Axis Mutual Fund के बर्खास्त फंड मैनेजर ने कंपनी पर किया मुकदमा, हर्जाने में मांगे 54 करोड़ रु
एक्सिस एसेट मैनेजमेंट फ्रंट-रनिंग के आरोपों में घिरी है और नियामकीय जांच का सामना कर रही है.
एक्सिस बैंक (Axis Bank) द्वारा प्रवर्तित म्यूचुअल फंड, एक्सिस एसेट मैनेजमेंट कंपनी (Axis AMC) ने मई माह में मुख्य कारोबारी एवं फंड मैनेजर वीरेश जोशी (Viresh Joshi) को बर्खास्त कर दिया था. गोपनीय सूचना सार्वजनिक होने से पहले उसका लाभ उठाने के आरोपों (फ्रंट-रनिंग) के बाद एक्सिस एएमसी ने ऐसा किया था. जोशी समेत दो कोष प्रबंधकों को निलंबित किया गया था.
अब वीरेश जोशी ने फंड हाउस पर गलत तरीके से टर्मिनेशन का आरोप लगाया है. लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, जोशी द्वारा दायर मुकदमे में कथित गलत तरीके से टर्मिनेशन और कानून में उचित प्रक्रिया की कमी से उन्हें हुए नुकसान के रूप में, एक्सिस से 54 करोड़ रुपये का भुगतान करने की मांग की गई है. जोशी की लॉ फर्म Mansukhlal, Hiralal & Co ने इस सप्ताह की शुरुआत में बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की है.
टर्मिनेशन नोटिस, संविदात्मक दायित्वों का उल्लंघन
याचिका में, जोशी ने दावा किया है कि टर्मिनेशन नोटिस नल एंड वॉइड है. इसका कोई कानूनी और बाध्यकारी प्रभाव नहीं है और यह संविदात्मक दायित्वों का उल्लंघन है. पूर्व फंड मैनेजर की मांग है कि एक्सिस को उसके टर्मिनेशन नोटिस पर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए. एक्सिस एसेट मैनेजमेंट फ्रंट-रनिंग के आरोपों में घिरी है और नियामकीय जांच का सामना कर रही है.
जोशी को कई आधारों पर बर्खास्त कर दिया गया था, जिसमें कंपनी की जांच के दौरान सहयोग करने की अनिच्छा और उनकी आय और संपत्ति के स्रोत की व्याख्या करना, कथित तौर पर जबरदस्ती के गलत दावे करना, और उन्हें फ्रंट रनिंग का आरोपी बताने वाले एक व्हिसलब्लोअर के ईमेल को एक्सप्लेन नहीं करना शामिल था.
नहीं दिया गया कारण बताओ नोटिस
हालांकि, फंड मैनेजर ने दावा किया है कि उन्हें कोई कारण बताओ जारी नहीं किया गया था और उन्हें सुनवाई का कोई अवसर नहीं दिया गया था. अदालती फाइलिंग में कहा गया है कि जब तक एक उचित कारण नहीं दिखाया जाता है जो एक आंतरिक जांच के निष्कर्षों से प्रमाणित होता है, यह गलत टर्मिनेशन के समान है.