पुणे के इस उद्यमी ने डायरेक्ट सेलिंग स्ट्रेटजी अपनाकर खड़ी की 250 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली एफएमसीजी कंपनी
2000 में सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से पास आउट होने के बाद, सुजीत जैन को अपने साथियों की तरह किसी कैंपस प्लेसमेंट में दिलचस्पी नहीं थी। बल्कि, उन्होंने पुणे में एक छोटा कंप्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलने की इच्छा जताई।
अपनी उद्यमशीलता की यात्रा पर निकलते हुए, उन्होंने एक ऐसा प्रोडक्ट डेवलप किया, जिसने कंप्यूटर के बुनियादी ज्ञान वाले व्यक्ति को अपनी वेबसाइट विकसित करने की अनुमति दी। लेकिन सुजीत की इन भव्य योजनाओं में एक महत्वपूर्ण चीज की कमी थी वो थी: फंड।
इस कमी को महसूस करते हुए, सुजीत ने सॉफ्टवेयर के बारे में लोगों को सूचित करके सीधे बिक्री की रणनीति (डायरेक्ट सेलिंग स्ट्रेटजी) को लागू किया। शुरुआत में यह थोड़ा मुश्किल था, लेकिन सुजीत को 80 प्रत्यक्ष विक्रेताओं (डायरेक्ट सेलर्स) के साथ जुड़ने में लंबा समय नहीं लगा। 2002 तक, 500-गुना वृद्धि हासिल करने वाली कंपनी के साथ प्रत्यक्ष विक्रेताओं की संख्या बढ़कर 40,000 हो गई। यह नेटसर्फ कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड (Netsurf Communications Pvt Ltd) की शुरुआत थी।
SMBStory के साथ बातचीत में, 43 वर्षीय उद्यमी कहते हैं,
"मेरे पास फंड की कमी थी, लेकिन सपने बहुत ऊंचे थे और तभी हमारे परिवार के दोस्त, संजय मालपानी, मेरे साथ शामिल हुए और हमने एक साथ रास्ता प्रशस्त किया।"
शुरुआत
2003 में, यह जोड़ी सिर्फ सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स को बेचने से आगे बढ़ी। उन्होंने 25 लाख रुपये जमा किए और अजय बायो-टेक लिमिटेड को खरीद लिया, जो जैविक कृषि उत्पादों के विनिर्माण और अनुसंधान में थी। नेटसर्फ ने अपने प्रत्यक्ष बिक्री नेटवर्क के माध्यम से ब्रांड नाम बायोफिट के तहत उन उत्पादों का वितरण शुरू किया।
व्यवसाय संचालन पुणे से शुरू हुआ था, लेकिन प्रत्यक्ष विक्रेताओं का नेटवर्क धीरे-धीरे महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में फैल गया। कुछ वर्षों के भीतर, भारत में इन चार राज्यों में नेट्सर्फ के कारोबार में गहरी पैठ थी।
सुजीत कहते हैं,
“उस दौरान जब हमने बायोफिट की शुरुआत की थी, तो किसानों को रासायनिक मुक्त खेती के बारे में जानकारी नहीं थी। हमारे प्रत्यक्ष विक्रय मॉडल के माध्यम से, हमने उन्हें जैविक खेती के बारे में जागरूक किया। मौजूदा बायोफिट के उत्पाद श्रेणी में 11 कृषि उत्पाद हैं। आज, अधिक से अधिक उपज प्राप्त करने और खेती पर खर्च को कम करने के लिए दस लाख से अधिक किसान बायोफिट उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं।”
बायोफिट नेटसर्फ के वर्तमान कारोबार में 51 प्रतिशत का योगदान देता है।
विस्तार की यात्रा
