लॉजिस्टिक्स भारत की नीति का केन्द्र बिंदु बन गया है: पीयूष गोयल
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान इन्वेंट्री में लगे माल के ढेर, कच्चे माल की ऊंची लागत, माल ढुलाई से संबंधित समस्याओं और कोविड-19 महामारी के असर जैसी चुनौतियों के बावजूद समग्र निर्यात में वृद्धि सराहनीय है.
केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि एक विकसित राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अग्रणी बनने की यात्रा में लॉजिस्टिक्स भारत की नीति निर्माण का केन्द्रबिंदु बन गया है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नवीन विचारों के जरिए सेवाओं की तेज आपूर्ति के मामले में आमूल परिवर्तन आया है.
नई दिल्ली में सेवाओं की तेज आपूर्ति से संबंधित रिपोर्ट के ICRIER द्वारा जारी किए जाने के अवसर पर अपने संबोधन के दौरान, केन्द्रीय मंत्री ने इस रिपोर्ट के लिए भारतीय अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंध अनुसंधान परिषद (ICRIER) की प्रशंसा की. इस रिपोर्ट का उद्देश्य उद्योग और सरकार के साथ साझेदारी करके समग्र लॉजिस्टिक्स प्रणाली को बेहतर बनाना है. उन्होंने कहा कि ICRIER सरकार और उद्योग के बीच सेतु का काम करता है. उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट की सिफारिशों को सार्थक तरीके से साकार व कार्यान्वित करने हेतु एक रूपरेखा बनाने के लिए उद्योग जगत के विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम करना चाहिए.
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान इन्वेंट्री में लगे माल के ढेर, कच्चे माल की ऊंची लागत, माल ढुलाई से संबंधित समस्याओं और कोविड-19 महामारी के असर जैसी चुनौतियों के बावजूद समग्र निर्यात में वृद्धि सराहनीय है. उन्होंने कहा कि सरकार चीजों को पुराने नजरिए से देखने और इतिहास के झिझक में जीने की मानसिकता को बदलने का सचेत प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान भारत से होने वाला कुल निर्यात लगभग 765 बिलियन अमेरिकी डॉलर का होने की उम्मीद है.
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार देश के लगभग हर कोने में 4जी और ब्रॉडबैंड इंटरनेट का जाल बिछाकर डिजिटल कनेक्टिविटी को देश भर में ले जाने पर ध्यान केन्द्रित कर रही है. उन्होंने कहा कि निर्बाध डिजिटल कनेक्टिविटी ने घर से काम करने की सुविधा देकर कोविड की अवधि के दौरान भारत को समय पर सेवाएं देने में समर्थ बनाया. उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों के दौरान सृजित किए गए एक विस्तृत डिजिटल नेटवर्क के जरिए सेवाओं की इस त्वरित आपूर्ति संबंधी उपलब्धि को लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में समय पर माल की डिलीवरी के लिए दोहराया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सेवाओं की त्वरित आपूर्ति की प्रणाली को अभी भारत में मौजूद अपार संभावनाओं के अनुरूप काम करना बाकी है. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि लॉजिस्टिक्स संबंधी लागत को कम करने के लिए टेक्नोलॉजी के जरिए व्यापकता, दक्षता और बिल्डिंग ब्लॉक्स का उपयोग किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार परियोजनाओं के चुस्त एवं तेज योजना निर्माण तथा कार्यान्वयन, एकीकृत लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए पीएम गतिशक्ति के जरिए बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से इस दिशा में कदम उठा रही है.
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि जब प्रधानमंत्री ने यह कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन में भारत दुनिया का एक भरोसेमंद भागीदार हो सकता है, तो यह संदेश गया कि भारत अपने पारदर्शी और नियम आधारित इकोसिस्टम और अपने अत्यधिक प्रतिभाशाली एवं प्रतिबद्ध मानव संसाधन के साथ अपना योगदान देने के लिए तैयार है. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि विश्वास, पारदर्शिता और प्रतिभा हमें अपना व्यापार में करने में मदद करेगी.
उन्होंने कहा कि भारत के लिए प्रधानमंत्री का विजन बड़ा एवं साहसिक है और पूरी दुनिया भारत की ओर इस आशा एवं विश्वास भरी नजरों से देख रही है कि यह देश कुछ कर सकता है. उन्होंने स्टार्टअप के क्षेत्र में युवाओं द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की और उन्हें बड़ा सोचने तथा भारत को एक विकसित देश बनाने की दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया.
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान रेलगाड़ियों द्वारा तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन और हवाई परिवहन सेवाओं द्वारा खाली कंटेनरों के परिवहन सहित प्रधानमंत्री के अभिनव विचारों से सेवाओं की आपूर्ति में लगने वाले समय में उल्लेखनीय कमी आई और कई लोगों की जान बचाई गई. उन्होंने भारत की सफलता का निर्धारण करने में गति के महत्व पर जोर दिया और नए विचारों एवं देश के लिए एकजुटता की भावना से काम करने के तरीकों को अपनाने का आह्वान किया.