Rapido को WestBridge Capital से मिली 1000 करोड़ रु की फंडिंग, बना यूनिकॉर्न
हैदराबाद स्थित राइड-हेलिंग स्टार्टअप ने सीरीज E फंडिंग राउंड में लगभग 1,000 करोड़ रुपये जुटाए. इसके साथ ही Rapido इस साल भारत के यूनिकॉर्न क्लब में शामिल होने वाला तीसरा स्टार्टअप बन गया.
ने मौजूदा निवेशक WestBridge Capital के नेतृत्व में सीरीज E फंडिंग राउंड में 120 मिलियन डॉलर (लगभग 1,000 करोड़ रुपये) जुटाए हैं. इसके साथ ही कंपनी की वैल्यूएशन 1 बिलियन डॉलर हो गई और इसने यूनिकॉर्न का तमगा हासिल कर लिया. यह जानकारी रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास दाखिल की गई फाइलिंग से सामने आई है.
बाइक टैक्सी वाला राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म इस साल फिनटेक Perfios और भाविश अग्रवाल के एआई स्टार्टअप Krutrim के बाद यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री करने वाला तीसरा स्टार्टअप है.
रैपिडो के बोर्ड ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग का हवाला देते हुए 10 इक्विटी शेयर, 95,479 सीरीज E और 95,489 सीरीज E1 कंपल्सरी कन्वर्टिबल प्रीफर्ड शेयर 52,467 रुपये प्रति शेयर के निर्गम मूल्य पर आवंटित करने के लिए एक विशेष प्रस्ताव पारित किया, जिसकी कुल कीमत लगभग 1,002 करोड़ रुपये है.
स्टार्टअप ने 2022 में सीरीज D फंडिंग राउंड में 180 मिलियन डॉलर जुटाए, जिसमें Swiggy जैसी कंपनियों और WestBridge Capital और Nexus Venture Partners जैसे संस्थागत निवेशकों ने भाग लिया. डेटा वेबसाइट Tracxn के अनुसार, आखिरी बार इसकी वैल्यूएशन 825 मिलियन डॉलर थी.
इकोनॉमिक टाइम्स ने मामले से परिचित लोगों का हवाला देते हुए बताया कि कंपनी वैश्विक निवेशकों से 20 मिलियन डॉलर और जुटाएगी.
रैपिडो ने वित्त वर्ष 2022-23 में 497.5 करोड़ रुपये के रेवेन्यू में वृद्धि की सूचना दी, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में 157.9 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी. इस अवधि के लिए इसका शुद्ध घाटा बढ़कर 674.6 करोड़ रुपये हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में यह 439 करोड़ रुपये था.
Entrackr द्वारा समीक्षा किए गए आंतरिक दस्तावेजों के अनुसार, कंपनी, जो भारत में Uber और Ola जैसी अन्य राइड-हेलिंग कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करती है, ने मार्च 2024 में Ola की 13 लाख राइड्स की तुलना में प्रतिदिन 16.5 लाख राइड्स देकर उसे पीछे छोड़ दिया.
इस स्टार्टअप ने इस साल की शुरुआत में ऑटो ड्राइवर पार्टनर्स या ऑटो कैप्टन के लिए एक सॉफ्टवेयर-एज़-ए-सर्विस (SaaS) मॉडल पेश किया, जो एग्रीगेटर कमीशन-संचालित मॉडल से आजीवन शून्य कमीशन मॉडल में परिवर्तित हो रहा है.
(Translated by: रविकांत पारीक)