देश भर में 50,000 इलेक्ट्रिक बसों को उतारना अगला लक्ष्य: नितिन गडकरी
16 सितंबर को नई दिल्ली में कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (CESL) ने वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट, इंडिया (WRI India) के साथ मिलकर सस्टेनेबिल एंड इनोवेटिव फाइनेंस फॉर ग्रीन एंड हेल्दी ट्रांसपोर्टेशन पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस- इनसाइट 2022 (INSIGHT 2022) किया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किया. नितिन गडकरी के अलावा दिल्ली सरकार में परिवहन एवं पर्यावरण मंत्री कैलाश गहलोत, जी20 में भारत की अध्यक्षता के लिए शेरपा अमिताभ कांत भी शामिल थे. इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य भारत में सार्वजनिक ई-मोबिलिटी (e-mobility) कैसे बढ़ावा दिया जाय पर विमर्श करना था. इसके साथ ही, परिवहन क्षेत्र को कार्बन से मुक्त करने से जुड़ी सबसे गंभीर समस्या- सार्वजनिक परिवहन के विद्युतीकरण किये जाने पर भी था.
उद्घाटन के अपने संबोधन में नितिन गडकरी ने कहा, “भारत अभी भी ऐसा देश है जो इंट्रा-सिटी और इंटर सिटी यात्रा दोनों के लिए सार्वजनिक परिवहन पर निर्भर है. इसलिए, भारत में सार्वजनिक परिवहन के लिए ई-वाहनों को तेजी से अपनाना जरूरी हो गया है. मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि देश के बड़े शहर पहले ही इस प्रक्रिया को शुरू कर चुके हैं. हालांकि, इसे दूसरे शहरों में भी शुरू करने की जरूरत है. हमारी सरकार इसे जल्द से जल्द लागू करने के लिए उत्सुक है और हम इस बदलाव के लिए हर जरूरी समर्थन का भरोसा दिलाते हैं. सीईएसएल ने अपनी ग्रांड चैलेंज पहल के तहत इस विजन की अगुआई की है, जिसके तहत देश के 5 बड़े शहरों में 5,450 ई-बसों को सड़कों पर उतारा जा चुका है. मैं इस पहल के लिए उनकी सराहना करता हूं और देश भर में 50,000 इलेक्ट्रिक बसों को उतारने के उनके अगले लक्ष्य के हासिल होने की उम्मीद करता हूं.”
दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, “दिल्ली सरकार सार्वजनिक परिवहन में ई-मोबिलिटी को प्रोत्साहन देने में सबसे आगे रही है. यह हमारे लिए गर्व की बात है कि शहर की सड़कों पर लगभग 250 ई-बसें दौड़ रही हैं. इस बदलाव के बाद, हमने जनता के करोड़ों रुपये बचाए हैं जो पहले महंगे डीजल वाहन खरीदने में खर्च हुआ करते थे. हमारी ई-बसों का बेड़ा अब बढ़कर 1,500 का होने जा रहा है जो हमें ग्रांड चैलेंज के माध्यम से मिल रही हैं और उसके बाद सीईएसएल द्वारा मांगी गई कुल निविदाओं के माध्यम से 6,500 बसें मिलेंगी. इसके अलावा हम जनता की सुविधा के लिए शहर भर में चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं.”
कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) की एमडी और सीईओ महुआ आचार्य ने कहा, “अपनी प्रमुख ग्रांड चैलेंज पहल के तहत दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद और सूरत में 5,450 ई-बसें उतारने के बाद हमने पहले चरण की सफलता हासिल कर ली है.
डब्ल्यूआरआई इंडिया के सीईओ डॉ. ओपी अग्रवाल ने कहा, “ग्रांड चैलेंज पहल की सफलता से भारत की 50,000 इलेक्ट्रिक बसों के विद्युतीकरण की मुहिम को गति मिली है. अब, अगला लक्ष्य व्यवहार्य और टिकाऊ वित्त के विकल्प की खोज करना है, जिससे इस बड़े बदलाव के लिए एक व्यापक आधार तैयार हो सकता है. इसके साथ ही, सार्वजनिक परिवहन के लिए उपयोगकर्ता केंद्रित योजना से हम सार्वजनिक बस सेवाओं में बड़ा बदलाव ला सकते हैं.”
Edited by Prerna Bhardwaj