पटना की आकांक्षा ने पिता के साथ मिलकर बनाया खास रोबोट, कोविड रोगियों के इलाज में मिलेगी मदद
आकांक्षा ने कहा, "रोबोट का मूल कार्य संक्रमित व्यक्ति को दवा, भोजन, पानी, nebulizer और ऑक्सीजन आदि पहुंचाना है। इस पर लगे हाई-रिज़ॉल्यूशन विज़न कैमरे का उपयोग करके रोबोट 360 डिग्री तक घूम सकता है।"
"यह रोबोट किसी भी संक्रमित मरीज, लाचार व्यक्ति का बेसिक मेडिकल जांच प्रामाणिकता के साथ दूर से और रियल टाइम डाटा और डेटाबेस के साथ जांच करता है। साथ ही इस रोबोट की मदद से रक्त में ग्लूकोस की मात्रा, रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा, हृदय गति, तापमान, ब्लड प्रेशर, वजन, ई.सी.जी., वायरलेस स्टेथेस्कोप से फेफड़ा, हृदय इत्यादि की जांच की जा सकती है।"
कोविड-19 रोगियों के इलाज में जुटे डॉक्टर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स की सहायता करने के उद्देश्य से, बिहार की राजधानी पटना की एक इंजीनियरिंग की छात्रा ने एक "रोबोट" बनाया है जो रोगियों की बुनियादी जांच में सहायता करता है।
आकांक्षा ने समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से कहा, "इस रोबोट की मदद से ऑक्सीजन, हृदय गति, तापमान इत्यादि की जांच की जा सकती है। हमने इस प्रोजेक्ट को इसके तत्काल उपयोग के लिए राज्य और केंद्र सरकार के साथ साझा किया है।"
20 वर्षीय इंजीनियरिंग की छात्रा ने इस रोबोट को डेवलप करने के पीछे उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा, "कोरोनावायरस से लड़ने के लिए कई तरह की दवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। साथ ही इस अवधि के दौरान लोगों को अस्पतालों में कोविड रोधी टीके भी लगाए जा रहे हैं। हालांकि, मुझे लगता है कि देश और राज्य में बड़ी संख्या में डॉक्टर और अस्पताल कर्मियों की कमी है। ऐसे में ये रोबोट बेहद मददगार साबित हो सकता है।"
युवा छात्रा ने कहा कि उसने अपने पिता की मदद से डॉक्टरों और चिकित्सा चिकित्सकों की सहायता के लिए एक "मेडी-रोबोट" बनाया है।
आकांक्षा ने कहा, "मेरे पिता योगेश कुमार के साथ हमने इस 'मेडी-रोबोट' को तैयार किया और आशा है कि यह कई डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों के जीवन को बचा सकता है।"
जीन्यूज़ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह रोबोट किसी भी संक्रमित मरीज, लाचार व्यक्ति का बेसिक मेडिकल जांच प्रामाणिकता के साथ दूर से और रियल टाइम डाटा और डेटाबेस के साथ जांच करता है। साथ ही इस रोबोट की मदद से रक्त में ग्लूकोस की मात्रा, रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा, हृदय गति, तापमान, ब्लड प्रेशर, वजन, ई.सी.जी., वायरलेस स्टेथेस्कोप से फेफड़ा, हृदय इत्यादि की जांच की जा सकती है।
आकांक्षा ने कहा, "रोबोट का मूल कार्य संक्रमित व्यक्ति को दवा, भोजन, पानी, nebulizer और ऑक्सीजन आदि पहुंचाना है। इस पर लगे हाई-रिज़ॉल्यूशन विज़न कैमरे का उपयोग करके रोबोट 360 डिग्री तक घूम सकता है।"
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह रोबोट एक यूनिक क्यूआर कोड का उपयोग करके सार्वजनिक स्थानों जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, ऑफिस आदि पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने में भी मदद कर सकता है। इस टेक्नोलॉजी की मदद से डॉक्टर होम आइसोलेशन में भी मरीजों को ई-प्रिस्क्रिप्शन जारी कर सकते हैं।
आपको बता दें कि आकांक्षा को भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय के तहत अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिसर के छात्रों को दिए जाने वाले विश्वकर्मा पुरस्कार के अंतिम दौर के लिए चुना गया है।
आकांक्षा ने कहा, "कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी आविष्कार की सराहना की है और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।"
Edited by Ranjana Tripathi