RBI Repo Rate Hike: फिर बढ़ा रेपो रेट, महंगा हो जाएगा लोन, कैल्कुलेशन से समझें कितनी बढ़ेगी EMI
भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से एक बार फिर रेपो रेट बढ़ा दिया गया है. इस बढ़ोतरी की वजह से आप पर पड़ने वाला ईएमआई का बोझ बढ़ जाएगा. आइए जानते हैं आपको कितना ज्यादा ब्याज चुकाना होगा.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI MPC Meet) ने एक बार फिर से नीतिगत ब्याज दरों (RBI Policy Rates) यानी रेपो रेट (Repo Rate) में बढ़ोतरी कर दी है. इस बार 25 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. इसी के साथ अब नया रेपो रेट 6.5 फीसदी (RBI Repo Rate Hike) हो गया है, जो अभी तक 6.25 फीसदी था. रेपो रेट बढ़ने की वजह से अब आपका लोन महंगा (Repo Rate Impact on Loan) हो जाएगा और आपकी ईएमआई (Repo Rate Impact on EMI) बढ़ जाएगी. साथ ही इससे उन लोगों को फायदा होगा, जिन्होंने बैंक एफडी कराई है, क्योंकि रिजर्व बैंक के इस फैसले से एफडी रेट भी बढ़ेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2023 में महंगाई (Inflation) घटकर 6.5 फीसदी रह सकती है, जो अभी तक 6.7 फीसदी है. अगले साल यह और घटकर 5.3 फीसदी तक जा सकती है. साथ ही वित्त वर्ष 2023 में जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth Rate) 6.8 फीसदी से बढ़कर 7 फीसदी हो जाने का अनुमान है. 2023-24 में यह ग्रोथ 6.4 फीसदी रह सकती है.
क्या होता है रेपो रेट?
आसान भाषा में समझें तो रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से बैंकों को लोन दिया जाता है. यानी इसके बढ़ते ही बैंकों को केंद्रीय बैंक की तरफ से मिलने वाला लोन महंगा हो जाता है.
जानिए रेपो रेट का ईएमआई पर कैसे होता है असर
जब रेपो में बढ़ोतरी की जाती है तो इससे बैंकों को मिलने वाला लोन महंगा हो जाता है. ऐसे में जब बैंक को ही महंगा लोन मिलता है तो वह ग्राहकों को दिए जाने वाले लोन को भी महंगा कर देते हैं. होम लोन और ऑटो लोन लंबी अवधि के होने की वजह से उन्हें फ्लोटर इंस्ट्रेस्ट रेट पर दिया जाता है. यह रेट रिजर्व बैंक की दर के बढ़ने-घटने के आधार पर बदलता रहता है. यही वजह है कि जैसे ही रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाता है, होम लोन और कार लोन की ईएमआई पर सीधा असर होता है.
पर्सनल लोन होगा महंगा, एफडी वालों को मिलेगा फायदा
ईएमआई महंगी होने के अलावा अब पर्सनल लोन लेना भी महंगा हो जाएगा. आने वाले कुछ ही दिनों में तमाम बैंक अपने पर्सनल लोन की नई दरें जारी कर देंगे. हालांकि, जिनका पहले से ही कोई पर्सनल लोन चल रहा है, उसकी ईएमआई पर कोई असर नहीं होगा, क्योंकि वह लोन फिक्स दर पर लिया गया था. रेपो रेट बढ़ने का फायदा उन लोगों को होगा, जो एफडी कराने की सोच रहे थे. आने वाले दिनों में तमाम बैंक एफडी की भी बढ़ी हुई दरें जारी करेंगे.
कितनी महंगी हो जाएगी होम लोन की ईएमआई?
भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट की दर बढ़ाए जाने के बाद अब होम लोन की ईएमआई महंगी हो जाएगी. उदाहरण के लिए मान लेते हैं आपने बैंक से 8.45 फीसदी (HDFC Bank Home Loan Rate) की दर पर 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का होम लोन लिया है. ऐसे में मौजूदा स्थिति में आपको 25,940 रुपये की ईएमआई चुकानी पड़ रही थी. अब 25 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद अगर आपका बैंक पूरा बोझ ग्राहकों पर डालता है तो होम लोन की दर 8.70 फीसदी हो जाएगी. यानी अब आपको 26,416 रुपये की ईएमआई चुकानी होगी. मतलब हर महीने अब आपको 476 रुपये अधिक चुकाने पड़ेंगे. इस तरह हर साल आपको 5,712 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे.
रेपो रेट बढ़ने का ऑटो लोन ईएमआई पर असर
रेपो रेट का असर होम लोन की तरह ही ऑटो लोन पर भी होगा. रेपो रेट बढ़ने की वजह से ऑटो लोन की ईएमआई भी बढ़ जाएगी. उदाहरण के लिए मान लेते हैं कि अभी आपने 9 फीसदी की दर से ऑटो लोन लिया है. अगर आपने यह लोन 10 लाख रुपये का लिया है और 7 साल के लिए लिया है, तो आपको अब तक 16,089 रुपये की ईएमआई चुकानी पड़ रही थी. अब रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ने के बाद अगर बैंक सारा बोझ ग्राहकों पर डालें तो ऑटो लोन की नई दर 9.25 फीसदी हो जाएगी. इस सूरत में आपको 16,216 रुपये की ईएमआई चुकानी होगी. यानी आपको हर महीने 127 रुपये अधिक चुकाने होंगे. इस तरह आपको साल भर में 1524 रुपये की अतिरिक्त ईएमआई चुकानी होगी.
रेपो रेट बढ़ने से कैसे लगती है महंगाई पर लगाम?
जब रेपो रेट में बढ़ोतरी की जाती है तो इससे बैंकों को मिलने वाला लोन महंगा हो जाता है. ऐसे में जब बैंक को ही महंगा लोन मिलता है तो वह ग्राहकों को दिए जाने वाले लोन को भी महंगा कर देते हैं. होम लोन और ऑटो लोन लंबी अवधि के होने की वजह से उन्हें फ्लोटर इंस्ट्रेस्ट रेट पर दिया जाता है. यह रेट रिजर्व बैंक की दर के बढ़ने-घटने के आधार पर बदलता रहता है. यही वजह है कि जैसे ही रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाता है, होम लोन और कार लोन की ईएमआई पर सीधा असर होता है. हालांकि, इसका उन्हें फायदा होता है, जो लोग एफडी में पैसे लगाते हैं. मौजूदा समय में रेपो रेट 6.5 फीसदी है.
लोगों का खर्च हो जाता है कम, घटने लगती है डिमांड
लोन को महंगा करने की सबसे बड़ी वजह होती है मार्केट में पैसों के सर्कुलेशन को कंट्रोल करना. लोन महंगा होने से लोग कम खर्च करने की कोशिश करते हैं. वहीं जिनकी पहले से ही होम लोन या ऑटो लोन ईएमआई चल रही होती हैं, उनका पहले की तुलना में अधिक पैसा खर्च होने लगता है. ऐसे में वह तमाम चीजों के लिए पैसे कम खर्च करते हैं और डिमांड घटती है, जिससे महंगाई पर काबू करने में आसानी होती है. वहीं एफडी पर अधिक ब्याज मिलने से भी बहुत से लोग अपने खर्चों को छोड़कर पैसे बचाने की कोशिश करते हैं, ताकि अधिक रिटर्न मिले. इन वजहों से मार्केट में पैसों का सर्कुलेशन घटता है.