लॉकडाउन ने छीन ली नौकरी, तो सड़क किनारे रेहड़ी लगाने लगा यह टीचर
नौकरी जाने के बाद हताश होने के बजाय रामबाबू ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर आमदनी के वैकल्पिक साधन पर काम करने का रास्ता चुना।
कोरोना वायरस महामारी के चलते कई लोगों के जीवन में बड़े बदलावों को जगह मिली है। महामारी के चलते देश में लागू हुए लॉकडाउन ने कई लाख नौकरियों को खत्म किया है, तो वहीं दूसरी ओर कई लोगों ने आमदनी ने वैकल्पिक साधनों पर भी काम करना शुरू कर दिया है। ऐसा ही एक मामला तेलंगाना से सामने आया है, जहां नौकरी जाने के बाद एक शिक्षक ने आमदनी के लिए एक सामान्य सा रास्ता अपनाया है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई की खबर के अनुसार इन शिक्षक का नाम रामबाबू मारागनी है, जो पहले खम्मम शहर के एक निजी स्कूल में पढ़ाते थे, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते उनकी नौकरी चली गई।
नौकरी जाने के बाद हताश होने के बजाय रामबाबू ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर आमदनी के दूसरे साधन पर काम करने का रास्ता चुना और सड़क के किनारे रेहड़ी लगाना शुरू कर दिया।
रामबाबू कहते हैं कि “किसी पर निर्भर न रहें, अपने पैरों पर खड़े हों।” रामबाबू अपनी पत्नी के साथ मिलकर रेहड़ी में इडली-सांभर बेंच रहे हैं।
एएनआई के इस ट्वीट पर कमेन्ट करते हुए लोग रामबाबू को सलाम कर रहे हैं और उन्हे प्रेरणाश्रोत बता रहे हैं। इस ट्वीट को अब तक 22 सौ से अधिक बार लाइक किया गया है।