मुद्रा लोन: पिछले 3 वर्षों में हैंडलूम सेक्टर को कितने करोड़ के कर्ज हुए मंजूर, सरकार का ये है जवाब
ये लोन कंसेशनल क्रेडिट/बुनकर मुद्रा योजना के तहत मंजूर हुए हैं.
पिछले 3 वर्षों और चालू वित्त वर्ष में 31 अक्टूबर 2022 तक हथकरघा यानी हैंडलूम सेक्टर को 246.24 करोड़ रुपये की ऋण राशि के साथ 44,037 मुद्रा ऋण स्वीकृत किए गए हैं. ये लोन कंसेशनल क्रेडिट/बुनकर मुद्रा योजना के तहत मंजूर हुए हैं. यह जानकारी केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने हाल ही में लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी.
भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय ने सभी बैंकों और राज्य सरकारों के चेयरमैन/सीईओ/एमडी/प्रेसिडेंट को योजना के बारे में बैंक शाखाओं को संवेदनशील बनाने, पोर्टल पर रजिस्टर करने, ऋणों की शीघ्र स्वीकृति/डिस्बर्समेंट और देश भर में बुनकरों के लिए ऋण व ऋण राशि की बढ़ती संख्या की प्रगति की निगरानी के लिए नियमित बैठकें आयोजित करने के लिए लिखा है.
राज्य सरकारें क्या करें
कपड़ा मंत्रालय ने राज्य सरकारों से अनुरोध किया है कि वे हैंडलूम पॉकेट्स के लिए अधिक से अधिक संख्या में ऋण आवेदनों को स्पॉन्सर करें. इसके अलावा, ऋण लाभ प्राप्त करने के लिए हथकरघा बुनकरों को प्रोत्साहित करने और शिक्षित करने के लिए राज्य सरकारों और संबंधित बैंकों के सहयोग से समाचार पत्रों, जागरूकता शिविरों/चौपालों और बुनकरों को पैम्फलेट के वितरण के माध्यम से गहन प्रचार किया जा रहा है. हथकरघा श्रमिकों पर सकारात्मक प्रभाव के लिए जागरूकता शिविरों/चौपालों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जा रहा है.
वक्त पर EMI दे रहे हैं छोटे कारोबारी!
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (Pradhan Mantri MUDRA Yojana) को लॉन्च हुए 7 वर्ष हो चुके हैं. इन 7 वर्षों में मुद्रा ऋण के उधारकर्ताओं, अनिवार्य रूप से सूक्ष्म और लघु उद्यमों ने बैंकों को अपनी ईएमआई (इक्वेटेड मंथली इन्स्टॉलमेंट्स) का भुगतान किया है. हाल ही में इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया कि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि मुद्रा ऋण के लिए बैंकों के नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स, पूरे बैंकिंग सेक्टर के औसत एनपीए से कम हैं. मुद्रा लोन के लिए बैंकों के एनपीए में कोविड-19 महामारी के दौरान एक्सटेंड किए गए ऋण भी शामिल हैं, जब छोटे उद्यम सबसे बुरी तरह प्रभावित थे.
8 अप्रैल, 2015 को योजना के लॉन्च के बाद से सभी बैंकों (सार्वजनिक, निजी, विदेशी, राज्य सहकारी, क्षेत्रीय ग्रामीण और लघु वित्त) के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत खराब ऋण (Bad Loan) का आंकड़ा 30 जून 2022 तक 46,053.39 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. यह आंकड़ा इस अवधि के दौरान योजना के तहत हुए 13.64 लाख करोड़ रुपये के कुल डिस्बर्समेंट का केवल 3.38 प्रतिशत है. पूरे बैंकिंग सेक्टर पर मौजूद कुल एनपीए की बात करें तो यह वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कुल लोन डिस्बर्समेंट का 5.97 प्रतिशत रहा. वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में इससे पहले के 6 वर्षों में बैंकिंग क्षेत्र का सकल एनपीए बहुत अधिक था. यह वित्त वर्ष 2020-21 में कुल डिस्बर्समेंट का 7.3 प्रतिशत, 2019-20 में 8.2 प्रतिशत, 2018-19 में 9.1 प्रतिशत, 2017-18 में 11.2 प्रतिशत और 2016-17 में 9.3 प्रतिशत और 2015-16 में 7.5 प्रतिशत था.
Edited by Ritika Singh