Microsoft के CyberShikshaa प्रोग्राम से आप भी बन सकते हैं साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट
माइक्रोसॉफ्ट का लक्ष्य अगले तीन वर्षों में 45,000 लोगों को कुशल बनाने और सीखने वाले 10,000 लोगों को रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराना है. कंपनी का दावा है कि अब तक 1,100 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया और साइबरसुरक्षा से जुड़ी भूमिकाओं में 800 लोगों को रोज़गार दिया जा चुका है.
देश में साइबरसिक्योरिटी (Cybersecurity) ईकोसिस्टम के मजबूती से समर्थन देते हुए माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (DSCI), टाटा स्ट्राइव (Tata STRIVE) और आईसीटी एकेडमी (ICT Academy) के साथ मिलकर साइबरशिक्षा (CyberShikshaa) प्रोग्राम का विस्तार करने की घोषणा की है. अगले तीन वर्षों में इस कार्यक्रम का उद्देश्य साइबरसिक्योरिटी के क्षेत्र में तकनीकी कुशलताओं के साथ करियर बनाने के लिए 45,000 महिलाओं और पिछड़े तबके के युवाओं तक पहुंचने का है. इसके साथ ही कार्यक्रम कुशलता सीखने वाले 10,000 लोगों को इंटर्नशिप या रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराना भी इसका एक लक्ष्य है.
देश में साइबरसुरक्षा की विविधता से भरी प्रतिभाओं का मज़बूत समूह तैयार करने के उद्देश्य से साइबरशिक्षा की शुरुआत 2018 में माइक्रोसॉफ्ट और DSCI ने की थी. इसने अब तक विभिन्न ट्रेनिंग बैच के माध्यम से 1,100 महिलाओं को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है और 800 से ज़्यादा महिलाओं को रोज़गार उपलब्ध कराए हैं. साइबरसिक्योरिटी बिगनर्स मॉड्यूल में पिछड़े तबके के 5,000 से ज़्यादा युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है. आईसीटी एकेडमी के साथ साइबरशिक्षा फॉर एजुकेटर्स, साइबरशिक्षा पोर्टफोलियो के अंतर्गत की गई एक नई शुरुआत है. इसकी शुरुआत जून, 2022 में 400 शिक्षकों को साइबरसिक्योरिटी ट्रेनिंग देने के लिए की गई थी जिससे 100 ग्रामीण तकनीकी संस्थानों में पिछड़े तबके के 6,000 छात्रों को साइबरसिक्योरिटी के क्षेत्र में करियर बनाने में मदद मिलेगी और साथ ही 1,500 से ज़्यादा छात्रों को नौकरियों के अवसर उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी.
पांचवे वर्ष में साइबरशिक्षा इस प्रोग्राम के विस्तार पर ज़ोर देगा, इसके तहत् उद्योग से जुड़ी साझेदारियों का लाभ उठाया जाएगा और बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज़ और इंश्योरेंस (बीएफएसआई) उद्योग के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी. देश के अर्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों तक अपनी पहुंच का विस्तार करते हुए यह प्रोग्राम साइबरसिक्योरिटी प्रोडक्ट डेवलपमेंट के लिए एआई/एमएल ट्रेनिंग उपलब्ध कराएगा और "रेडी4साइबरसिक्योरिटी" नामक बेहतर साइबरसिक्योरिटी बिगनर्स प्रोग्राम के माध्यम से साइबरसिक्योरिटी सर्टिफिकेशन की सुविधा दी जाएगी. ग्रामीण इलाकों में रहने वाले पिछड़े तबके के 10,000 से ज़्यादा युवाओं को रेडी4साइबरसिक्योरिटी सर्टिफिकेशन की सुविधा मिलेगी.
यह घोषणा नई दिल्ली में राम वेदश्री, पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी, DSCI, टॉम बर्ट, कॉरपोरेट वाइस प्रेसिडेंट - कस्टमर सिक्योरिटी एंड ट्रस्ट, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प, डॉ. रोहिणी श्रीवत्स, नेशनल टैक्नोलॉजी ऑफिसर, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया, हरि बालचंद्रन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आईसीटी एकेडमी और राजर्षि मुखर्जी, प्रिंसिपल लीड - पार्टनरशिप्स, टाटा स्ट्राइव की उपस्थिति में की गई. माइक्रोसॉफ्ट और DSCI ने इंपैक्ट समरी भी रिलीज़ की है जिसमें पिछले चार वर्षों के प्रतिभागियों की कहानियां भी साझा की गई हैं.
