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स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना की शुरूआत, 3600 स्टार्टअप्स को मिल सकता है लाभ

पीयूष गोयल ने कहा कि यह योजना सीड फंड, इनोवेशन प्रोत्साहन, परिवर्तनकारी विचारों का समर्थन, सुविधाजनक कार्यान्वयन और स्टार्टअप क्रांति को सुनिश्यित करेगी।

स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना की शुरूआत, 3600 स्टार्टअप्स को मिल सकता है लाभ

Tuesday April 20, 2021 , 5 min Read

रेल, वाणिज्य एवं उद्योग और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल द्वारा स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना (SISFS) की शुरूआत की गई।


इस फंड का उद्देश्य स्टार्टअप्स की अवधारणा, प्रोटोटाइप विकास, उत्पाद परीक्षणों, बाजार में प्रवेश और व्यावसायीकरण के प्रमाणीकरण को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना (SISFS) की शुरूआत कर दी गई है।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना (SISFS) की शुरूआत कर दी गई है।

इस योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 16 जनवरी, 2021 को स्टार्टअप इंडिया पहल के 5 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य को चिह्नित करने के लिए किए आयोजित हुए 'प्रारंभ: स्टार्टअप इंडिया इंटरनेशनल समिट' के भव्य संबोधन में की गई थी। पूरे भारतवर्ष में पात्र इनक्यूबेटरों के माध्यम से पात्र स्टार्टअप्स को बीज का वित्तपोषण प्रदान करने के लिए 945 करोड़ की राशि का विभाजन अगले 4 वर्षों में किया जाएगा।


इस योजना में 300 इनक्यूबेटर के माध्यम से अनुमानित रूप से 3,600 स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान करने की संभावना है।


इस अवसर पर, गोयल ने कहा कि इस योजना की शुरूआत इसकी घोषणा के 3 महीने के भीतर ही जा रही है, जो हाल के समय में सबसे तीव्र गति से शुरू की गई योजना है। उन्होंने कहा कि समय बहुत कठिन है लेकिन हमारा संकल्प भी बहुत मजबूत है और हमने इससे पहले कभी भी अपने स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने की दिशा में इतना ज्यादा महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाया है।


उन्होंने कहा कि यह SISFS योजना, बीज वित्तपोषण, नवाचार प्रोत्साहन, परिवर्तनकारी विचारों का समर्थन, कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने और स्टार्टअप क्रांति की शुरूआत करने की दिशा में महत्वपूर्ण काम करेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से, विशेष रूप से, भारत के द्वि-स्तरीय और त्रि-स्तरीय शहरों में एक मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम का निर्माण होगा, जो शहर प्रायः आवश्यक धन से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने कहा कि वे विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के इनोवेटर्स को आगे आने और इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं।

गोयल ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में, DPIIT ने भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम में तकनीकि बदलाव लाने की दिशा में बहुत ही कठिन परिश्रम किया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यह विभाग अपने खुले विचार, मुक्त हस्त और खुले दिमाग के साथ, अभिनव गतिविधियों में युवाओं की भागीदारी के स्तर को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित करते हुए एक सहायता प्रदानकर्ता के रूप में काम कर रहा है।


उन्होंने कहा कि रोजगार की इच्छा रखने वालों से लेकर नौकरी प्रदान करने वालों तक की मानसिकताओं में बदलाव आया है, जो कि नए भारत के लिए स्टार्टअप्स को एक नए आधार बनाने की दिशा में सहायता प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना विचारों और उनके कार्यान्वयन के बीच एक सेतु का काम करेगी। यह स्टार्टअप इकोसिस्टम में, एक स्वतंत्र और महत्वाकांक्षी विचारों वाली उद्यमिता को प्रोत्साहित करेगी और एक ऐसी संस्कृति का निर्माण करेगी जो नवाचार को मान्यता प्रदान करेगी।


गोयल ने कहा कि वर्ष 2020, भारतीय स्टार्टअप के लिए परिवर्तनकारी क्षमताओं का एक प्रमाणपत्र है- जो कि अपनी ऊर्जा और उत्साह के साथ अपने स्टार्टअप्स की कुशलताओं और लागत प्रभावी समाधानों को साथ लेकर आए हैं और उन्होंने पूरे भारत में आवश्यक वस्तुओं की अंतिम आवश्यकताओं की आपूर्ति सुनिश्चित की है। उन्होंने हमारे युवा उद्यमियों को उनकी क्षमता, दक्षता और समर्पण के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय स्टार्टअप्स न केवल अपने देश के लिए बल्कि मानवता के लिए भी समावेशन, इनक्यूबेटिंग और नवाचार कर रहे हैं।


उन्होंने कहा कि संपर्क, सहयोग और उत्प्रेरक के आदर्श वाक्यों के साथ, सरकार द्वारा स्टार्टअप इनोवेशन चुनौतियां, राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार, राज्यों की रैंकिंग, एससीओ स्टार्टअप फोरम और प्रारंभ आदि जैसी पहलों की शुरूआत की गई है।

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फोटो साभार: Vortex Bladeless

DPIIT द्वारा इस योजना के लिए निर्मित किए गए ऑनलाइन पोर्टल के अंतर्गत इनक्यूबेटरों को इसके लिए धन प्राप्ति के लिए आवेदन करने की अनुमति प्रदान की जाएगी। स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना का निष्पादित और मॉनिटर करने के लिए, डीपीआईआईटी द्वारा एक विशेषज्ञ सलाहकार समिति (EAC) का गठन किया गया है। ईएसी द्वारा चयनित किए गए इनक्यूबेटरों को 5 करोड़ रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा।


चयनित इनक्यूबेटरों को उनके स्टार्टअप्स की अवधारणा की प्रमाणिकता या प्रोटोटाइप डेवलपमेंट या प्रॉडक्ट ट्रायल के सत्यापन के आधार पर, 20 लाख रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, बाजार में प्रवेश करने के लिए, व्यावसायीकरण या परिवर्तनीय डिबेंचर या ऋण से जुड़े उपकरणों के माध्यम से खुद को बढ़ावा देने के लिए उनके स्टार्टअप्स में 50 लाख रुपये तक का निवेश प्रदान किया जाएगा। स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश स्टार्टअप इंडिया पोर्टल www.startupindia.gov.in पर जारी किए गए हैं।


अपने शुरुआती समय में, समर्थन प्रदान किए जाने वाले स्टार्टअप्स लोगों के लिए रोजगार के बहुत अच्छे अवसर उत्पन्न करेंगे। इस बीज निधि योजना में, देश के प्रत्येक हिस्सों से स्टार्टअप्स को समर्थन प्रदान करने के लिए 300 इनक्यूबेटरों को सक्षम बनाने हेतु, स्टार्टअप्स के लिए वर्चुअल इनक्यूबेशन को बढ़ावा देने की भी परिकल्पना की गई है। इसका प्रभाव भारत के द्वि-स्तरीय और त्रि-स्तरीय क्षेत्रों में नवाचारों के प्रोत्साहन के साथ दिखाई देगा।