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गेमिंग पर 28% GST के बाद MPL ने 350 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

MPL के को-फाउंडर साई श्रीनिवास ने सभी कर्मचारियों को एक आंतरिक ईमेल में कहा कि 28% टैक्स से कंपनी पर टैक्स 350-400% तक बढ़ जाएगा.

गेमिंग पर 28% GST के बाद MPL ने 350 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

Wednesday August 09, 2023 , 2 min Read

रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म Mobile Premier League (MPL) ने लगभग 350 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. यह संख्या कंपनी की कुल वर्कफोर्स का 50 फीसदी है.

रिपोर्ट्स के अनुसार, MPL के को-फाउंडर साई श्रीनिवास ने छंटनी के इस दौर के कारणों में से एक के रूप में गेमिंग कंपनियों के लिए नई जीएसटी व्यवस्था का हवाला दिया. श्रीनिवास ने सभी कर्मचारियों को एक आंतरिक ईमेल में कहा कि 28% टैक्स से कंपनी पर टैक्स 350-400% तक बढ़ जाएगा.

YourStory ने कर्मचारियों को भेजे गए ईमेल की कॉपी देखी है.

श्रीनिवास ने कहा, "एक डिजिटल कंपनी के रूप में, हमारी परिवर्तनीय लागत में मुख्य रूप से लोग, सर्वर और ऑफिस इनफ्रास्ट्रक्चर शामिल होते हैं. इसलिए हमें कंपनी चलाते रहने और यह सुनिश्चित करने के लिए इन खर्चों को कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए कि हमारा बिजनेस व्यवहार्य बना रहे."

को-फाउंडर ने कहा, "हमने पहले ही अपने सर्वर और ऑफिस इनफ्रास्ट्रक्चर की लागतों पर दोबारा गौर करने का काम शुरू कर दिया है... हालांकि, इसके बावजूद, हमें अभी भी लोगों से संबंधित लागतों को कम करना होगा. अफसोस की बात है कि हमें आप में से लगभग 350 लोगों को जाने देना होगा."

जीएसटी का असर

सरकार ने कहा कि वह 1 अक्टूबर को लागू होने के छह महीने बाद ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनो पर 28% टैक्स पर पुनर्विचार करेगी. वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि कैसीनो, रेस कोर्स और ऑनलाइन गेमिंग में आपूर्ति के पूर्ण अंकित मूल्य पर 28% जीएसटी लगाया जाएगा, परिणामस्वरूप अधिक रेवेन्यू हासिल होगा.

हालाँकि, कई गेमिंग कंपनियों और ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन जैसे उद्योग संघों ने राय दी है कि यह निर्णय अल्पावधि में इस क्षेत्र में तबाही मचा सकता है, विशेष रूप से नौकरी छूटने के रूप में, जिसके परिणामस्वरूप केवल कुछ ही स्टार्टअप काम करने के इच्छुक होंगे.

क्षेत्र में खिलाड़ियों और दर्शकों ने चेतावनी दी है कि ऑनलाइन गेमिंग में हाई टैक्स स्लैब में बदलाव के परिणामस्वरूप गेमर्स पूरी तरह से टैक्स का भुगतान करने से बचने के लिए भारत के बाहर के प्लेटफार्मों की ओर पलायन कर सकते हैं.

(Translated by: रविकांत पारीक)

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Edited by रविकांत पारीक