साइबरसिक्योरिटी वेंचर्स के मुताबिक, वर्ष 2025 तक दुनिया भर में साइबरसिक्योरिटी क्षेत्र में 35 लाख नौकरियां होंगी यानी आठ वर्षों की अवधि में 350 फीसदी की वृद्धि हुई है. भारत में साइबरसिक्योरिटी से जुड़ी नौकरियां 2028 तक 32 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान है, फिर भी प्रतिभाओं की 42 फीसदी तक कमी रहेगी. साइबरसिक्योरिटी के क्षेत्र में देश में सिर्फ 21 फीसदी महिलाएं ही हैं. विविधता से भरपूर साइबरसिक्योरिटी क्षेत्र में प्रतिभाओं की भारी कमी को देखते हुए उन समूहों को कुशल बनाकर और नौकरी देकर इस कमी को पूरा करने की अपार संभावनाएं हैं जिनका प्रतिनिधित्व कम है या नहीं के बराबर है. चूंकि साइबर अपराध करने वाले लोग अलग-अलग पृष्ठभूमियों से आते हैं, तो ऐसे अपराधों को रोकने वाले लोग भी उतनी ही अलग-अलग पृष्ठभूमि से होने चाहिए, ताकि वे उन समस्याओं को समझ सकें और उनके खिलाफ सफलता पा सकें. साइबरसुरक्षा के क्षेत्र में महिलाओं के लिए करियर बनाने का रास्ता साफ करने के उद्देश्य से साइबरशिक्षा लैंगिक असमानता और पिछड़े तबके के समुदायों को सशक्त बनाने के दोहरे लक्ष्यों को पूरा करता है. इसके लिए तकनीकी प्रशिक्षण, मेंटरिंग इंटर्नशिप और रोज़गार के अवसरों का इस्तेमाल किया जाएगा.
रामा वेदश्री, पूर्व सीईओ, DSCI जिन्होंने शुरुआत से ही इस प्रोग्राम का मार्गदर्शन किया है. ने कहा, "सरकार और उद्योग सुरक्षित और मज़बूत साइबरस्पेस बनाने की दिशा में पहले के मुकाबले कहीं अधिक मिलजुलकर काम कर रहे हैं. पिछले चार वर्षों में हमने देखा है कि इस प्रोग्राम ने महिलाओं को साइबरसिक्योरिटी के क्षेत्र में कुशलता और रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराकर बहुत असर डाला है. हमें पूरा भरोसा है कि कुछ खास क्षेत्रों को ध्यान में रखकर विशेष ट्रेनिंग के लिए साइबरशिक्षा के विस्तार से कुशलता की कमी को पूरा करने और संगठनों को उद्योग के लिहाज़ से तैयार प्रतिभाएं उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी."
अनीता राजन, सीईओ, टाटा स्ट्राइव ने कहा, "साइबरसिक्योरिटी पेशेवरों की बढ़ती ज़रूरत और इस क्षेत्र में कुशल प्रतिभाओं की कमी को देखते हुए संगठनों के लिए विविधता से भरपूर प्रतिभाओं का समूह तैयार करना सबसे अहम है. छात्रों को प्रशिक्षित करने और उन्हें रोज़गार या इंटर्नशिप के अवसरों से जोड़ने से महिला पेशेवरों को वृद्धि के वास्तविक अवसर मिलेंगे. हमें साइबरशिक्षा के साथ साझेदारी करने और पूरे देश में कुशलता के प्रयासों के माध्यम से ईकोसिस्टम को मज़बूत करने में मदद मिलेगी."
हरि बालचंद्रन, सीईओ, आईसीटी एकेडमी ने कहा, "युवाओं को भविष्य के कार्यों के लिए तैयार करने के मिशन के अंतर्गत आईसीटी एकेडमी को साइबरसिक्योरिटी के क्षेत्र में शिक्षकों और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट के साथ साझेदारी करने की बेहद खुशी है. अक्सर तकनीकी प्रशिक्षण या औपचारिक सर्टिफिकेशन, साइबरसिक्योरिटी के क्षेत्र में करियर बनाने वाली महिलाओं के लिए बाधा होती है. ग्रामीण छात्रों तक पहुंचने, महिलाओं के बीच जागरूकता का प्रसार करने और सुविधा के हिसाब से सीखने में उनकी मदद करने से इस क्षेत्र में नए लोग और महिला पेशेवर तैयार होंगे. शिक्षकों को सशक्त बनाने से भी कुशल पेशेवर बनाने की दिशा में सकारात्मक असर देखने को मिलेगा."
