कोरोना महामारी में अनाथ हुए नवजात बच्चों को 'माँ का दूध' मुहैया करा रही हैं रोनिता, खुद 3 महीने पहले ही बनी हैं माँ
रोनिता शर्मा रेखी की इस पहल को सोशल मीडिया पर कम समय में ही बड़ा समर्थन मिलने लगा। रोनिता ने अनुसार बड़ी तादाद में लोग उनकी इस पहल का समर्थन करते हुए उन्हें मैसेज भेज रहे थे जो उनके लिए काफी खुश कर देने वाला था।
कोरोना वायरस संक्रमण ने देश भर में लाखों लोगों की जानें ली हैं और इस दौरान ना जाने कितने नवजात शिशुओं ने भी अपनी माँओं को खो दिया है, जिसके चलते उन्हें अब ब्रेस्ट मिल्क (माँ का दूध) मिलने में परेशानी हो रही है। इस बीच हाल ही में एक बच्ची की माँ बनीं गुवाहाटी की रोनिता शर्मा रेखी ऐसे नवजात शिशुओं को अपना ब्रेस्ट मिल्क (माँ का दूध) दान करने पहल कर रही हैं।
मुंबई में रहने वाली रोनिता शर्मा रेखी एक सेलेब्रिटी और प्रॉडक्शन मैनेजर हैं। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच एक बार फिर से लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान रोनिता अपने गृहनगर गुवाहाटी वापस आ गईं थीं और इसी साल मार्च में रोनिता ने एक बच्ची को जन्म दिया है।
ट्विटर से मिला आइडिया
एक मीडिया प्लेटफॉर्म से बात करते हुए रोनिता ने बताया है कि एक बच्ची की माँ होने के चलते वे इस महामारी के दौरान अपनी माँओं को खो चुके नवजात बच्चों के दर्द और उनकी तकलीफ को समझती हैं।
रोनिता के अनुसार इस बीच वे एक दिन ट्विटर चला रही थीं और तभी उन्होंने एक ऐसे नवजात बच्चे के बारे में पढ़ा जिसने अपनी माँ को कोरोना वायरस संक्रमण के चलते खो दिया था। इसी के साथ रोनिता को यह महसूस हुआ कि इस तरह के बच्चों के लिए स्तनपान की समस्या कितनी गंभीर हो सकती है।
हर तरफ मिला समर्थन
इसके बाद रोनिता ने सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए ऐसे नवजात बच्चों को अपना ब्रेस्ट मिल्क ऑफर करना शुरू कर दिया जिन बच्चों ने कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अपनी माँओं को खो दिया था। रोनिता ने बाकायदा एक ट्वीट के जरिये गुवाहाटी में किसी नवजात शिशु को ब्रेस्ट मिल्क की जरूरत होने पर मदद करने की इच्छा जताई थी-
रोनिता की इस पहल को सोशल मीडिया पर कम समय में ही बड़ा समर्थन मिलने लगा। रोनिता ने अनुसार बड़ी तादाद में लोग उनकी इस पहल का समर्थन करते हुए उन्हें मैसेज भेज रहे थे जो उनके लिए काफी खुश कर देने वाला था। रोनिता के अनुसार इस दौरान उन्हें कई युवा लड़कियों के भी मैसेज मिले, जिन्होने रोनिता से प्रभावित होते हुए भविष्य में इस तरह की पहल का हिस्सा बनने की बात कही थी।
रोनिता ने बताया है कि गुवाहाटी में रहते हुए अभी उन्हें किसी नवजात के लिए ब्रेस्ट मिल्क की रिक्वेस्ट नहीं आई है, लेकिन इस पहल के साथ देश के हर कोने से महिलाओं को जोड़ना चाहती हैं जिससे जरूरत कहीं भी हो नवजात को समय से ब्रेस्ट मिल्क मिल सके।
‘ब्रेस्ट मिल्क डोनेशन एक वरदान है’
गौरतलब है कि महामारी से पहले भी ऐसे कई मामले सामने आते रहे हैं जहां कुछ ही समय पहले माँ बनी महिलाओं ने अपने ब्रेस्ट मिल्क को जरूरतमंद नवजात शिशु को दान करने का काम किया है और इस तरह के कदम से ना जाने कितने प्रीमैच्योर और बीमार शिशुओं की जानें बचाई गई हैं। मालूम हो कि साल 1989 में भारत में पहले मिल्क बैंक की स्थापना भी की गई थी।
मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार अगर महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया है तो वह एक बच्चे की जरूरत से अधिक ब्रेस्ट मिल्क उत्पन्न करती है, जिसे जरूरत पड़ने पर किसी अन्य जरूरतमंद नवजात शिशु को भी दिया जा सकता है।
Edited by रविकांत पारीक