लॉकडाउन: तो क्या समय से पहले डिग्री और लचीली ग्रेडिंग जैसी व्यवस्था अपना रहे आईआईटी?
नयी दिल्ली, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में डिग्री की पढ़ाई पूरी कर रहे छात्रों का भविष्य लॉकडाउन के कारण प्रभावित न हो इसके लिए कई उपाय किए जा रहे हैं जिनमें समय से पहले डिग्री देना, ग्रेड देने की लचीली प्रक्रिया और बाद में परीक्षा देने की सुविधा शामिल है।
आईआईटी दिल्ली ने डिग्री पूरी कर रहे छात्रों को दो विकल्प दिए हैं- जिनकी पढ़ाई पूरी होने में एक सेमेस्टर से कम समय बचा है वे या तो समय से पहले (जून के अंत में) डिग्री ले सकते हैं या पढ़ाई पूरी होने की सामान्य प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं जो कि संस्थान खुलने पर होगी।
आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी रामगोपाल ने कहा,
“समय से पहले डिग्री देने के विकल्प में भी हम छात्रों को दो विकल्प दे रहे हैं- पहले विकल्प में पहले प्राप्त ग्रेड के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा और दूसरे विकल्प में छात्रों को ऑनलाइन परीक्षा, घर में परीक्षा, गृह कार्य, टेलीफोन द्वारा मौखिक परीक्षा इत्यादि से गुजरना होगा।”
आईआईटी रूड़की ने विशेष प्रावधान किया है जिसमें 2019-20 के स्प्रिंग सेमेस्टर के दौरान किए गए छात्रों के प्रदर्शन को मूल्यांकन में नहीं जोड़ा जाएगा।
संस्थान के निदेशक ए के चतुर्वेदी ने कहा,
“यदि छात्र अनुरोध करता है तो हम पास ग्रेड को बिना ग्रेड पॉइंट के संतोषजनक (एस) ग्रेड में परिवर्तित कर देंगे। मूल्यांकन के विभिन्न घटकों के वेटेज में परिवर्तन किया गया है। इसके अलावा ग्रेड में सुधार करने के लिए हमने छात्रों को परीक्षा में फिर से बैठने का विकल्प दिया है।”
उन्होंने कहा कि एमटेक और पीएचडी की थीसिस और बीटेक के प्रोजेक्ट लिए ऑनलाइन मूल्यांकन की व्यवस्था की गई है।
आईआईटी गुवाहाटी ने समस्याओं का सामना कर रहे छात्रों को अपूर्ण (आई) ग्रेड देने और संस्थान खुलने पर उनका पुनर्मूल्यांकन किए जाने का का विकल्प दिया है।
आईआईटी गुवाहाटी में अकादमिक मामलों की डीन चित्रलेखा महंता ने कहा,
“अगर छात्रों को बिजली, नेटवर्क, शारीरिक या मानसिक समस्याएं हो रही हैं तो वे आई (अपूर्ण) ग्रेड का विकल्प चुन सकते हैं। संस्थान खुलने पर अध्यापकों की सुविधा को देखते हुए आई ग्रेड का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा। कोविड-19 महामारी से उपजी समस्याओं के कारण छात्रों को हो रही दिक्कतों के निवारण के लिए संस्थान ने एक अकादमिक शिकायत प्रकोष्ठ बनाया है।”
आईआईटी गांधीनगर ने डिग्री पूरी कर रहे छात्रों को ग्रेड देने की नई नीति की घोषणा की है और एक वर्षीय स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया है।
आईआईटी गांधीनगर में अकादमिक मामलों के डीन प्रतीक मुथा ने कहा,
“हम दूसरे सेमेस्टर के लिए कोई ग्रेड नहीं देंगे। इस सेमेस्टर के सभी पाठ्यक्रमों के लिए दो नए ग्रेड आरंभ किए गए हैं- पी (ई) और आई/एफ। संस्थान ने सभी अध्यापकों से जरूरत पड़ने पर पहले दिए गए ग्रेड में बदलाव करने को कहा है।”
आईआईटी खड़गपुर ने मध्य सेमेस्टर में प्राप्त ग्रेड, गृह कार्य और मौखिक परीक्षा के आधार पर छात्रों का मूल्यांकन करने का निर्णय लिया है।
संस्थान के एक प्रवक्ता ने कहा,
“हमने यह निर्णय इस सेमेस्टर के लिए ही लिया है क्योंकि देर हो रही है और बहुत से छात्र घर पर हैं, इसलिए जून में परीक्षा कराना कठिन है।”
Edited by रविकांत पारीक