डॉ. रोहिणी श्रीवत्सा, नेशनल टैक्नोलॉजी ऑफिसर, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने कहा, "साइबरसिक्योरिटी से जुड़े खतरे गंभीर होते जा रहे हैं, ऐसे में जांच करने में साइबरसिक्योरिटी से जुड़़ी कुशलता महत्वपूर्ण है. ये चुनौतियां कुशल लोगों की कमी की वजह से और भी गंभीर हो जाती हैं. पिछले एक वर्ष के दौरान साइबरसिक्योरिटी कुशलताओं की मांग में करीब 51 फीसदी की वृद्धि हुई है, लेकिन खाली जगहों को भरने के लिए ज़रूरी साइबरसिक्योरिटी कुशलताओं से युक्त लोगों की कमी है. साइबरशिक्षा के माध्यम से सतत प्रशिक्षण और उसके बाद मिलने वाले रोज़गार के अवसर के साथ माइक्रोसॉफ्ट और उसके साझेदार, सिक्योरिटी नेतृत्व की नई पीढ़ी तैयार करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं और भारत में उभरते हुए व विविधता से भरपूर कार्यबल तैयार करने की दिशा में काम कर रहे हैं."
साइबरशिक्षा ट्रेनिंग पाठ्यक्रम में अलग-अलग मॉड्यूल में 400 घंटे से ज़्यादा की गहन ट्रेनिंग दी जाती है जिसमें इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी, ऐप्लिकेशन सिक्योरिटी, क्लाउड सिक्योरिटी, साइबर फोरेंसिक, क्रिप्टोग्राफी और नेटवर्क सिक्योरिटी जैसी चीज़ें शामिल हैं. इसके अलावा कार्यस्थल पर बातचीत करने, ईमेल के तरीके और इंटरव्यू की तैयारी जैसी रोज़गार के लिए ज़रूरी कुशलताएं भी सिखाई जाती हैं. इस कार्यक्रम के अंतर्गत सीखने के कई प्रयास शामिल हैं:
- CyberShikshaa - DSCI और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के प्रयास इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी एजुकेशन एंड अवेयरनेस (आईएसईए), सी-डैक और एनआईईएलआईटी जैसे ट्रेनिंग पार्टनर्स के माध्यम से साइबरसिक्योरिटी के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए टियर 2 और टियर 3 शहरों की युवा महिलाओं और लड़कियों को प्रशिक्षित करता है.
- CyberShikshaa+ - टाटा स्ट्राइव के साथ मिलकर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ और टाटा कम्युनिकेशंस, साइबरसुरक्षा से जुड़ी नौकरियों के लिए ग्रामीण कॉलेज में युवा महिलाओं और लड़कियों को प्रशिक्षित करते हैं.
- CyberShikshaa for Educators - को साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में इंटर्नशिप या नौकरियों के लिए ग्रामीण तकनीकी संस्थानों के शिक्षकों और छात्रों को कुशल बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
- CyberShikshaa Women in Break - डेटा प्राइवेसी पर आधारित एक ट्रेनिंग प्रोग्राम है जो ऐसी महिलाओं के लिए है जो एक अंतराल के बाद अपना करियर शुरू करने के अवसर तलाश रही हों.
- Ready4Cybersecurity - ग्रामीण कॉलेजों और उच्च शिक्षण संस्थानों में शुरुआती लोगों के लिए जागरूकता कार्यक्रम है जिसमें इंडस्ट्री सर्टिफिकेशन और इंटर्नशिप के अवसर उपलब्ध हैं.
- CyberShikshaa Mentorship - साइबरशिक्षा छात्राओं को तकनीकी ज्ञान, इंडस्ट्री तक पहुंच और रोज़गार पाने से जुड़ी कुशलताएं हासिल करने के अवसर उपलब्ध कराता है. इसके तहत् माइक्रोसॉफ्ट सिक्योरिटी में विशेषज्ञ लोगों द्वारा प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाता है.
- CyberShikshaa Customer Partnerships - कॉरपोरेट संगठनों और उद्योग संगठनों के साथ साइबरशिक्षा कस्टमर पार्टनरशिप को रोज़गार, इंटर्नशिप और उद्योग तक पहुंच के हिसाब से सत्रों के लिहाज़ से डिज़ाइन किया गया है, ताकि उद्योग के लिए साइबरसिक्योरिटी से जुड़ी प्रतिभाओं का विविधताओं से भरपूर समूह तैयार किया जा सके.
साइबरशिक्षा ट्रेनिंग पूरे भारत में 100 से अधिक केंद्रों में कराई जाती है, इसमें आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, दिल्ली एनसीआर, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. प्रशिक्षण संस्थानों, उद्योग संगठनों, गैर-लाभकारी संस्थानों, सरकारी और कॉरपोरेट संगठनों के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से साइबरशिक्षा ने साझेदारियों का मज़बूत ईकोसिस्टम तैयार किया है जो साइबरसुरक्षा के प्रति जागरूकता का प्रसार करने और कुशलता की दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है.
Google बढ़ाएगा वर्कस्पेस स्टोरेज, अब ऑनलाइन मिलेगा 2000 फिल्मों जितना स्पेस