हूँ. जिस पिता ने इस दुनिया में मुझे आवाज दी, जो मेरे सबकुछ हैं, उनके लिए अगर मैं अपने जीवन का छोटा सा भी योगदान दे पाती हूँ तो मेरा परम सौभाग्य होगा.”
रोहिणी आगे लिखती हैं, “धरती पर भगवान माँ पिता होते हैं, इनकी पूजा-सेवा करना हर बच्चे का फ़र्ज़ है. मेरा तो मानना है कि ये तो बस एक छोटा सा मांस का टुकड़ा है, जो मैं अपने पापा के लिए देना चाहती हूँ. पापा के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूँ.आप सब दुआ कीजिए की सब बेहतर तरीके से हो जाये, और पापा फिर से आप सभी लोगों की आवाज़ बुलंद करे. ”
लालू यादव पिछले काफी समय से बीमार चल रहे हैं. पिछले दिनों जब वे पटना के एक अस्पताल में एडमिट थे तो रोहिणी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “माई हीरो, माई बैकबोन पापा, गेट वेल सून. हर बाधाओं से जिसने पाई है मुक्ति, करोड़ों लोगों की दुआएं हैं जिनकी शक्ति.” आने वाले दिनों में सिंगापुर के विश्वस्तरीय ‘सेंटर फॉर किडनी डिजीज’ में उनका किडनी ट्रांसप्लांट ऑपरेशन होगा.
जमशेदपुर के महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट से एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाली रोहिणी लालू यादव और राबड़ी देवी की दूसरी संतान हैं. उनके पति शमशेर सिंह एक कंप्यूटर इंजीनियर हैं और वो सिंगापुर में ही मेडिकल प्रैक्टिस करती हैं.
पूरी दुनिया में अंगदान (ऑर्गेन डोनेशन में आगे हैं महिलाएं)
सिर्फ लालू यादव की बेटी ही नहीं, बल्कि अंगदान के मामले में पूरी दुनिया में महिलाएं सबसे आगे हैं. नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (National Organ & Tissue Transplant Organization) के मुताबिक भारत में होने वाले ऑर्गन ट्रांसप्लांट में परिवार और नजदीकी लोगों को अपने ऑर्गन डोनेट करने वाली 78 फीसदी महिलाएं होती हैं.
ऑर्गन डोनेशन और ट्रांसप्लांटेशन की इंटरनेशनल मैगजीन में इसी साल सितंबर में प्रकाशित एक आर्टिकल में भारत में ऑर्गन डोनेशन के आंकड़ों को जेंडर लेंस से देखने की कोशिश की गई है. आर्टिकल में दिए गए आंकड़ों का स्रोत GODT यानी ग्लोबल डेटाबेस ऑन डोनेशन एंड ट्रांसप्लांटेशन (Global database on donation and transplantation) में भारत की तरफ से सबमिट किए गए आंकड़ें हैं.
इन आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 में भारत में 8613 किडनी डोनेट की गईं, जिसमें से 65 फीसदी यानि 5633 किडनी डोनर महिलाएं थीं. इसी तरह लिवर डोनेशन के कुल 1993 केसेज आए, जिसमें से 54 फीसदी यानी 1084 केसेज में लिवर डोनेट करने वाली महिलाएं थीं. 2019 में कुल 10,608 ऑर्गन डोनर्स में से 6,717 डोनर्स महिलाएं थीं. वर्ष 2020 में ऑर्गन डोनेट करने वाली महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ, जहां कुल 6,461 ऑर्गन डोनर्स में 4,184 डोनर्स महिलाएं थीं.
वहीं अगर ऑर्गन रिसीवर्स की बात करें तो उसमें महिलाओं का प्रतिशत सिर्फ 27 है. भारत में 73 फीसदी ऑर्गन पुरुषों को ट्रांसप्लांट किए जाते हैं. कुल मिलाकर GODT के मुताबिक भारत में कुल 75 फीसदी ऑर्गन डोनर और 27 फीसदी ऑर्गन रिसीवर महिलाएं हैं.
यह आंकड़ा सिर्फ भारत का ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का है. ऑर्गन प्रोक्योरमेंट और ट्रांसप्लांटेशन नेटवर्क (Organ Procurement and Transplantation Network) के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में होने वाले ऑर्गन ट्रांसप्लांट में 63 फीसदी ऑर्गन डोनर महिलाएं हैं.
Edited by Manisha Pandey