2004 में, घरेलू सेगमेंट में प्रवेश करने के इरादे से, नेटसर्फ ने, 'नेचरमोर' (Naturamore) के साथ हेल्थ एंड वेलनेस कैटेगरी के तहत प्रोडक्ट्स की एक और रेंज शुरू की। इसकी शुरुआत उन्होंने सिर्फ एक प्रोडक्ट के साथ की थी, आज इसकी रेंज में पाउडर और कैप्सूल के रूप में 10 न्यूट्रास्यूटिकल शामिल हैं। नेचरमोर की प्रोडक्ट रेंज अब नेटसर्फ के कारोबार में 33 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखती है। कंपनी ने इसके बाद हिमाचल प्रदेश के परवाणू में नेटसर्फ रिसर्च लैब्स की स्थापना की, जो आरएंडडी में लगी हुई है और नेचरमोर के हेल्थकेयर रेंज का उत्पादन करती है।
वे कहते हैं,
“नब्बे प्रतिशत नेटसर्फ उत्पादों का निर्माण हमारे द्वारा किया जाता है और कम्पोजीशन हमारे आरएंडडी विशेषज्ञों द्वारा डेवलप की जाती है। हमारे पास पुणे में एक विनिर्माण इकाई भी है और भारत भर से सामग्रियों की सोर्सिंग की जाती है।”
Nestsurf Networks के पास गुड्स मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (GMP) और वैज्ञानिक एंव औद्योगिक अनुसंधान लाइसेंस विभाग है, जिसके साथ कंपनी अन्य कंपनियों को उत्पादों की संरचना भी बेच सकती है।
2007 तक, नेटसर्फ ने अपने प्रत्यक्ष विक्रेताओं के लिए एक प्रशिक्षण और सहायता प्रणाली स्थापित की थी। इसके नेटवर्क में प्रत्यक्ष विक्रेताओं की संख्या आधा मिलियन के निशान तक पहुंच गई थी। तब तक वैश्विक प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग ने बहुत सी महिलाओं को इसमें आते देखा। वे जल्द ही पूरे उद्योग में सर्वश्रेष्ठ खुदरा विक्रेताओं के रूप में जानी जानें लगीं। तब तक, नेटसर्फ के साथ शायद ही कोई महिला व्यवसाय में थी।
इस अनुपात को ठीक करने के लिए, नेटसर्फ ने हर्ब्स एंड मोर के तहत एक पर्सनल केयर रेंज शुरू की। हर्ब्स एंड मोर को छह आयुर्वेदिक उत्पादों के साथ शुरू किया गया; आज, रेंज में 30 हर्बल और प्राकृतिक उत्पाद शामिल हैं और, सुजीत कहते हैं, नेटसर्फ के प्रत्यक्ष बिक्री व्यवसाय में महिलाओं की एक सुंदर संख्या को आकर्षित किया है।
2014 में, नेटसर्फ ने अपने होम केयर रेंज, क्लीन एंड मोर को दो उत्पादों के साथ लॉन्च किया। सुजीत बताते हैं कि ये उत्पाद इनडोर प्रदूषण को मात देने में मदद करते हैं क्योंकि वे पौधे के अर्क, एंजाइम और प्रोबायोटिक्स से बने होते हैं जो सतहों को साफ करते हैं और प्राकृतिक रूप से साफ होते हैं।
2015 तक, कंपनी ने 100 करोड़ रुपये का कारोबार किया था। दो साल के गहन शोध के बाद, 2019 में, नेटसर्फ ने अपने हर्बल उत्पादों के साथ सौंदर्य प्रसाधनों को लॉन्च किया, जिन्हें रंग दे कहा जाता है। आज, इसके उत्पाद पोर्टफोलियो में 57 एफएमसीजी उत्पादों की पांच अलग-अलग श्रेणियां हैं जो प्राकृतिक, जैविक, या हर्बल हैं। कंपनी 250 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार करती है और यह भारत भर के 25 राज्यों में मौजूद है और लगभग 10,000 पिन कोड पर डिलीवरी करती है। पिछले साल, नेटसर्फ कम्युनिकेशंस ने एफ एंड बी ब्रांड वोहू में अपना पहला निवेश किया था।
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन
