ATM से नोट की तरह अब मिलेंगे सिक्के भी, QR कोड और UPI आएंगे काम
RBI की MPC ने फरवरी माह की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो रेट को एक बार फिर बढ़ा दिया.
भारत में जल्द ही सिक्के डिस्पेंस करने वाले एटीएम दिखाई देंगे. यानी नोट की तरह एटीएम से सिक्के निकाले जा सकेंगे. यह घोषणा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को की. आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए उन्होंने इस नए प्रॉजेक्ट के बारे में बताया. बता दें कि मौद्रिक नीति समिति ने फरवरी माह की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो रेट को एक बार फिर बढ़ा दिया. इस बार बढ़ोतरी 0.25 प्रतिशत की रही और इसके बाद रेपो रेट बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो गई है. महंगाई को लक्ष्य के अनुरूप दायरे में लाने के उद्देश्य से रेपो रेट में वृद्धि की गई.
बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में नतीजों का ऐलान करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि आरबीआई देश के 12 शहरों में QR कोड बेस्ड कॉइन वेंडिंग मशीन (QCVM) पर एक पायलट प्रॉजेक्ट शुरू करेगा. ये वेंडिंग मशीनें Unified Payments Interface (UPI) का इस्तेमाल करके, ग्राहक के खाते से धनराशि को बैंक नोटों की बजाय सिक्के के तौर पर उन्हें डिस्पेंस यानी वितरित करेंगी. इससे सिक्कों की उपलब्धता में आसानी होगी. पायलट प्रॉजेक्ट से हासिल लर्निंग्स के आधार पर बैंकों को इन मशीनों के इस्तेमाल से सिक्कों के वितरण को बढ़ावा देने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे.
सिक्कों के वितरण में सुधार लाना है मकसद
नागरिकों के बीच सिक्कों के वितरण में सुधार के लिए भारतीय रिजर्व बैंक कुछ प्रमुख बैंकों के सहयोग से QR कोड बेस्ड कॉइन वेंडिंग मशीन (QCVM) पर पायलट प्रॉजेक्ट तैयार कर रहा है. कैश-बेस्ड पारंपरिक कॉइन वेंडिंग मशीन के उलट, QCVM बैंक नोटों की फिजिकल टेंडरिंग और उनके ऑथेंटिकेशन की जरूरत को समाप्त कर देगी.
अपनी पसंद के सिक्के पाने का रहेगा विकल्प
ग्राहकों के पास QCVMs में अपनी जरूरत के आधार पर सिक्कों की क्वांटिटी और कौन से मूल्यवर्ग के सिक्के चाहिए, इसका चयन करने का विकल्प भी होगा. पायलट प्रॉजेक्ट को शुरुआत में देश भर के 12 शहरों में 19 स्थानों पर लागू करने की योजना है. इन वेंडिंग मशीनों को सार्वजनिक स्थानों जैसे रेलवे स्टेशन, शॉपिंग मॉल, मार्केटप्लेस पर लगाने का इरादा है.