अगले 30-60 दिनों में सेमीकंडक्टर यूनिट के प्रस्तावों को मंजूरी दे सकती है केंद्र सरकार
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को कहा कि सरकार अगले 30-60 दिनों में देश में इलेक्ट्रॉनिक चिप और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के प्रस्तावों को मंजूरी देना शुरू कर सकती है.
IESA Vision Summit में बोलते हुए, चंद्रशेखर ने कहा कि पिछले 8-9 महीनों में देश में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के विकास में जबरदस्त प्रगति हुई है.
सरकार को 1.53 लाख करोड़ रुपये के निवेश से इलेक्ट्रॉनिक चिप और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए पांच कंपनियों से प्रस्ताव मिले हैं.
Vedanta Foxconn JV, IGSS Ventures, ISMC ने 13.6 बिलियन अमरीकी डॉलर के निवेश के साथ इलेक्ट्रॉनिक चिप मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है और ₹ 76,000 करोड़ सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम (Semicon India Programme) के तहत केंद्र से 5.6 बिलियन अमरीकी डॉलर का समर्थन मांगा है.
"अगले कुछ महीनों में, मुझे लगता है कि अगले 30 से 60 दिनों में... भारत सरकार और भारत सेमीकंडक्टर मिशन उन प्रस्तावों को मंदूरी देंगे जिन्हें जांच लिया गया है और और निवेश पारित कर दिया है," चंद्रशेखर ने कहा.
उन्होंने कहा कि उद्योग में बहुत रुचि है और वेफर निर्माण संयंत्रों में निवेश से लेकर सिलिकॉन कंपाउंड से लेकर पैकेजिंग और टेस्टिंग तक कई प्रस्ताव हैं.
चंद्रशेखर ने कहा, "राज्य सरकारों ने कुछ जबरदस्त तत्परता दिखाई है. गुजरात, कर्नाटक जैसी राज्य सरकारों ने इस नए अवसर, विकास के अवसर, और रोजगार सृजन, निवेश और नवाचार को देखने के लिए जबरदस्त सक्रिय प्रतिक्रिया दिखाई है."
Vedanta Foxconn JV ने गुजरात में एक इलेक्ट्रॉनिक चिप मैन्युफैक्चरिंग युनिट स्थापित करने की योजना की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर सेक्टर में महत्वपूर्ण निवेश की आवश्यकता है और सरकार इस सेक्टर को एक लंबे खेल के रूप में देख रही है.
"इस साल अकेले, हम 15 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक का निर्यात पार करेंगे, जहां एक समय 2014 में हमारा शून्य निर्यात था. समग्र क्षेत्र के रूप में इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए हमारा लक्ष्य 2025 तक 300 बिलियन अमरीकी डॉलर का मैन्युफैक्चरिंग और 120 बिलियन अमरीकी डॉलर का निर्यात है." चंद्रशेखर ने कहा.
एक स्टडी का हवाला देते हुए, इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (IESA) के अध्यक्ष विवेक त्यागी ने कहा कि भारत 2022 में लगभग 27 बिलियन अमरीकी डॉलर वैल्यू के सेमीकंडक्टर का उपभोग करेगा.
"सेमीकंडक्टर की यह खपत 2026 तक लगभग 70 बिलियन अमरीकी डॉलर तक बढ़ जाएगी. यह एक बड़े बाजार की तरह लगता है, लेकिन उन 27 बिलियन अमरीकी डॉलर के सेमीकंडक्टर में से केवल 10 प्रतिशत ही वास्तव में भारत में खरीदे गए थे. यह चिंता का कारण है और IESA और उद्योग के रूप में हम स्थिति को सुधारने के लिए सभी को काम करने की जरूरत है. अगर हम भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो इसमें सुधार किया जा सकता है," त्यागी ने कहा.
उन्होंने कहा कि सरकार के प्रोत्साहन ने इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को बढ़ावा दिया है लेकिन अधिकांश प्रोडक्ट्स भारत में असेंबल हो रहे हैं.
त्यागी ने कहा, "एक बार जब यहां प्रोडक्ट्स तैयार हो जाएंगे तो... देश में मूल्यवर्धन का एक अलग स्तर होगा."
उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग की शुरुआत से पहले भारत में इलेक्ट्रॉनिक चिप्स को असेंबल करने और टेस्ट करने का चलन र है.
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