Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

Draupadi Murmu: जल्‍दी ही भारत को मिल सकती हैं देश की पहली आदिवासी महिला राष्‍ट्रपति

द्रौपदी मुर्मू के राष्‍ट्रपि‍त बनने की प्रबल संभावना है क्‍योंकि इस वक्‍त NDA के पास 48 फीसदी इलेक्‍टोरल वोट हैं.

Draupadi Murmu: जल्‍दी ही भारत को मिल सकती हैं देश की पहली आदिवासी महिला राष्‍ट्रपति

Wednesday June 22, 2022 , 3 min Read

नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन, NDA) ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को 2022 में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है. मंगलवार को बीजेपी की संसदीय बोर्ड की मीटिंग के बाद पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी की घोषणा की.

उनके राष्‍ट्रपि‍त बनने की संभावना ज्‍यादा है क्‍योंकि इस वक्‍त NDA के पास 48 फीसदी इलेक्‍टोरल वोट हैं. यदि द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद के लिए चुनी जाती हैं तो आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली वह भारत की पहली राष्ट्रपति और देश की दूसरी महिला राष्‍ट्रपति होंगी.  

कौन हैं द्रौपदी मुर्मू

द्रौपदी मुर्मू का जन्‍म 20 जून, 1958 को उड़ीसा मयूरभंज जिले के एक गांव बाइदापोसी में हुआ. उनके पिता का नाम बिरछी नारायण टुडु था. द्रौपदी के पिता और दादा, दोनों भारत सरकार की पंचायती राज व्‍यवस्‍था लागू होने के बाद गांव के सरपंच रहे.

राजनीति में आने से पहले उन्‍होंने बतौर शिक्षक अपने कॅरियर की शुरुआत की. उन्‍होंने भुवनेश्वर के रामादेवी महिला कॉलेज से आर्ट्स में ग्रेजुएशन की डिग्री ली है. कुछ समय तक उन्होंने ओडिशा सरकार के सिंचाई और बिजली विभाग में जूनियर असिस्टेंट कलर्क के रूप में भी काम किया. बाद में रायरंगपुर के श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में मानद सहायक शिक्षक नियुक्‍त हुईं.  

द्रौपदी मुर्मू की राजनीतिक यात्रा

उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत 90 के दशक में हुई, जब 1997 में वह रायरंगपुर नगर पंचायत की पार्षद चुनी गईं. कुछ वक्‍त तक वह भारतीय जनता पार्टी की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष भी रहीं.

मुर्मू बीजेपी के टिकट से मयूरभंज जिले की रायरंगपुर विधानसभा सीट से 2002 और 2009 में दो बार विधायक रह चुकी हैं.

मुर्मू ओडिशा की पूर्व मंत्री हैं. वर्ष 2000 और 2004 के बीच वह रायरंगपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहीं. जब ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल की गठबंधन की सरकार बनी तो उस सरकार में मुर्म दो मंत्री पदों पर भी रहीं. 6 मार्च, 2000 से 6 अगस्त, 2002 तक वाणिज्य और परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहीं और 6 अगस्त, 2002 से 16 मई, 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री का पद संभाला.  

2007 में द्रौपदी मुर्म को ओडिशा विधानसभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

वर्ष 2015 में वह झारखंड की 9वीं और पहली महिला राज्‍यपाल बनीं. वह 18 मई, 2015 से लेकर 12 जुलाई, 2021 तक इस पद पर रहीं. वह पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाली भी झारखंड की पहली राज्‍यपाल हैं.

पांच साल पहले पहली बार उन्‍हें राष्‍ट्रपति पद के लिए एक संभावित उम्‍मीदवार के रूप में देखा गया था, जब तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल खत्‍म होने वाला था.

निजी जीवन की चुनौतियां

राजनी‍ति में लगातार सफलता की सीढि़यां चढ़ रही द्रौपदी मुर्मू का निजी जीवन काफी ट्रेजिक रहा है. द्रौपदी का विवाह श्याम चरण मुर्मू के साथ हुआ था और उनके तीन बच्‍चे हैं. दो बेटे और एक बेटी. पहले उनके पति का देहांत हुआ और फिर एक दुर्घटना में उन्‍होंने अपने दोनों बेटों को भी खो दिया. अब उनकी एक बेटी है, जिसका नाम इतिश्री है.

(Feature Photo Credit - PTI)


Edited by Manisha Pandey