Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

पीएम मोदी ने छठें वन अर्थ वन हेल्थ - एडवांटेज हेल्थकेयर इंडिया 2023 का उद्घाटन किया

पीएम मोदी ने कहा कि मेडिकल वैल्यू ट्रैवल और स्वास्थ्य कार्यबल की गतिशीलता एक स्वस्थ पृथ्वी के लिए महत्वपूर्ण कारक हैं और 'वन अर्थ, वन हेल्थ - एडवांटेज हेल्थकेयर इंडिया 2023' इस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है.

पीएम मोदी ने छठें वन अर्थ वन हेल्थ - एडवांटेज हेल्थकेयर इंडिया 2023 का उद्घाटन किया

Thursday April 27, 2023 , 6 min Read

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नई दिल्ली के प्रगति मैदान में वन अर्थ वन हेल्थ - एडवांटेज हेल्थकेयर इंडिया - 2023 का उद्घाटन किया और इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित भी किया.

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने दुनिया भर के स्वास्थ्य मंत्रियों और पश्चिम एशिया, सार्क, आसियान तथा अफ्रीकी क्षेत्रों के प्रतिनिधियों का गर्मजोशी से स्वागत किया. एक भारतीय शास्त्र का हवाला देते हुए, जिसका अनुवाद है 'हर कोई खुश रहे, हर कोई रोग मुक्त हो, सभी का भला हो और कोई भी दुख से ग्रस्त न हो', प्रधानमंत्री ने देश के समावेशी दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हजारों साल पहले भी भारत के लिए स्वास्थ्य संबंधी दृष्टिकोण सार्वभौमिक था, जब कोई वैश्विक महामारी नहीं थी. उन्होंने जोर देकर कहा कि वन अर्थ वन हेल्थ समान विश्वासों का पालन करता है और कार्रवाई में समान विचार का एक उदाहरण है. प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारी दृष्टि केवल मनुष्यों तक ही सीमित नहीं है. यह हमारे पूरे इकोसिस्टम तक फैला हुआ है. पौधों से लेकर जीव-जंतुओं तक, मिट्टी से लेकर नदियों तक, जब हमारे आस-पास सब कुछ स्वस्थ है, तो हम स्वस्थ हो सकते हैं.”

लोकप्रिय धारणा के बारे में चर्चा करते हुए कि बीमारी की कमी अच्छे स्वास्थ्य के समान है, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि स्वास्थ्य के बारे में भारत का दृष्टिकोण केवल बीमारी की कमी पर नहीं रुकता है और लक्ष्य सभी के लिए कल्याण और खुशहाली पर केंद्रित है. उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण है.”

'वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर' थीम के साथ भारत की अध्यक्षता में जी20 की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने इस दृष्टि को पूरा करने में सशक्त वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों के महत्व को महसूस किया. उन्होंने कहा कि मेडिकल वैल्यू ट्रैवल और स्वास्थ्य कार्यबल की गतिशीलता एक स्वस्थ पृथ्वी के लिए महत्वपूर्ण कारक हैं और 'वन अर्थ, वन हेल्थ - एडवांटेज हेल्थकेयर इंडिया 2023' इस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का अवसर भारत की अध्यक्षता में जी20 के थीम के साथ प्रतिध्वनित होता है जिसमें कई देशों की भागीदारी देखी जा रही है. 'वसुधैव कुटुम्बकम' के भारतीय दर्शन पर प्रकाश डालते हुए, जिसका अर्थ है कि दुनिया एक परिवार है, प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के साथ-साथ पेशेवर और शैक्षणिक क्षेत्रों के हितधारकों की उपस्थिति पर प्रसन्नता व्यक्त की.

जब समग्र स्वास्थ्य सेवा की बात आती है तो भारत की ताकत के बारे में बताते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत की प्रतिभा, टेक्नोलॉजी, ट्रैक रिकॉर्ड और परंपरा को स्वीकार किया. उन्होंने विस्तार से बताया कि दुनिया ने भारतीय डॉक्टरों, नर्सों और देखभाल करने वालों के प्रभाव को देखा है और उनकी क्षमता और प्रतिबद्धता तथा प्रतिभा के लिए उनका व्यापक सम्मान किया जाता है. उन्होंने कहा कि दुनिया भर में कई हेल्थकेयर सिस्टम भारतीय पेशेवरों की प्रतिभा से लाभान्वित हुए हैं. भारत में स्वास्थ्य पेशेवरों के प्रशिक्षण और विविध अनुभवों के बारे में चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत में संस्कृति, जलवायु और सामाजिक गतिशीलता में जबरदस्त विविधता है." उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी प्रतिभाओं ने अपने असाधारण कौशल के कारण दुनिया का भरोसा जीता है जो विभिन्न परिस्थितियों की जरूरतों को पूरा कर सकता है.

