नीम से बने टूथपिक और सुपारी के पत्तों से प्लेट बनाकर किया 2.5 करोड़ कारोबार
भारत आयुर्वेद की भूमि रही है। यहां उपचार के लिए वैकल्पिक तरीके के रूप में हमेशा से आयुर्वेद को इस्तेमाल किया जाता रहा है। आज यह पद्धति दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अपनाई जा रही है। इसी लोकप्रियता के चलते भारत में तमाम छोटे उद्यमियों को आयुर्वेद सामग्री बनाने और लाभ कमाने का मौका मिल रहा है। MSME वीक समारोह के अवसर पर SMBStory के साथ बातचीत में आयुर्वेदिक (Ayurvaidic) के फाउंडर और सीईओ कार्तिकेयन कुप्पुस्वामी ने बात की और बताया कि कैसे उन्होंने नीम के टूथपिक्स और सुपारी के पत्ते से प्लेट तैयार कर काफी लाभ कमा रहे हैं।
पेश हैं बातचीत के कुछ अंश:
SMBStory: ऐसी कौन सी चीज थी जिससे आपको नीम से बने टूथपिक और एरिका प्लेट्स (सुपारी के पौधों से बने प्लेट्स) का बिजनेस शुरू करने की प्रेरणा दी?
कार्तिकेयन कुप्पुस्वामी: यह सच है कि टूथपिक्स और एरिका प्लेट्स बहुत ही कमोडिटाइज़्ड श्रेणी के अंतर्गत आते हैं। बहुत से लोग किसी खास ब्रैंड द्वारा तैयार प्रॉडक्ट्स का ही इस्तेमाल नहीं करते। वे ऐसे प्रॉडक्ट खरीदते समय किसी ब्रैंड का ख्याल कम ही करते हैं। एक वजह यह भी थी कि इसमें कुछ ऐसा नया नहीं था जिसे ग्राहक पा न सके। इसलिए हमने इसमें आयुर्वेद के गुणों को जोड़ना शुरू किया।
हमारे आयुर्वेदिक नीम के टूथपिक नीम की लकड़ी के अर्क से बने होते हैं। हमारे समाज में दांतों और जीभ की सफाई के लिए नीम की दातून का प्रयोग होता आया है। जो कि जीवाणुरोधी गुणों के लिए जाना जाता है। आयुर्वेदिक नीम के टूथपिक में तेल भी होता हैं जिनमें एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो भोजन के बाद सांस लेने और पाचन में सहायता करते हैं। यह 100 प्रतिशत प्राकृतिक है।
एरेका प्लेटें पारंपरिक डिस्पोजेबल प्लेटों का अच्छा विकल्प हैं। आमतौर पर मार्केट में मिलने वाली प्लास्टिक की प्लेटें स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेय होती हैं। इस प्रकार, हमने इन प्लेटों का निर्माण करने के लिए सोचा जो कि जंगल के फर्श से एकत्र की गईं सुपारी की पत्तियों से बनाई गई हैं। यानी इसे तैयार करने के लिए किसी पेड़ को नहीं काटना पड़ता है।
टूथपिक की बाजार में 10 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी है और हमने इस सेगमेंट पर ध्यान लगाने के बारे में सोचा। हमने 2017 में 1 करोड़ रुपये की पूंजी के साथ कंपनी की स्थापना की और आज 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार कर रहे हैं।
SMBS: आपका बिजनेस मॉडल क्या है?
केके: हमने शुरुआत में आयुर्वेदिक क्लीनिक और फार्मेसी की एक प्रसिद्ध चेन अयुर सेंट्रल से संपर्क किया क्योंकि हमारे उत्पाद प्रकृति में आयुर्वेदिक हैं। हमें वहां से अच्छी प्रतिक्रिया मिली जिसने हमें सेगमेंट में विविधता लाने के लिए प्रोत्साहित किया। टूथपिक आयुष मंत्रालय द्वारा अनुमोदित भी हैं। अयूर सेंट्रल के बाद हमने बड़े पैमाने पर मेट्रो कैश एंड कैरी में प्रवेश करने के बारे में सोचा।
धीरे-धीरे हमने ऑनलाइन सेगमेंट में विस्तार किया और बिगबास्केट से इसकी शुरुआत की। बिगबास्केट हमारे सबसे बड़े क्लाइंट्स में से एक है। इसके बाद, हमने अपने उत्पादों को अमेज़ॅन, फ्लिपकार्ट, शॉपक्लूज़ और कई ई-कॉमर्स साइट पर सूचीबद्ध किया। वर्तमान में हम भारत भर के 23 शहरों में उपलब्ध हैं और टूथपिक और एरिक प्लेट दोनों हमारे सबसे अधिक बिकने वाले उत्पाद हैं।
हमारी हमारी विनिर्माण इकाई मगदी में है जहां से हमें कच्चा माल मिलता है। इस इकाई में हम एक दिन में अस्सी लाख उत्पादों का निर्माण कर सकते हैं। मगदी में लगभग 20 ग्रामीण श्रमिक टूथपिक कारखाने में और 30 श्रमिक को एरिका प्लेटों के निर्माण में लगे हुए हैं।
SMBS: आप एरिका से जानवरों का चारा कैसे निकालते हैं?
केके: पहले हम सुपारी के अपशिष्ट उत्पादों को फेंक देते थे। लेकिन फिर हमें पता चला कि हमारी इकाई के पास चरने वाली गायें अपशिष्ट उत्पादों को खा रही थीं। हमने तब कचरे को छोटे टुकड़ों में तोड़ने और गायों को खिलाने के बारे में सोचा लेकिन इसे हाथों से किया जा रहा था। बाग में हमने इसे महीन पाउडर का रूप दे दिया और जानवरों को खिलाया। मैंने इंटरनेट पर इसके बारे में रिसर्च किया और पाया कि सरकार भी सुपारी के पत्तों को जानवरों को खिलाने के बारे में काम कर रही है। रिसर्च के बाद मैंने पाया कि धान की तुलना में सुपारी के अपशिष्ट में अधिक पोषण होता है जिससे कि दूध का उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है।
SMBS: आप मार्केट में किस तरह से कॉम्पिटिशन में बने हुए हैं?
केके: प्लास्टिक पर प्रतिबंध के कारण ऐसे इको फ्रेंडली उत्पादों में वृद्धि दर्ज की गई है। यह एक बहुत ही अलग-थलग उद्योग है क्योंकि इसमें कोई एक स्थापित ब्रैंड नहीं है। इस प्रकार हम जितना संभव हो सकता है व्यापार का विस्तार करने और एक ब्रैंड स्थापित की कोशिश कर रहे हैं, जिसकी वर्तमान में इस उद्योग में कमी है।
SMBS: भविष्य में आपकी क्या योजनाएं हैं?
केके: हम अधिक से अधिक आयुर्वेदिक उत्पादों के साथ आने की योजना बना रहे हैं। लेकिन इस काम को हम बाद में करेंगे। हाल के भविष्य में हम एक ऑफ़लाइन स्टोर खोलना और खोलना चाहते हैं। हम उत्पादों की मार्केटिंग प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए एक सरकारी निकाय के साथ साझेदारी करना चाहते हैं।