Meta ने इतिहास में पहली बार कैंडिडेट्स से जॉब ऑफर वापस लिया, फरवरी में होनी थी जॉइनिंग
टेक राइटर ग्रेगली ओरेस्ज के मुताबिक मेटा ने लंदन में कुछ जॉब ऑफर रद्द किए हैं. ग्रेगली ने उन डिवेलपर्स से बात की है जिनका ऑफर मेटा ने कैंसिल किया है. इन ग्रेजुएट्स की नौकरी फरवरी में शुरू होने वाली थी. ग्रेगली ने लिखा है कि वो कम से कम ऐसे 20 लोगों को जानते हैं.
नए साल के शुरू होने के साथ ही छंटनी का दौर भी और गहरा गया है. मेटा जो पहले फेसबुक नाम से जानी जाती थी उसने कथित तौर पर कुछ भावी एंप्लॉयीज से फुल-टाइम एंप्लॉयमेंट ऑफर वापस ले लिए हैं. मेटा के अपने इतिहास में ये पहली बार है जब कंपनी ने इस तरह का कदम उठाया है.
टेक राइटर ग्रेगली ओरेस्ज के मुताबिक मेटा ने लंदन में कुछ जॉब ऑफर रद्द किए हैं. ग्रेगली ने उन डिवेलपर्स से बात की है जिनका ऑफर मेटा ने कैंसिल किया है. इन ग्रेजुएट्स की नौकरी फरवरी में शुरू होने वाली थी, मेटा ने थोक में ये सभी ऑफर वापस ले लिए हैं. ग्रेगली ने लिखा है कि वो कम से कम ऐसे 20 लोगों को जानते हैं.
ग्रेगली ने एक ट्वीट में लिखा, ऐसा पहली बार है जब मैंने सुना है कि मेटा साइन किए हुए, फुल टाइम एंप्लॉयमेंट (FTE) वापस ले रही है. वैसे तो मेटा को छंटनी करते हुए कुछ महीने हो गए हैं, लेकिन कुछ हफ्ते पहले तक ऐसा कहा जा रहा था कि FTE ऑफर सेफ हैं. उन पर छंटनी का साया नहीं पड़ेगा लेकिन ये अनुमान भी गलत साबित हो गया है.
ग्रेगली ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में मेटा में छंटनी की खबर सुनकर कैंडिडेट्स अपने ऑफर को लेकर परेशान हो गए थे. तब रिक्रूटर्स ने उनसे स्थिति साफ करते हुए कहा था कि उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है और जिन्हें FTE जॉब ऑफर मिले हैं वो सेफ हैं.
ग्लोबल टेक इंडस्ट्री में मेटा की तरफ से अब तक का सबसे खराब लेऑफ देखा जा रहा है. कंपनी ने 10000 एंप्लॉयीज को बाहर का रास्ता दिखाया है. मेटा की भारतीय टीम पर भी इसका असर दिखा है हालांकि दूसरे देशों में हुई छंटनी के मुकाबले ये काफी कम है.
पिछले साल नंवबर में ही मेटा फाउंडर और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने ग्लोबल वर्कफोर्स से 13 फीसदी लोगों की छंटनी कर दी थी. साथ ही हायरिंग फ्रीज यानी रोक को 2023 की पहली तिमाही तक बढ़ा दिया था.
जुकरबर्ग ने कहा था कि जिन लोगों को निकाला जा रहा है उन्हें हर साल की सर्विस के बदले मिलने वाली 2 सप्ताह की सैलरी के साथ ही 16 सप्ताह के बेस पे के बराबर रकम दी जाएगी.
यह भुगतान सभी को किया जाएगा और सभी इसके लिए योग्य होंगे. उन्होंने कहा, अमेरिका के बाहर कंपनी ने जिन लोगों को निकाला है उन्हें भी वहां के स्थानीय रोजगार कानून के हिसाब से इसी तरह का भुगतान किया जाएगा.
आपको बता दें कि 2023 में मंदी के डर से ट्विटर के नक्शेकदम पर चलते हुए ऐमजॉन और सेल्सफोर्स जैसी कई कंपनियों ने हजारों एंप्लॉयीज को बाहर निकाला है.
Edited by Upasana