Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

पिघली हुई बर्फ से बने गंगा जल से हिमालय में उगाई बाजरे की फसल; डेनमार्क होगी एक्सपोर्ट

उत्तराखंड की पहाड़ियों में बाजरा की किस्में भोजन का प्रमुख हिस्सा है। राज्य सरकार जैविक खेती का समर्थन करती रही है। UKAPMB एक अनूठी पहल के माध्यम से जैविक प्रमाणीकरण प्राप्त के लिए हजारों किसानों का समर्थन कर रहा है। यहां मुख्यत: रागी, बार्नयार्ड मिलेट, अमरनाथ आदि जैसे बाजरा की किस्में उगती हैं।

पिघली हुई बर्फ से बने गंगा जल से हिमालय में उगाई बाजरे की फसल; डेनमार्क होगी एक्सपोर्ट

Thursday May 06, 2021 , 4 min Read

देश से जैविक उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, देवभूमि (देव भूमि) में पिघली हुई बर्फ से बने गंगा जल से हिमालय में उगाए गए बाजरा की पहली खेप, उत्तराखंड से डेनमार्क को निर्यात (Export) की जाएगी।

f

सांकेतिक चित्र (साभार: Pinterest)

एपीडा (APEDA), उत्तराखंड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड (UKAPMB) और एक निर्यातक के रूप में जस्ट ऑर्गनिक उत्तराखंड के किसानों से रागी (फिंगर मिलेट), और झिंगोरा (बार्न यार्ड मिलेट) खरीदकर और उसे प्रसंस्कृत निर्यात करता है, जो यूरोपीय संघ के जैविक प्रमाणीकरण मानकों को पूरा करता है।


UKAPMB ने इन किसानों से सीधे बाजरे की खरीद की है, जिन्हें मंडी बोर्ड द्वारा निर्मित और जस्ट ऑर्गनिक द्वारा संचालित अत्याधुनिक प्रसंस्करण इकाई में प्रसंस्कृत किया गया है।

इस मौके पर APEDA के अध्यक्ष डॉ. एम. अंगामुथु ने कहा, “बाजरा भारत की एक अद्भुत फसल है जिसकी वैश्विक बाजार में बेहद मांग है। हम हिमालय से आने वाले उत्पादों पर विशेष ध्यान देने के साथ बाजरा का निर्यात बढ़ाने पर खास जोर देंगे।”

उन्होंने कहा कि भारतीय जैविक उत्पाद अपनी पोषकता और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होने की खासियत की वजह से विदेशी बाजार में अधिक मांग प्राप्त कर रहे हैं।


उत्तराखंड की पहाड़ियों में बाजरा की किस्में भोजन का प्रमुख हिस्सा है। उत्तराखंड सरकार जैविक खेती का समर्थन करती रही है। UKAPMB एक अनूठी पहल के माध्यम से जैविक प्रमाणीकरण प्राप्त के लिए हजारों किसानों का समर्थन कर रहा है। ये किसान मुख्य रूप से रागी, बार्नयार्ड मिलेट, अमरनाथ आदि जैसे बाजरा की किस्में पैदा करते हैं।


डेनमार्क को बाजरा के निर्यात से यूरोपीय देशों में निर्यात के अवसरों का विस्तार होगा। निर्यात से जैविक खेती से जुड़े हुए हजारों किसानों को भी फायदा मिलेगा। उच्च पोषकता और ग्लूटेन मुक्त होने के कारण भी बाजरा विश्व स्तर पर बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।


इस बीच पिछले वित्त वर्ष (2019-20) की अप्रैल-फरवरी की अवधि की तुलना में अप्रैल-फरवरी (2020-21) के दौरान भारत में जैविक खाद्य उत्पादों का निर्यात 51 फीसदी बढ़कर 7078 करोड़ रुपये (1040 मिलियन डॉलर) हो गया है। वहीं मात्रा के आधार पर अप्रैल-फरवरी (2019-20) में 638,998 मीट्रिक टन की तुलना में अप्रैल-फरवरी (2020-21) के दौरान जैविक खाद्य उत्पादों का निर्यात 39 फीसदी बढ़कर 888,179 मीट्रिक टन हो गया है। कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न लॉजिस्टिक और परिचालन चुनौतियों के बावजूद जैविक उत्पादों के निर्यात में वृद्धि हासिल हुई है।


ऑयल केक देश से जैविक उत्पाद निर्यात की एक प्रमुख उत्पाद है। जिसके बाद ऑयल सीड, फलों की पल्प और प्यूरी, अनाज और बाजरा, मसाले, चाय, औषधीय पौधों के उत्पाद, सूखे फल, चीनी, दालें, कॉफी, आवश्यक तेल आदि शामिल हैं। भारत के जैविक उत्पादों को संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा, ग्रेट ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड, इजरायल और दक्षिण कोरिया सहित 58 देशों में निर्यात किया जाता है।


वर्तमान में उन जैविक उत्पादों का निर्यात किया जाता है जो जैविक उत्पादन के राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPOP) की आवश्यकताओं के अनुसार फसलों का उत्पादन, प्रसंस्करण, पैकिंग और लेबल किए जाते हैं। NPOP को APEDA ने 2001 में अपनी स्थापना के बाद से लागू किया है। जिसे विदेशी व्यापार (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1992 के तहत अधिसूचित किया गया है।


NPOP प्रमाणीकरण को यूरोपीय संघ और स्विट्जरलैंड द्वारा मान्यता दी गई है। जो अतिरिक्त प्रमाणन की आवश्यकता के बिना भारत को इन देशों से बिना प्रमाणीकरण के प्रसंस्कृत पौधों के उत्पादों का निर्यात करने में सक्षम बनाता है। NPOP ब्रेक्जिट के बाद भी यूनाइटेड किंगडम में भारतीय जैविक उत्पादों के निर्यात की सुविधा प्रदान करता है।


प्रमुख आयात करने वाले देशों के बीच व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए, भारत से जैविक उत्पादों के निर्यात के लिए आपसी समझौते करने के लिए ताइवान, कोरिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, न्यूजीलैंड के साथ बातचीत चल रही है।


NPOP को भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा घरेलू बाजार में जैविक उत्पादों के व्यापार के लिए भी मान्यता दी गई है। एनपीओपी के साथ द्विपक्षीय समझौते के तहत शामिल उत्पादों को भारत में आयात के लिए दोबारा प्रमाणीकरण की जरूरत नहीं है।