RBI गवर्नर बोले- रुपये में क्रॉस बॉर्डर ट्रेड के लिए दक्षिण एशियाई देशों के साथ बातचीत जारी
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) परीक्षण चरण में है और आरबीआई डिजिटल रुपये की पेशकश को लेकर बहुत ही सतर्कता तथा ध्यानपूर्वक आगे बढ़ रहा है.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि रुपये में सीमा-पार व्यापार (क्रॉस बॉर्डर ट्रेड) के लिए केंद्र सरकार और केंद्रीय बैंक की दक्षिण एशियाई देशों से बात चल रही है.
दास ने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) परीक्षण चरण में है. आरबीआई डिजिटल रुपये की पेशकश को लेकर बहुत ही सतर्कता और ध्यानपूर्वक आगे बढ़ रहा है.
थोक डिजिटल रुपये के लिए आरबीआई की केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) की पायलट प्रोजेक्ट की सफल शुरुआत के बाद पिछले वर्ष एक दिसंबर को उसने खुदरा सीबीडीसी की पायलट परियोजना शुरू की थी.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के एक सम्मेलन को यहां संबोधित करते हुए दास ने कहा कि 2022-23 के लिए वैश्विक व्यापार दृष्टिकोण के साथ, दक्षिण एशियाई क्षेत्र में व्यापक अंतर-क्षेत्रीय व्यापार से वृद्धि और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
दास ने कहा, ‘‘केंद्रीय बैंक के स्तर पर, सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण आयाम है साझा लक्ष्यों और चुनौतियों पर एक दूसरे से सीख लेना. सीमा पार व्यापार में रुपये को बढ़ावा देना और सीबीडीसी जिसकी दिशा में आरबीआई ने पहले ही आगे बढ़ना शुरू कर दिया है, इन क्षेत्रों में भी सहयोग को और बढ़ाया जा सकता है.’’
उन्होंने कोविड, महंगाई, वित्तीय बाजार में सख्ती और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण उत्पन्न महत्वपूर्ण चुनौतियों से निपटने के लिए दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए जो छह नीतिगत प्राथमिकताएं हैं उन्हें रेखांकित किया.
आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘‘अनेक बाहरी झटकों से दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्थाओं पर मूल्य दबाव आया है. महंगाई को सफलतापूर्वक कम करने के लिए विश्वसनीय मौद्रिक नीति कार्रवाई, लक्षित आपूर्ति-पक्ष हस्तक्षेप, राजकोषीय व्यापार नीति और प्रशासनिक उपाय प्रमुख साधन बन गए हैं.’’
दास ने कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए मूल्य स्थिरता को प्राथमिकता देना सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है. आरबीआई द्वारा सितंबर में जारी की गई डिजिटल लेंडिंग गाइडलाइंस के प्रमुख पहलुओं में से एक बैंकों और फिनटेक के बीच First Loan Default Guarantee (FLDG) व्यवस्था थी.
यह सुनिश्चित करने के लिए है कि फिनटेक स्टार्टअप्स अपने सहयोगी बैंकों या नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFCs) को मुआवजा दें जो वास्तव में लोन डिफॉल्ट्स के मामले में अपने ग्राहकों को क्रेडिट मुहैया करते हैं.
फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर एम्पावरमेंट के सीईओ सुगंध सक्सेना को उम्मीद है कि गारंटी प्रस्ताव 2023 की पहली छमाही के दौरान चर्चा के मुख्य विषयों में से एक होगा.
नियामक से आने वाले वर्ष में दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने और प्रीपेड कार्ड सहित इसके कई उप-वर्गों पर स्पष्टता मिलने की उम्मीद है.
Edited by Upasana