लॉकडाउन की मार: ये बस कंडक्टर अब बन गया मजदूर
दिनेश ने कंस्ट्रक्शन का काम काफी पहले सीखा था और अब इस संकट की घड़ी में वही उनके काम आ रहा है।
कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन ने एक ओर जहां देश की रफ्तार थाम दी है, वहीं इसके चलते बड़ी संख्या में या तो लोगों की नौकरियाँ चली गयी हैं या बीते कुछ महीनों से उनके पास कोई काम नहीं है। ऐसे ही व्यक्ति अहमदाबाद के दिनेश हैं, जो लॉकडाउन के पहले कार्पोरेशन में बस कंडक्टर थे, लेकिन लॉकडाउन ने उन्हे बड़ा झटका दिया है।
बीबीसी से बात करते हुए दिनेश ने बताया कि फिलहाल वे मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं। लॉकडाउन के चलते उनकी नौकरी चली गई है और फिलहला वे बड़ी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।
दिनेश ने बताया है कि उन्होने कंस्ट्रक्शन का काम काफी पहले सीखा था और अब इस संकट की घड़ी में वही उनके काम आ रहा है। वह इस तरह से ना सिर्फ अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं, बल्कि अपने ऊपर चढ़े कर्ज़ को भी चुकाने की कोशिश कर रहे हैं।
बीते 3 महीनों से म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन की बसें बंद चल रही हैं। दिनेश ने बताया है कि तीन महीने की अवधि में उन्हे सिर्फ एक बार साढ़े पाँच हज़ार रुपये की राशि मिली है।
देश में इस समय लॉकडाउन में काफी छूट तो मिली हुई है, लेकिन संक्रमण का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। देश में कोरोना वायरस के संक्रिय मामलों की संख्या 1 लाख 78 हज़ार तक पहुँच गयी है।