नीति आयोग के सहयोग से electric vehicle के लिए 817 करोड़ की फंडिंग दीए जाने की घोषणा
देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल (electric vehicle) को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई प्रयास कर रही है. सरकार का लक्ष्य 2030 तक 100% इलेक्ट्रिक व्हीकल राष्ट्र बनने का है. इसके अलावा, मार्केट के अनुसार साल 2023 तक EV की सेल 1 मिलियन यूनिट से ज्यादा जाने उम्मीद है. लोगों में EV खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की तरफ से कई तरह के प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं. इसी कड़ी में बैंक भी अब इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए आकर्षक और कम ब्याज दर पर लोन दे रहे हैं. देश की सबसे बड़ी सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के लिए ग्रीन कार लोन स्कीम के जरिए बेहद कम ब्याज पर कार लोन दे रही है.
इसी बीच वर्ल्ड बैंक (World Bank), SIDBI (Small Industries Development Bank of India) भारत सरकार के साथ मिलकर 1 बिलियन डॉलर का फंड इलेक्ट्रिक वाहन के चालकों को लोन देने के लिए लॉन्च करने की घोषणा की है. नीति आयोग (Niti Aayog) के सहयोग से यह योजना लागू की जाएगी. इस योजना के तहत उन सारे इलेक्ट्रिक वाहन के मालिक को मदद की जाएगी जिन्होंने इलेक्ट्रिक वाहन, चाहे टू-व्हीलर हो या थ्री-व्हीलर, खरीदने के लिए लोन लिया था पर उस लोन को चुकाने में असमर्थ हैं.
योजना को पूरी तरह से लागू करने के पहले 300 मिलियन डॉलर का फंड रीलिज करके इस योजना को टेस्ट किया जाएगा. यह फंड सारे आर्थिक इंस्टीट्युशन में उपलब्ध रहेंगे.
इस योजना के तहत रीलिज की गई फंड अमाउंट हेजिंग मेकेनिज्म (hedging mechanism) की तरह यूज किया जायेगा. इसका मतलब है कि अगर कोई लोन धारक लोन चुकाने में असमर्थ होगा तो बैंक इस फंड से अपना अमाउंट ले सकते हैं. इस पूरी प्रक्रिया से इलेक्ट्रिक व्हीकल के वित्तीय लागत 10-12 प्रतिशत कम हो जाने की उम्मीद है. फिलहाल, इलेक्ट्रिक व्हीकल के ऊपर दी जाने वाली लोन 20-25 प्रतिशत इंटरेस्ट अट्रैक्ट करती है.