सदी में एक बार आने वाली महामारी पर प्रकाश डालते हुए, जिसने दुनिया को अनेक सच्चाई का स्मरण कराया, प्रधानमंत्री ने कहा कि गहराई से जुड़ी दुनिया में देश की सीमाएं स्वास्थ्य संबंधी खतरों को नहीं रोक सकतीं. उन्होंने यह भी बताया कि ग्लोबल साउथ के देशों को संसाधनों से वंचित करने सहित विभिन्न कठिनाइयों और परेशानियों का सामना करना पड़ा. श्री मोदी ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक विश्वसनीय भागीदार के लिए कई देशों की आवश्यकता को देखते हुए कहा, “सच्ची प्रगति जन-केंद्रित होती है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि चिकित्सा विज्ञान में कितनी प्रगति हुई है, अंतिम मील तक अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सुनिश्चित की जानी चाहिए.”

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को टीकों और दवाओं के माध्यम से जीवन बचाने के महान मिशन में कई देशों का भागीदार होने पर गर्व है. उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेज कोविड-19 टीकाकरण अभियान, मेड-इन-इंडिया टीकों का उदाहरण दिया, और 100 से अधिक देशों को कोविड-19 टीकों की 300 मिलियन खुराक भेजे जाने के बारे में बताया. पीएम मोदी ने दोहराते हुए कहा कि यह भारत की क्षमता और प्रतिबद्धता की झलक दिखाता है और भारत उन सभी देशों का भरोसेमंद मित्र बना रहेगा जो अपने नागरिकों के लिए अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा, "स्वास्थ्य के प्रति भारत का दृष्टिकोण हजारों वर्षों से समग्र रहा है." उन्होंने कहा कि भारत में निवारक और प्रोत्साहक स्वास्थ्य की एक महान परंपरा है, योग और ध्यान जैसी प्रणालियां आधुनिक दुनिया के लिए प्राचीन भारत के उपहार हैं जो अब वैश्विक आंदोलन बन गए हैं. उन्होंने आयुर्वेद का भी जिक्र किया जो कि तंदुरूस्ती का एक संपूर्ण विषय है. उन्होंने यह भी कहा कि यह स्वास्थ्य के शारीरिक और मानसिक पहलुओं का ध्यान रखता है. प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "दुनिया तनाव और जीवन शैली की बीमारियों के समाधान की तलाश कर रही है. भारत की पारंपरिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में बहुत सारे समाधान मौजूद हैं.” उन्होंने मिलेट्स के बारे में भी बताया जो भारत के पारंपरिक आहार का हिस्सा है और दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा और पोषण संबंधी मुद्दों से निपटने की क्षमता रखता है.

प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी वित्तपोषित स्वास्थ्य बीमा कवरेज योजना है. प्रधानमंत्री ने बताया कि यह 500 मिलियन से अधिक भारतीय नागरिकों के चिकित्सा उपचार को कवर करता है, जहां 40 मिलियन से अधिक पहले ही कैशलेस और पेपरलेस तरीके से सेवाओं का लाभ उठा चुके हैं, जिसके परिणामस्वरूप नागरिकों ने लगभग 7 बिलियन डॉलर की बचत की है.

संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के लिए वैश्विक प्रत्युत्तर को अलग नहीं किया जा सकता है और अब यह एक एकीकृत, समावेशी और संस्थागत प्रत्युत्तर का समय है. प्रधानमंत्री ने कहा, "जी-20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान यह हमारे फोकस क्षेत्रों में से एक है. हमारा लक्ष्य न केवल हमारे नागरिकों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए स्वास्थ्य सेवा को सुलभ और किफायती बनाना है.” प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह सभा इस दिशा में वैश्विक साझेदारी को मजबूत करेगी, और उन्होंने 'एक पृथ्वी-एक स्वास्थ्य' के आम एजेंडे पर अन्य देशों की साझेदारी की मांग की.

यह भी पढ़ें
ONDC के जरिए किसानों को बड़ा बाजार मिलेगा और उनके प्रोडक्ट्स की कीमत भी बेहतर होगी: पीयूष गोयल