मन में जब पहला ख्याल आए उसी वक्त शुरू कर दें कंटेंट क्रिएशनः रिदा ठराना
रिदा ने लॉकडाउन के दौरान कंटेंट बनाना शुरू किया और आज इंस्टाग्राम पर उनके 6,55,000 फॉलोअर्स हैं. कंटेंट क्रिएटर बनने से पहले रिदा इवेंट होस्ट के प्रोफेशन में थीं.
लॉकडाउन के समय कंटेंट क्रिएशन बहुतों के लिए अपने पैशन को फॉलो करने का जरिया बना. इनमें से ही एक नाम है रिदा ठराना का.
रिदा ने भी लॉकडाउन के दौरान ही कंटेंट बनाना शुरू किया और आज इंस्टाग्राम पर उनके 6,55,000 फॉलोअर्स हैं. आइए जानते हैं रिदा ने कंटेंट क्रिएशन में अपना सफर कैसे शुरू किया और क्रिएटर बनने की चाहत रखने वालों को उनकी क्या राय है.
रिदा कूर्ग जिले की रहने वाली हैं. 17 साल की उम्र से ही इवेंट होस्ट भी करने लग गई थीं. कुछ सालों तक रिदा ने यही काम किया. वो बताती हैं कि लॉकडाउन में इवेंट्स बंद हो चुके थे इसलिए कोई काम नहीं था.
मैंने इंस्टाग्राम पर IGTV बनाना शुरू किया. उस समय मेरी मेंटल हेल्थ काफी खराब चल रही थी. इसलिए मुझे लगा था कि इस पर बात होनी चाहिए. मैंने मेंटल हेल्थ से जुड़े टॉपिक्स पर वीडियो बनाना शुरू किया. IGTV एक लॉन्ग फॉर्मैट कंटेंट था लेकिन इसमें भी काफी मेहनत लगती थी. रील्स आने के बाद चीजें काफी आसान हो गईं.
जब मैंने कंटेंट बनाकर पोस्ट करना शुरू किया तब मेरा मकसद सिर्फ खुद को एक्सप्रेस करने का था. कंटेंट क्रिएशन तो कभी दिमाग में था ही नहीं. मैं बस उन चीजों से दूर जाना चाह रही थी जो भी हमारे चारों तरफ घट रही थीं.
उन वीडियो के जरिए मैं खुद को एक्सप्रेस कर पा रही थी, जैसा महसूस कर रही थी वो बता पा रही थी. अपने लाइफ एक्सपीरियंस, अपने ओपिनियन के बारे में वीडियो बनाने लगी. ये जर्नी कब कंटेंट क्रिएशन में बदल गई पता ही नहीं चला.
चूंकि क्रिएटर बनना कभी मेरे प्लान में नहीं था इसलिए नंबर, फॉलोअर्स मेरे लिए कभी मायने नहीं रखे. मेरे लिए कंटेंट बनाना खुद को एक्सप्रेस करने का जरिया था.
तभी मेरा एक वीडियो वायरल हो गया और मेरे फॉलोअर्स एकाएक बढ़ गए. तब मुझे थोड़ी जिम्मेदारी महसूस हुई. मैंने वो एंगल पहचानने की कोशिश जिसे देखने के लिए लोग मुझे फॉलो कर रहे थे. मैंने उसी तरह का कंटेंट बनाने का फैसला किया. उस दिन से सब कुछ बदल गया.
मैं एक चीज को लेकर तो बिल्कुल निश्चित थी कि मुझे वुमंस के लिए ही कंटेंट बनाना है. आज मेरी 80 फीसदी फॉलोअर्स वुमन ही हैं. मुझे मालूम था कि जो टॉपिक में चुनने जा रही हूं वो थोड़ा सीरियस है. लेकिन मुझे ये भी मालूम है कि इससे कई लोगों के अंदर मोटिवेशन आएगा, उन्हें हिम्मत मिलेगी.
मैंने कंटेंट क्रिएशन को कभी बिजनेस की तरह नहीं देखा. आज भी मैं इसे अपना पैशन ही मानती हूं. बतौर कंटेंट क्रिएटर मुझे पहला चेक 30,000 रुपये का मिला था.
चूंकि, मैं लाइफस्टाइल क्रिएटर नहीं हूं मैं एक पब्लिक स्पीकर हूं. सीरियस मुद्दों पर कंटेंट बनाती हूं, इसलिए बहुत समय तक ब्रैंड्स मेरे साथ काम नहीं करना चाहते थे. इसलिए पहला वो रकम भी बहुत थी.
हालांकि अब मैंने अब इस काम को और गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है. जैसे अब मुझे मालूम है कि कौन सा कंटेंट काम करेगा और कौन सा नहीं.
अगर आप में से कोई कंटेंट क्रिएटर बनना चाहता है तो उसे मैं एक ही सलाह दूंगी कि बस शुरू कर दो. कई बार हम जोश-जोश में कोई काम शुरू कर देते हैं और बाद में वही हमारा सबसे सही फैसला साबित होता है.
जरूरी नहीं है कि ये फैसला सही ही साबित होगा, लेकिन जो भी नतीजा निकलेगा उससे आपको सीख मिलेगी. हर सीख से आपके अंदर एक अलग कॉन्फिडेंस आएगा.
कॉम्पिटीशन यकीनन है लेकिन जैसा कि मैं पहले ही कई बार कह चुकी हूं मैंने कभी भी इस काम को पैशन के इतर किसी और इरादे से देखा ही नहीं. इसलिए ना मुझे नंबर्स की परवाह होती है ना ही कॉम्पिटीशन की.
मैं खुश हूं कि बाकी कंटेंट क्रिएटर्स अपनी जिंदगी में काफी अच्छा कर रहे हैं लेकिन मैं जो बना रही हूं मैं उससे बेहद खुश और संतुष्ट हूं.