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RajasthanITDay: 'चाणक्य नीति' से डॉ राधाकृष्णन पिल्लई ने सीखाए स्टार्टअप को सफल बनाने के मंत्र

RajasthanITDay: 'चाणक्य नीति' से डॉ राधाकृष्णन पिल्लई ने सीखाए स्टार्टअप को सफल बनाने के मंत्र

Monday March 20, 2023 , 4 min Read

'चाणक्य' के नाम से मशहूर लेखक डॉ. राधाकृष्णन पिल्लई ने राजस्थान की राजधानी, गुलाबी नगरी जयपुर में 'चाणक्य नीति: ए स्टार्ट-अप एप्रोच' (Chanakya Neeti: A Start-up Approach) थीम पर एक सेशन किया. यह राजस्थान सरकार के DoITC (Department of Information Technology & Communication) द्वारा 'राजस्थान आईटी दिवस' (Rajasthan IT Day) के मौके पर आयोजित 'स्टार्टअप कॉन्क्लेव' (Startup Conclave) का दूसरा दिन था.

इस सेशन में देश भर से स्टार्टअप फाउंडर, आंत्रप्रेन्योर, छात्रों आदि ने भाग लिया. पिल्लई ने 'चाणक्य नीति' के जरिए स्टार्टअप, बिजनेस में सफलता हासिल करने के गुर बताए.

डॉ. पिल्लई ने अपने सेशन की शुरुआत करते हुए कहा, "सबसे बड़े आंत्रप्रेन्योर किसान हैं. किसी भी आंत्रप्रेन्योर के लिए परिस्थिति से ज्यादा मन:स्थिति जरूरी है."

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डॉ. पिल्लई ने चाणक्य नीति के तीन पिलर (स्तंभ) का बखान करते हुए उन पर गौर करने की बात कही. ये तीन पिलर हैं — इंटेलीजेंट एंड डायनेमिक एप्रोच, वृध्द सहयोग, डिजायर टु लर्न (सीखने की जिज्ञासा).

इंटेलीजेंट एंड डायनेमिक एप्रोच: डॉ. राधाकृष्णन ने 'चाणक्य' सीरियल से एक वीडियो क्लिप दिखाकर इसके बारे में विस्तार से समझाया. उन्होंने कहा, "हर परिस्थिति में आपका सकारात्मक रवैया आपको उस समस्या का समाधान निकालने में मदद करता है. आप बेहतर सोच पाते हैं और सही निर्णय ले पाते हैं."

यहां उन्होंने आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), ChatGPT का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि कैसे नए जमाने की ये टेक्नोलॉजी क्रांति लेकर आई है. वहीं, उन्होंने नैचुरल इंटेलीजेंस (NI) पर भी जोर दिया.

वृध्द सहयोग: डॉ. पिल्लई ने बताया कि किसी भी बिजनेस में किसी बुजुर्ग की सलाह लेना बेहद जरूरी है. वे अपने जीवन के अनुभवों के मद्देनजर सही सलाह देंगे. अपनी कंपनी या स्टार्टअप में उन्हें बोर्ड में जगह दें. उन्हें मेंटर बनाएं. उन्हें शेयर इक्विटी दें. उनसे सलाह-मशवरा करें. इसके लिए उन्होंने महाभारत का भी उदाहरण दिया कि कैसे अर्जुन ने भगवान श्री कृष्ण को अपना सारथी बनाया था.

डिजायर टु लर्न: डॉ. पिल्लई ने सीखने के महत्व पर बेहद जोर दिया. उन्होंने कहा, "जिस तरह किसी भी चीज को करने से पहले उसके बारे में ज्ञान होना जरूरी है, ठीक वैसे ही स्टार्टअप और कंपनी चलाने का ज्ञान होना जरूरी है. अगर आप में लगातार सीखने की ललक है, जुनून है, तो एक दिन सफलता आपके कदम जरूर चूमेगी. नई चीजें सीखें. नए लोगों से मिलें. नेटवर्किंग करें. सवाल पूछें. जवाब जानने के लिए तह तक जाएं."

डॉ. राधाकृष्णन पिल्लई ने कहा, "स्टार्टअप मार्केट में नहीं बनते, बल्कि क्लास रूम में बनते है. बिजनेस 9-11 के टाइम में नहीं होते, बल्कि 11-9 टाइम में होते हैं. कस्टमर का पैटर्न समझकर स्ट्रैटेजी बनाएं."

डॉ. पिल्लई ने उपस्थित फाउंडर्स, आंत्रप्रेन्योर्स के सवालों के जवाब भी दिए. इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि 'एक लीडर को क्या नहीं करना चाहिए?' उन्होंने ऐसी पांच बातें बताईं जो किसी भी लीडर को नहीं करनी चाहिए, वे हैं:

  • अपने से पहले वाले लीडर के साथ खुद की तुलना न करें. दूसरों की आलोचना कभी नहीं करनी चाहिए. तुलना और आलोचना इंसान को गर्त की तरफ ढकेलती है. और उसका खामियाजा टीम, कंपनी को भुगतना पड़ सकता है.
  • अच्छी चीजों को नहीं रोकें. अगर पुराने प्रोजेक्ट्स अच्छा कर रहे हैं, तो उन्हें बंद नहीं करें, जैसा कि अक्सर सत्ता बदलते ही होता है.
  • नया करें. लगातार सीखते रहने से नई समस्याएं सामने आती हैं. उन्हें सॉल्व करने के लिए नए आइडिया पर काम करें.
  • लगातार सुधार करते रहें. किसी भी कंपनी में आप वैल्यू एडिशन पर काम करें. अपने काम को महज नौकरी नहीं समझें. इसे जिम्मेदारी से करें और हमेशा नई वैल्यू एड करने के बारे में सोचें.
  • हमेशा सेवा की भावना रखें. कभी भी खुद में अपने औदे को लेकर अहंकार न पालें. हमेशा विनम्र रहें.

आपको बता दें कि यह इवेंट देश भर के युवाओं, स्टार्टअप्स, निवेशकों, उद्यमों, शिक्षाविदों, उद्योग निकायों और विशेषज्ञों, मशहूर हस्तियों और स्टार्टअप इकोसिस्टम को एक मंच पर लाता है, जिससे राजस्थान के लोगों को भी फायदा मिलेगा. छात्रों, संस्थापकों और नवोदित उद्यमियों के साथ बेहतर तरीके से जुड़ने के लिए, तीन दिवसीय इवेंट में ढेर सारे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी 21 मार्च को कॉन्फ्रेंस में सभा को संबोधित करने की उम्मीद है.

Rajasthan IT Day इवेंट के बारे में अधिक जानकारी के लिए और भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करने के लिए...