जिसके पास नहीं थे कभी एक कप चाय पीने के पैसे, उसने अपनी मेहनत के बल पर खड़ी कर ली 32 करोड़ रुपये का टर्नओवर देने वाली कंपनी
40 रुपये से 32 करोड़ रुपये का सफर, ऐसे बनते हैं सफल बिजनेसमैन
एक वक्त ऐसा भी था जब उनके पास एक कप चाय पीने के पैसे भी नहीं थे, लेकिन आज कृष्णा कुमार 32 करोड़ रुपये के टर्नोवर वाली कंपनी के मालिक हैं।
कहते हैं जिम्मेदारियाँ आपको बांध कर रखती हैं, लेकिन जिम्मेदारियाँ हमेशा आपके हौसलों को कमजोर बनाती हैं या आपके सपनों के आड़े आती हैं ऐसा बिलकुल भी नहीं है। इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण हैं चेन्नई के कृष्णा कुमार। कृष्णा कुमार का जीवन किसी भी मायने में सरल नहीं था, लेकिन तंगहाली में शुरुआती जिंदगी गुजारने के बाद आज एक सफल व्यवसायी बनने का उनका यह सफर सबके लिए ही प्रेरणाश्रोत है।
कृष्णा कुमार सिर्फ 17 साल के ही थे जब उनके पिता का देहांत हो गया, माँ शिक्षित नहीं थीं, ऐसे में घर संभालने की सारी ज़िम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। कृष्णा कुमार को इन परिस्थितियों से मुक़ाबला करने के लिए अपनी पढ़ाई को भी छोड़ना पड़ा और इस फिर वो काम की तलाश करने लगे।
किशोर होने के चलते कृष्णा कुमार को शुरुआती दौर में नौकरी पाने के लिए भी परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिन कुछ समय बाद उन्हे 40 रुपये प्रति माह की सैलरी पर टाइपिस्ट की नौकरी मिल गयी, जहां वो पार्ट-टाइम काम करते थे, लेकिन महज 40 रुपये महीने में घर चलाना आसान नहीं था, तो ऐसे में उन्होने वह नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया। कृष्णा कुमार को इसके बाद एक अन्य जगह अकाउंट की देखरेख का काम मिला, लेकिन घर के खर्च को देखते हुए उन्होने साथ ही एक अस्पताल में भी पार्टटाइम काम करने का विकल्प भी चुना।
मुश्किलों में गुज़र रहे दिनों से निजात पाने की चाहत में कृष्णा कुमार ने फिर एक लेदर एक्सपोर्ट कंपनी में नौकरी करना शुरू आकर दिया, जहां उन्हे हर महीने 3 सौ रुपये सैलरी मिलती थी, लेकिन इसके साथ में उन्होने अस्पताल में पार्ट टाइम काम करना जारी रखा। कृष्णा कुमार ने इसके बाद भारतीय रेलवे में भी चार साल नौकरी की, लेकिन उस नौकरी में उनका मन नहीं लगा और उन्होने वह नौकरी छोड़ते हुए उन्होने एक कोल्ड ड्रिंक कंपनी में काम करना चुना।
कृष्णा के जीवन में एक नए मोड़ की शुरुआत तब हुई जब उन्होने ब्लू डार्ट कंपनी में काम करना शुरू किया, जहां उन्हे लॉजिस्टिक बिजनेस को काफी नजदीक से देखने का मौका मिला। 900 रुपये महीने की सैलरी के साथ काम करते हुए कृष्णा ने एक साल लगन से काम कर सेल्स मैनेजर की पोस्ट भी पा ली। इस बीच कृष्णा ने शादी भी की और बच्चों के साथ उनका परिवार भी पूरा हुआ, लेकिन परिवार के साथ अब कृष्णा के कंधों पर जिम्मेदारियाँ और बढ़ गयी थीं।
कृष्णा का अनुभव उन्हे अपना खुद का काम शुरू करने के लिए प्रेरित कर रहा था। कृष्णा ने दिल की आवाज़ सुनते हुए अपनी कंपनी खोली और उसमें अपना सारा पैसा निवेश किया। कृष्णा ने अपनी कंपनी को पब्लिक भी कर दिया, लेकिन साल 1992 में हुए मार्केट क्रैश के प्रभाव ने उन्हे बड़ा झटका दिया। इस दौरान कृष्णा को इतना अधिक नुकसान हुआ कि उन्हे अपना घर तक बेंचना पड़ गया।
कृष्णा ने यहाँ हार नहीं मानी और बचत के 8 हज़ार रुपयों के साथ अपनी खुद की लॉजिस्टिक कंपनी एवन सोल्यूशंस एंड लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की। अपने संघर्ष और अनुभव से कृष्णा के अपनी कंपनी को आज एक सफल मुकाम तक पहुंचा दिया है, जहां आज 1 हज़ार से अधिक लोग काम करते हैं और कंपनी का सालाना राजस्व 32 करोड़ रुपये से अधिक है। कृष्णा ने इसके अलावा एक टेक कंपनी की भी सह-स्थापना की थी, जिसे उन्होने साल 2016 में 6 करोड़ रुपये में बेंच दिया।
कृष्णा आज चमचमाती बीएमडबल्यू से चलते हैं। आज उनके पास वो सब है, जिसकी उन्होने कभी कल्पना भर की थी। कृष्णा की कहानी सभी के लिए प्रेरणाश्रोत हैं, हमारे दृन संकल्प और अथक प्रयास के जरिये सब कुछ संभव है।