समय की मांग को ध्यान में रखते हुए, नेटसर्फ ने 2016 में अपना पहला व्यावसायिक ऐप लॉन्च किया। नेटसर्फ कम्युनिकेशंस ऐप कंपनी के प्रत्यक्ष विक्रेताओं को उनकी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद करता है। ऐप के माध्यम से, विक्रेता न केवल अपने व्यवसाय का संचालन कर सकते हैं, बल्कि अपने पेमेंट कैल्कुलेशन की जाँच भी कर सकते हैं और नए प्रत्यक्ष विक्रेताओं को जोड़ सकते हैं।
इसके साथ ही वे बिजनेस एनालिटिक्स भी देख सकते हैं, साइकिल-वाइज परफॉर्मेंस की तुलना कर सकते हैं, मैजे, ब्रॉडकास्ट कर सकते हैं, प्रोडक्ट ट्रेनिंग कर सकते हैं और लक्ष्य पूर्ति पर जांच कर सकते हैं। सुजीत का कहना है कि, आज, 3,34,000 से अधिक प्रत्यक्ष विक्रेता ऐप के माध्यम से अपने दिन-प्रतिदिन के व्यवसाय का प्रबंधन कर रहे हैं।
नेटसर्फ ने अपने प्रत्यक्ष विक्रेताओं के लिए एक जियो लोकेशन-बेस्ड सिस्टम भी पेश किया है। यह सिस्टम किसी भी वेब-ब्राउज़िंग करने वाले व्यक्ति को अपने जियो-लोकेशन में और उसके आस-पास नेटसर्फ कम्युनिकेशंस डायरेक्ट सेलर का पता लगाने और उनसे उत्पाद खरीदने में सक्षम बनाती है। यह तकनीक उनके व्यवसाय को बढ़ाने के लिए नेटवर्क में कई गंभीर खुदरा विक्रेताओं की मदद करती है।
चुनौतियों और प्रतिस्पर्धाओं के बीच भारत में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग 137.7 अरब रुपये का है और नेटसर्फ भारत में प्रमुख प्रत्यक्ष बिक्री कंपनियों में से एक है, सुजीत का कहना है कि कंपनी खुद को कई तरीकों से दूसरों से अलग करने में सक्षम रही है।
सुजीत कहते हैं,
“जहां उद्योग में अन्य कंपनियों में से अधिकांश अब ग्रामीण बाजारों में आने के लिए प्रयासरत हैं, नेट्सर्फ की भारत के ग्रामीण बाजार में पहले से ही गहरी पैठ है। इसका कारण यह है कि नेटसर्फ ने कृषि उत्पादों के साथ शुरुआत की थी, जिससे कंपनी को ग्रामीण भागों में अपने नेटवर्क को मजबूत करने में मदद मिली। भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग को ध्यान में रखते हुए, बाजार में अधिकांश प्रमुख खिलाड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां हैं। बहुत कम भारतीय प्लेयर्स ऐसे हैं जो इस प्रतियोगिता को सफलतापूर्वक जिंदा रख पाए, निरंतर बने हुए हैं और सफल हैं, और नेटसर्फ उनमें से एक हैं।"
हालांकि, एक प्रमुख चुनौती भारत में आम जनता के साथ प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग की धारणा है, वह आगे कहते हैं,
"हालांकि हमने 19 वर्षों की अवधि में कई सकारात्मक बदलाव देखे हैं लेकिन अभी भी उद्योग के बारे में पूरी तरह से धारणा बदलने में समय लगेगा।"
भविष्य की योजनाएं
बहुत सोच-विचार और शोध के बाद, नेटसर्फ ने अपनी अंतर्राष्ट्रीय विस्तार योजनाओं के लिए अमेरिका और थाईलैंड में प्रवेश किया। सुजीत का कहना है कि दोनों हर्बल और प्राकृतिक उत्पादों की बड़ी मांग के साथ प्रत्यक्ष बिक्री वाले प्लेयर्स के लिए परिपक्व बाजार हैं।
एक रिसर्च में पता चलने के बाद कि सात में से एक घर डायरेक्ट सेलिंग एक्टिविटी में लगा है, नेटसर्फ ने अमेरिका में पहले ही अपना परिचालन शुरू कर दिया है। कंपनी जल्द ही थाईलैंड में विस्तार करने की योजना बना रही है। सुजीत का कहना है कि वह नेटसर्फ कम्युनिकेशंस इच्छा रखता है कि वह जल्द ही बहु-राष्ट्रीय डायरेक्ट सेलिंग कंपनी बन जाए।