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शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए फ्री में कपड़े के थैले बांट रही है नोएडा अथॉरिटी

शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए फ्री में कपड़े के थैले बांट रही है नोएडा अथॉरिटी

Tuesday August 06, 2019 , 3 min Read

हम सभी जानते हैं कि प्लास्टिक के उपयोग से हमारे पर्यावरण को बहुत नुकसान हो रहा है। बिना रिसाइकल हुए, अधिकांश सिंगल-यूज प्लास्टिक के थैले हमारे लैंडफिल में जाते हैं, जिन्हें नष्ट होने में सैकड़ों साल लग जाते हैं। यही प्लास्टिक हमारे जल निकायों में भी पहुंच जाती, प्लास्टिक को खाने से जानवरों की भी मौत होती है। जहां कई राज्य सरकारों ने देश भर में सिंगल-यूज प्लास्टिक पर बैन लगा दिया है तो वहीं कई राज्य अभी भी ऐसे हैं जहां प्लास्टिक पर बैन नहीं लगा है। 


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हालांकि नोएडा अथॉरिटी ने इस संबंध में एक बड़ा कदम उठाया है। शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए नोएडा अथॉरिटी ने अपने नागरिकों के बीच कपास बैग के उपयोग को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है।


इसके लिए, निगम ने 4 जुलाई को एक अभियान शुरू किया। वह लगातार प्लास्टिक की थैलियों की जगह कपड़े के थैलों के उपयोग को बढ़ावा दे रहे हैं, क्योंकि प्लास्टिक शहर द्वारा उत्पन्न कचरे के मौजूदा ढेर को बढ़ाती है। एनडीटीवी से बात करते हुए, नोएडा प्राधिकरण के सीईओ, आलोक टंडन ने कहा, “अभियान के तहत शुरू में सेक्टर 4 में हरौला बाजार में 500 से अधिक कपड़े के थैले वितरित किए गए, और आने वाले कुछ दिनों के भीतर, नोएडा के पूरे खंड को कवर किया जाएगा। इसके साथ, हम साल 2018 में राज्य में लागू हुए प्लास्टिक प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करना चाहते हैं। हम लोगों को इस बारे में शिक्षित करेंगे कि आखिर क्यों उन्हें प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और क्यों इसके वैकल्पिक विकल्पों को अपनाना चाहिए। ”


अथॉरिटी प्लास्टिक की खपत पर नकेल कसने के लिए एंटी-प्लास्टिक इंस्पेक्शन भी कर रहा है, और स्थानीय नागरिकों और स्थानीय सब्जी विक्रेताओं सहित सभी नागरिकों को मुफ्त में कपास के बैग वितरित कर रहा है।


द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, शहर के कुल कचरे का 10 प्रतिशत तक प्लास्टिक होता है। और यह हर दिन लगभग 40-50 टन प्लास्टिक तक होता है। 'Say No To Plastic' अभियान को सफल बनाने के लिए, शहर अथॉरिटी ने कुछ गैर-सरकारी संगठनों को भी अपने साथ जोड़ा है। उनकी मदद से, अथॉरिटी का उद्देश्य पर्यावरण पर सिंगल-यूज प्लास्टिक के नकारात्मक प्रभाव के बारे में जागरूकता पैदा करना है। 


एक साल पहले शहर में प्लास्टिक बैन लागू होने के बावजूद, लोग अभी भी प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग कर रहे हैं। इसलिए, अभियान को और मजबूत करने के लिए, प्राधिकरण 40 माइक्रोन मोटाई से नीचे प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग करने पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाने की योजना बना रहा है। जहां कुछ नागरिकों ने इस कार्रवाई का विरोध किया है तो वहीं कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने इस पहल की सराहना की है।


एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ सावित्री मार्केट के अध्यक्ष राहुल गुप्ता ने कहा, “अगर ऐसा कुछ हो रहा है, तो यह एक अच्छा कदम है। लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि दुकानदारों और बड़े ग्राहकों के लिए खरीदारी के लिए कागज या कपड़े के बैग का उपयोग करना आसान है। लेकिन स्ट्रीट-साइड विक्रेता प्लास्टिक का उपयोग करते हैं क्योंकि उनके लिए यह सस्ता और आसानी से उपलब्ध है। इसलिए अथॉरिटीज को ऐसे समाधान के साथ आना चाहिए जिससे प्लास्टिक की थैली के रूप में हरियाली विकल्प सस्ता हो।”