पीसीएस एग्जॉम में छत्तीसगढ़ के कपल का कमाल, पति फर्स्ट तो पत्नी सेकंड टॉपर
ऐसा अक्सर नहीं होता लेकिन छत्तीसगढ़ के एक टैलेंडेट कपल ने अनूठा कमाल कर दिखाया है। पीसीएस एग्जॉम में पति अनुभव सिंह फर्स्ट टॉपर तो उनकी एडीओ पत्नी विभा सेकंड टॉपर रहीं। अनुभव 2008 से तो विभा भी विगत एक दशक से पीसीएस परीक्षा में असफल होती रही थीं। कामयाबी मिली तो दोनों ने सबको हैरत में डाल दिया।
यह संयोग नहीं, टैलेंट का एक ऐसा साझा कमाल है, जिस पर किसी को भी हैरत हो सकती है लेकिन ये सच है। ऐसा अक्सर नहीं होता है। छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग की परीक्षा में 36 पदों पर भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा में पति ने पहला तो पत्नी ने दूसरा स्थान हासिल किया है। रायपुर निवासी अनुभव सिंह वर्ष 2008 से ही पीसीएस परीक्षाओं की तैयारी में लगे हुए थे। साथ ही, बिल्हा पंचायत में एडीओ उनकी पत्नी विभा सिंह भी पीसीएस परीक्षा की तैयारी कर रही थीं। गत 18 जुलाई को जब सीजीपीएससी की परीक्षा का रिजल्ट आया तो अनुभव सिंह फर्स्ट और विभा सेकंड टॉपर रहीं। अनुभव सिंह को 300 में से 278 और विभा को 268 अंक अंक मिले हैं।
अनुभव सिंह काफी समय से लगातार इस परीक्षा में बैठ रहे थे। किसी न किसी वजह से वह इससे पहले एक बार भी सफल नहीं हो सके। इस दौरान कई बार वह सरकारी नौकरियों के लिए सेलेक्ट भी कर लिए गए लेकिन पीसीएस क्लियर करने के जुनून में उन्होंने कहीं ज्वॉइन नहीं किया। इस दौरान कपल को उनके परिवार से पूरा सहयोग मिला। अनुभव सिंह को तो अक्सर बेरोजगार होने के ताने भी सुनने पड़ते थे। पीसीएस एग्जॉम में कई बार प्री क्लियर कर लिया लेकिन मेन्स का एग्जाम देने के बाद हर बार इंटरव्यू क्वॉलिफाई नहीं कर सके थे। यही हाल रहा विभा सिंह का भी। वह भी कई बार पीसीएस एग्जाम में बैठीं लेकिन अब तक असफल होती रही थीं। इस बार रिजल्ट निकला तो ऐसा कि कपल ने सबको पीछे छोड़ दिया।
उधर दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में लखनऊ की आकांक्षा तिवारी को पीसीएस-जे में पहली रैंक मिली है। वह कहती हैं कि सोशल मीडिया समय की बर्बादी नहीं है। इसका उपयोग पढ़ाई में भी किया जा सकता है। उन्होंने पीसीएस-जे की तैयारी के लिए सोशल मीडिया के साथ ही यू-ट्यूब और एजुकेशन एप का भी सहारा लिया, साथ ही उनकी सफलता में घरवालों का भी अहम योगदान रहा। वह भविष्य में एक ईमानदार न्यायाधीश बनना चाहती हैं। आकांक्षा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से लॉ करने के बाद दिल्ली में पीसीएस-जे की तैयारी करती रही थीं। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में पहली रैंक हासिल कर ली है।
साथ ही गोंडा (उ.प्र.) के गंधर्व पटेल तो आईएएस बनना चाहते थे लेकिन, उनके शिक्षक पिता रामप्रताप वर्मा की मंशा थी कि जज बनें। उनकी भावनाओं का ध्यान रखते हुए वह पीसीएस जे की परीक्षा की तैयारी में जुट गए और रिजल्ट निकला तो उन्हे पांचवां स्थान हासिल हुआ है। पीसीएस-जे की तैयारी के वक्त उनको दिल्ली यूनिवर्सिटी में एलएलबी ऑनर्स की फाइनल परीक्षा भी छोड़नी पड़ गई। गंधर्व के बड़े भाई गौरव पटेल इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में लॉ प्रोफेसर हैं।