लॉकडाउन ने कोरोना के मामलों पर कसा है शिकंजा, अभी इसे हटाना हो सकता है खतरनाक
कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों को और अधिक बढ़ने से रोकने में लॉकडाउन ने बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले अभी लगातार बढ़ रहे हैं। स्थिति को काबू में करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 24 मार्च को देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसके बाद देश में सड़क, रेल और हवाई सेवाओं के साथ सभी गैर जरूरी सेवाओं को बंद कर दिया गया था।
2.9 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था के लिए यह एक बड़ा झटका है, जब इतने लंबे समय तक सभी क्षेत्र बंद पड़े हुए हैं। इसके पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा था कि वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के प्रभाव में सबसे बड़ा कारक भारत होगा, ऐसे में भारत के लिए देश में कोरोना वायरस को काबू में करना बेहद जरूरी है।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के रोजाना औसतन साथ से आठ सौ केस सामने आ रहे हैं। अधिकतर मामले घनी आबादी वाले इलाकों से सामने आए हैं। लॉकडाउन के बाद यह जरूर कहा जा सकता है कि स्थिति पर कुछ हद तक लगाम लगाई जा सकी है, लेकिन फिलहाल देश लॉकडाउन हटाने की स्थिति में नहीं है।
जब देश में रोजाना कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में लॉकडाउन हटने के साथ ही इन संख्या में बड़ी तेजी से वृद्धि होगी और देश अभी कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी स्टेज को संभालने की हालत में नहीं है।
मुंबई के धारावी स्लम जैसे सघन आबादी वाले इलाकों में भी कोरोना वायरस संक्रमण के केस पाये गए हैं, लेकिन अभी तक देश में कम्यूनिटी ट्रांसमिशन की स्थिति सामने नहीं आई है। इस बात पर भी गौर करना आवश्यक है कि भारत में अन्य यूरोपीय देशों और अमेरिका की तुलना में काफी कम टेस्ट हुए हैं, देश में सामने आए कोरोना वायरस संक्रमण के कम मामलों का एक कारण यह भी हो सकता है।
लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था को झटका लगना तो तय है। मुंबई जो कि देश की आर्थिक राजधानी है, देश के एक तिहाई कर की हिस्सेदार है। इस समय मुंबई कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित शहर है। मुंबई में कोरोना वायरस संक्रमण के 1259 मामले सामने आए हैं, जो महाराष्ट्र के सभी देश के सभी राज्यों से अधिक हैं।
देश में सेवा, निर्माण और अन्य तमाम क्षेत्रों को इस समय सीधा नुकसान पहुंचा है। ये क्षेत्र देश की आधी जीडीपी के हिस्सेदार हैं। हालांकि सरकार ने मौजूदा हालातों को ध्यान में रखते हुए कृषि क्षेत्र में छूट जरूर दी है, जिससे भविष्य में देश के पास पर्याप्त खाद्य सामग्री बनी रहे।
हालत अभी काबू से बाहर नहीं निकले हैं, ऐसे में अभी लॉकडाउन में ढील देने पर मामला बिगड़ भी सकता है और तब शायद देश को और अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़े। पीएम मोदी ने भी इस बात पर ज़ोर दिया है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था के ऊपर आए संकट को लेकर सभी जरूरी कदम उठा रही है।