महाराष्ट्र में ट्रांसजेंडर्स के लिए राशन कार्ड बनवाना हुआ आसान, सरकार ने दी ये बड़ी छूट
कोविड महामारी के समय महाराष्ट्र से ऐसी रिपोर्ट सामने आई थीं कि वहां 52 फीसदी ट्रांसजेंडर लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है.
महाराष्ट्र सरकार ने ट्रांसजेंडर के संबंध में एक बड़ा फैसला लेते हुए उनके लिए राशन कार्ड बनवाने की प्रक्रिया को थोड़ा और आसान कर दिया है. कोविड महामारी के समय महाराष्ट्र से ऐसी रिपोर्ट सामने आई थीं कि वहां 52 फीसदी ट्रांसजेंडर लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है. इस वजह से पैनडेमिक के दौरान काम बंद हो जाने पर उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा था. राशन कार्ड न होने की वजह से उन्हें सरकार से रियायती दरों में राशन की सुविधा भी नहीं मिल पा रही थी.
अब महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे की सरकार द्वारा जारी किए गए नए आदेश में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को थोड़ी राहत दी गई है. अब सरकार नए राशन कार्ड के लिए आवेदन करने वाले ट्रांसजेंडरों को आवासीय प्रमाण (residential Proof) और पहचान प्रमाण (Identity Proof) में छूट देगी.
सरकार ने फैसला किया है कि थर्ड जेंडर समुदाय के जिन भी लोगों का नाम राज्य एड्स नियंत्रण समिति में रजिस्टर्ड है, वो राशन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं और सरकार उनके आवेदन पर विचार करेगी. राज्य एड्स नियंत्रण समिति में रजिस्ट्रेशन को उनका प्रमाण पत्र माना जाएगा. साथ ही यदि उनके पास मतदाता पहचान पत्र यानि वोटर आई कार्ड है और उस कार्ड में उनकी पहचान थर्ड जेंडर के रूप में की गई है, तो उस पहचान पत्र के आधार पर भी अब वे राशन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं.
गरीबी रेखा ने नीचे जीवन यापन करने के बावजूद 50 फीसदी से ज्यादा ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के पास राशन कार्ड न होने की वजह ये है कि वे अपना पहचान और आवासीय प्रमाण पत्र साबित नहीं कर पाते. अकसर उनके पास कोई आइडेंटिटी प्रूफ नहीं होता है, जिसकी उनका नाम पता, पता और पहचान साबित हो.
सरकार के नए नियम के मुताबिक अब इन प्रमाण पत्रों के बिना भी यदि राज्य की एड्स नियंत्रण समिति में किसी थर्ड जेंडर के व्यक्ति का नाम रजिस्टर्ड है तो वह उस प्रमाण के आधार पर राशन कार्ड के लिए आवेदन कर सकता है.
तीन साल पहले आए सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने समलैंगिता को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया था, धीरे-धीरे जीवन और कानून के विभिन्न पहलुओं में ट्रांसजेंडर के लिए बराबरी की जगह बन रही है.
पिछले दिनों ही महाराष्ट्र के जलगांव में एक भदली बुद्रुक नामक गांव में एक थर्ड जेंडर की महिला अंजलि पाटिल पंचायत की पहली सरपंच बनीं. उन्होंने अपने काम से गांव की तस्वीर बदल दी है.
इसके पहले कर्नाटक सरकार ने भी राज्य सशस्त्र बल में तीसरे जेंडर के पुरुषों को आरक्षण देने की घोषणा की थी. कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने घोषणा की कि राज्य सशस्त्र बल के 3484 में से 79 पद तीसरे जेंडर के पुरुषों के लिए आरक्षित किए जाएंगे.
महाराष्ट्र सरकार ने पिछले दिनों गलत ढंग से बनवाए गए जाली और डुप्लीकेट राशन कार्ड के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए तकरीबन 21.03 लाख राशन कार्ड रद्द कर दिए थे. वर्ष 2017 से 2021 के बीच पूरे देश में तकरीबन 2 करोड़ 41 लाख गलत ढंग से बनवाए गए नकली और डुप्लीकेट राशन कार्ड्स को रद्द किया जा चुका है.
Edited by Manisha Pandey