दुनिया की सहमति के बिना क्रिप्टो को रेगुलेट करना प्रभावी नहीं होगा: निर्मला सीतारमण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक वैश्विक खाका बनाना पड़ सकता है, और सभी को इस पर एक साथ काम करना होगा, अन्यथा इसे रेगुलेट करना प्रभावी नहीं होगा.

क्रिप्टो को रेगुलेट करने के लिए वैश्विक सहमति आवश्यक है, इससे पहले कि भारत इस पर कोई कदम उठाए. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि एक वैश्विक खाका बनाना पड़ सकता है, और सभी को इस पर एक साथ काम करना होगा, अन्यथा इसे रेगुलेट करना प्रभावी नहीं होगा. हालांकि, मंत्री ने कहा कि इसका मतलब 'डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी' को नियंत्रित करना नहीं है, जिसमें इसकी अच्छाई और क्षमता है.

सीतारमण ने कहा, "जिस G20 की अध्यक्षता वर्तमान में भारत कर रहा है, वह भारत का प्रस्ताव था और इसे मान लिया गया है, मुझे खुशी है कि G20 ने इसे इस वर्ष के अपने एजेंडे में रखा है, IMF ने क्रिप्टोकरेंसी पर एक पेपर दिया है और जिस तरह से यह व्यापक आर्थिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है. वित्तीय स्थिरता बोर्ड (FSB), जिसे G20 द्वारा स्थापित किया गया था, एक रिपोर्ट देने के लिए सहमत हो गया है जो वित्तीय स्थिरता पर भी ध्यान केंद्रित करेगा."

उन्होंने आगे कहा, "उनकी (FSB) रिपोर्ट और IMF की रिपोर्ट पर जुलाई में चर्चा होने वाली है जब G20 के तहत वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर मिलेंगे, और उसके बाद सितंबर में G20 देशों के प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों का एक शिखर सम्मेलन होगा जो होगा भारत में आयोजित होगा."

वित्त मंत्री ने यहां 'थिंकर्स फोरम, कर्नाटक' में बातचीत के दौरान डिजिटल या क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने पर एक सवाल के जवाब में ये बातें कही.

बता दें कि G20 इंडियन प्रेसीडेंसी के तहत पहली G20 वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स (FMCBG) की बैठक 24-25 फरवरी के दौरान बेंगलुरु में हुई थी.

"अंतर्निहित सिद्धांत है, क्योंकि डिजिटल मुद्राएं पूरी तरह से डिजिटलीकृत और टेक्नोलॉजी संचालित हैं. टेक्नोलॉजी बहुत डिस्ट्रीब्यूटेड है, और कभी-कभी पहचान पाना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन इसकी क्षमता है, इसलिए इसे रेगुलेट करने के लिए सभी देशों को एक साथ आना होगा,” सीतारमण ने कहा.

उन्होंने कहा, "टेक्नोलॉजी संचालित, एक क्रिप्टो असेट के मामले में कोई भी देश व्यक्तिगत रूप से इसे प्रभावी ढंग से नियंत्रित नहीं कर सकता है, क्योंकि टेक्नोलॉजी की कोई सीमा नहीं है. इसलिए टेक्नोलॉजी संचालित होने के कारण सभी देशों को मिलकर काम करना होगा, अन्यथा यह प्रभावी नहीं होगा."

इसके अलावा, यह देखते हुए कि OECD (आर्थिक सहयोग और विकास संगठन) और IMF, विश्व बैंक जैसे अन्य संगठनों के साथ G20 में उम्मीद है कि एक वैश्विक खाका तैयार करना पड़ सकता है, मंत्री ने कहा, "हम सभी को इस पर एक साथ काम करना होगा, अन्यथा क्रिप्टो को रेगुलेट करना प्रभावी नहीं हो सकता है."

"लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम डिस्ट्रीब्यूटेड लेज़र तकनीक की तकनीक को नियंत्रित कर रहे हैं- इसकी अपनी अच्छाई, क्षमता और अपनी ताकत है. हम इसे ध्यान में रखते हैं," वित्त मंत्री ने कहा.

यह भी पढ़ें
पीयूष गोयल बोले - जल्द होगा ‘रुपये’ में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार