सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत रॉय का निधन
'सहाराश्री' के नाम से जाने जाने वाले सुब्रत रॉय ने खुदरा, रियल एस्टेट, वित्तीय सेवाओं, विमानन और मीडिया में सहारा समूह को अरबों डॉलर का उद्यम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
सहारा इंडिया समूह के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सुब्रत रॉय का 75 वर्ष की आयु में मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल और मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण निधन हो गया.
'सहाराश्री' के नाम से जाने जाने वाले सुब्रत रॉय ने खुदरा, रियल एस्टेट, वित्तीय सेवाओं, विमानन और मीडिया में सहारा समूह को अरबों डॉलर का उद्यम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्हें अपने समूह की कंपनियों से संबंधित नियामक उल्लंघनों के आरोपों पर विवादों और कानूनी लड़ाइयों का सामना करना पड़ा, जिन पर पोंजी योजनाएं चलाने का आरोप लगाया गया था.
सुब्रत रॉय 10 जून 1948 को एक बंगाली परिवार में पैदा हुए थे. बिजनेस की दुनिया में उन्होंने पहला कदम गोरखपुर में नमकीन के बिजनेस के जरिए रखा. उसके बाद उन्होंने छोटे दुकानदारों से ही पैसे ले-लेकर एक चिट फंड का ऐसा बिजनेस शुरू किया, जिसने उन्हें देश के दिग्गज अरबपतियों में शुमार कर दिया. देखते ही देखते सुब्रत राय रियल एस्टेट से लेकर मीडिया, हेल्थकेयर हर सेक्टर में पहुंच गए. सालों तक भारतीय टीम की जर्सी पर सहारा का नाम रहा. इसके बाद उन्होंने भी तमाम बिजनेस की तरह आईपीओ लाने का फैसला किया और ये उनकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई.
सेबी को 25 दिसंबर 2009 और 4 जनवरी 2010 को सेबी को दो शिकायतें मिलीं. इसमें बताया गया था कि सहारा की कंपनियां गलत तरीके से पैसा जुटा रही हैं. इसके बाद सेबी ने सहारा की इन दोनों कपंनियों की जांच शुरू कर दी. यहीं से सहारा विवादों में फंसती चली गई.