OTT और सैटेलाइट कम्यूनिकेशन को रेगुलेट करने की तैयारी, क्या बोले TRAI चेयरमैन?
OTT प्लेटफॉर्म के लिए रेगुलेशन आने के बाद करीब 40 से अधिक OTT प्लेटफॉर्म्स हैं जिन पर असर पड़ेगा. इसमें Netflix, Amazon Prime और HotStar (Disney Plus) शामिल हैं.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India - TRAI) ने बुधवार को टेलीकॉम कंपनियों और इकोसिस्टम के खिलाड़ियों के साथ "अनौपचारिक परामर्श" में ओवर-द-टॉप (OTT) विनियमन (OTT regulation) जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की.
टेलीकॉम वॉचडॉग कुछ मुद्दों को स्वत: संज्ञान परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से उठाने पर सहमत हो गया है.
ट्राई के चेयरमैन पीडी वाघेला ने ईटी को बताया, "अनौपचारिक चर्चा में हमने ओटीटी रेगुलेशन, सैटेलाइट कम्युनिकेशन के फ्लेक्सिबल यूज (सैटकॉम स्पेक्ट्रम) और यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड लेवी जैसे मसलों पर विस्तार से बात की."
27.5-28.5 गीगाहर्ट्ज़ बैंड स्पेक्ट्रम का आवंटन सैटकॉम प्लेयर्स और टेरेस्ट्रियल नेटवर्क ऑपरेटरों के बीच एक विवादास्पद मुद्दा बन गया है क्योंकि वे इसे एक विशेष आधार पर चाहते हैं.
हालांकि दूरसंचार कंपनियों का तर्क है कि सह-अस्तित्व की अनुमति दी जानी चाहिए. प्रतिभागियों में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया, टाटा कम्युनिकेशंस, टाटा टेलीसर्विसेज और तेजस नेटवर्क के प्रतिनिधि शामिल थे.
वाघेला ने कहा, "ऑपरेटरों ने ओटीटी कंपनियों को नियामक दायरे में लाने के लिए 'समान सेवा समान नियम' के आवेदन को दोहराया."
उद्योग के हितधारकों ने सप्लाई चेन मैनेजमेंट के मुद्दों में सरकार और विनियामक हस्तक्षेप की भी मांग की, जिसके कारण कुछ महत्वाकांक्षी सूचना संचार प्रौद्योगिकी (ICT) संचालित कार्यक्रमों में घटकों की कमी हो गई.
ट्राई गुरुवार को अवांछित वाणिज्यिक संचार को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को निर्देश जारी करने के लिए भी तैयार है.
पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा 'कुछ कदम' उठाएंगे
बता दें कि OTT को रेगुलेट करने की तैयारी को लेकर पहले भी ख़बरें आती रही है. दो साल पहले, फरवरी 2021 में केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह ‘नेटफ्लिक्स’ और ‘अमेजन प्राइम’ जैसे ओटीटी मंचों को विनियमित करने के लिए 'कुछ कदम' उठाने को लेकर विचार कर रहा है. चीफ जस्टिस एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एसएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यम की पीठ ने केन्द्र से एक स्वायत्त निकाय द्वारा ओटीटी के विनियमन के अनुरोध वाली याचिका पर छह सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है.
इससे पहले, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा था कि केन्द्र ओटीटी मंचों को विनियमित करने के लिए कुछ कदम उठाने को लेकर विचार कर रहा है. सीजेआई ने जैन से यह जानना चाहा कि सरकार के ये कदम क्या होंगे और उनसे छह साप्ताह में याचिका पर जवाब दायर करने को कहा. शीर्ष अदालत ने पिछले साल 15 अक्टूबर के केन्द्र सरकार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और ‘इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ को नोटिस जारी किया था.
एडवोकेट शशांक शेखर झा और अपूर्वा अरहरिया द्वारा दायर याचिका में विभिन्न ओटीटी / स्ट्रीमिंग और डिजिटल मीडिया मंचों पर मौजूद सामग्री की निगरानी और प्रबंधन के लिए एक उचित बोर्ड / संस्थान / एसोसिएशन की मांग भी की गई है.
40 से अधिक OTT प्लेटफॉर्म पर पड़ेगा असर
OTT प्लेटफॉर्म के लिए रेगुलेशन आने के बाद करीब 40 से अधिक OTT प्लेटफॉर्म्स हैं जिन पर असर पड़ेगा. इसमें
, Amazon Prime और HotStar (Disney Plus) शामिल हैं.बता दें कि सितंबर 2020 में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 'इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) OTT प्लेटफॉर्म के सेल्फ रेगुलेटरी मॉडल को सपोर्ट करने से मना कर दिया था. नवंबर में सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर ऑनलाइन कंटेंट प्रोवाइडर्स को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधीन कर दिया था.