Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

नीरव मोदी के लिए ब्रिटेन की सारी अदालतों के दरवाजे बंद, तो क्या अब आ जाएगा भारत?

घोटाले का पर्दाफाश होने से पहले ही नीरव और मेहुल देश छोड़कर फरार हो गए.

नीरव मोदी के लिए ब्रिटेन की सारी अदालतों के दरवाजे बंद, तो क्या अब आ जाएगा भारत?

Friday December 16, 2022 , 3 min Read

भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी (Nirav Modi) के प्रत्यर्पण मामले में लंदन स्थित उच्च न्यायालय ने प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ नीरव को ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही नीरव मोदी के लिए ब्रिटेन की अदालतों में सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो गए हैं.

कहा जा रहा ​है कि अगर नीरव यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय (ईसीएचआर) से एक आपातकालीन निषेधाज्ञा प्राप्त करने का प्रबंध नहीं करता है या अगर उसने ब्रिटिश असाइलम के लिए आवेदन नहीं किया है तो 28 दिनों के भीतर उसे भारत को सौंपा जा सकता है. बता दें कि नीरव मोदी धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में मुकदमे का सामना करने के लिए भारत में वांछित है.

क्या है PNB घोटाला

हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने अपने मामा मेहुल चोकसी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक में 14000 करोड़ रुपये का घोटाला किया, जो साल 2018 में सामने आया. मेहुल चोकसी ज्वैलरी से जुड़े गीतांजलि ग्रुप का मालिक है. घोटाले का पर्दाफाश होने से पहले ही नीरव और मेहुल देश छोड़कर फरार हो गए. नीरव मोदी ने लेटर ऑफ अंडरटेकिंग और स्विफ्ट मैसेजिंग सिस्टम के दुरुपयोग के जरिए स्कैम को अंजाम दिया. बैंक इसी सिस्टम से विदेशी लेन देन के लिए LOUs के जरिए दी गई गारंटी को ऑथेंटिकेट करते हैं. नीरव मोदी 2011 में बिना तराशे हीरे आयात करने के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट के लिए पीएनबी की एक ब्रांच गया और कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर फर्जी एलओयू जारी किए गए. इन फर्जी एलओयू के आधार पर भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं ने लोन दिया.

जब फर्जी एलओयू मैच्योर होने लगा तो पीएनबी के उन कर्मचारियों ने 7 साल तक दूसरे बैंकों की रकम का इस्तेमाल इस लोन को रीसाइकिल करने के लिए किया. जनवरी 2018 में जब नीरव मोदी ने फिर से पीएनबी के साथ फर्जीवाड़ा करना चाहा तो नए अधिकारियों ने गलती पकड़ ली और घोटाला बाहर आ गया. इस वक्त नीरव मोदी को भारत वापस लाने की कोशिशें की जा रही हैं और वह लंदन की एक जेल में बंद है.

मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर डाली गई याचिका भी हो चुकी है खारिज

लंदन में ‘रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस’ में जस्टिस जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और जस्टिस रॉबर्ट जे ने फैसला सुनाया कि ‘‘अपीलकर्ता (नीरव मोदी) की सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति के अनुरोध वाली अर्जी खारिज की जाती है.’’ पिछले महीने, 51 वर्षीय हीरा कारोबारी की मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर दायर की गई अपील खारिज कर दी गई थी. अदालत ने मनोरोग विशेषज्ञों के बयान के आधार पर कहा था कि उसे ऐसा नहीं लगता कि नीरव की मानसिक स्थिति अस्थिर है और उसके खुदकुशी करने का जोखिम इतना ज्यादा है कि उसे पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के दो अरब डॉलर ऋण घोटाला मामले में आरोपों का सामना करने के लिए भारत को सौंपना अन्यायपूर्ण और दमनकारी कदम साबित होगा. नीरव मोदी मार्च 2019 में प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद से लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है.