संत रविदास की 644वीं जयंती पर पीएम मोदी, राष्ट्रपति कोविंद ने दी श्रद्धांजलि
संत रविदास की गिनती महान संतों में होती है। वे बहुत ही सरल हृदय के थे और दुनिया का आडंबर छोड़कर हृदय की पवित्रता पर बल देते थे।
संत रविदास की गिनती महान संतों में होती है। वे बहुत ही सरल हृदय के थे और दुनिया का आडंबर छोड़कर हृदय की पवित्रता पर बल देते थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संत रविदास को उनकी 644वीं जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की। एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, "संत रविदास जी ने सदियों पहले समानता, सद्भावना और करुणा पर जो संदेश दिए, वे देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करने वाले हैं। उनकी जयंती पर उन्हें मेरा सादर नमन।"
देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी संत रविदास को उनकी जंयती पर श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, "श्री गुरु रविदास जयंती के पावन अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं। गुरु रविदास जी ने सामाजिक समानता, एकता, नैतिकता तथा परिश्रमरत रहने के मूल्यों पर बल दिया। आइए, हम उनकी शिक्षाओं का पालन करते हुए समता, एकता और न्याय पर आधारित समाज तथा देश के निर्माण के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ें।"
उपराष्ट्रपति एम वेकैंया नायडू ने ट्विटर पर लिखा, "महान कवि-संत गुरु रविदास जी को उनकी जयंती पर आज मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। रविदास जी सार्वभौमिक भाईचारे में विश्वास करते थे और उन्होंने अपनी रचनाओं तथा शिक्षाओं से एकता का संदेश फैलाया है. आज जब हम उन्हें याद कर रहे हैं तो, उनकी शिक्षाओं का अनुसरण भी करें और संकल्प लें कि उनके दिखाए गए मार्ग पर चलेंगे।"
आपको बता दें कि संत रविदास 15वीं से 16वीं शताब्दी के दौरान हुए भक्ति आंदोलन के अगुवाई माने जाते हैं, जिन्होंने भारतवर्ष में व्याप्त जाति प्रथा की कुरीतियों के खिलाफ क्रांतिकारी स्वर बुलंद किया और अपनी पवित्र वाणी के माध्यम से समाज में समता और बराबरी का संदेश दिया था। उन्हें 21 वीं सदी के रविदासिया धर्म का संस्थापक माना जाता है। माघ पूर्णिमा पर रविदास जयंती मनाई जाती है, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ महीने की पूर्णिमा है।