वैज्ञानिकों की तरकीब से अब मध्य प्रदेश में उगेगा शिमला वाला सेब, पूरे देश की खपत को पूरा करने का किया जा रहा है दावा
हाल ही में मध्य प्रदेश के सबसे बड़े कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तरकीब ईजाद की है जिसकी मदद से मध्य प्रदेश में भी शिमला का सेब उगाया जा सकेगा।
सेब, जिसे फलों में सबसे अमीर फल समझते हैं। यानी जिसका नाम सुनते ही अमीरियत वाली फिलिंग आने लगती है। सेब, जिसे खाने से इंसान ताकतवर बन सकता है ऐसा अक्सर माना जाता है। सेब, जो डॉक्टर्स के लिए मरीज को बताए जाने वाले पौष्टिक आहार की लिस्ट में प्राय: सबसे ऊपर रखा जाता है।
ऐसी कई बातें हैं जो सेब जैसे इस फल को लेकर आम लोगों में रची, बसी और देखी जा सकती हैं। लेकिन शायद ही किसी को मालूम हो कि इस फल का पहला पेड़ धरती पर पहली बार कहां उगा होगा? अगर नहीं, तो आज हम आपके साथ इसकी सारी जानकारी विस्तार से साझा करेंगें और हाल ही में हुए एक अभिनव प्रयोग के बारे में भी बताएंगे।
कहां उगा था धरती पर पहला सेब का पेड़?
यह एक ऐसा फल है जिसकी पैदावार अक्सर ठंडे इलाकों में अधिक होती है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सबसे पहली बार सेब मध्य एशियाई देश कज़ाख़िस्तान में पैदा हुआ था। जिसके बाद यह फल पूरी दुनिया में पहुंचा। सेब का पहला पेड़ कज़ाख़िस्तान की पहाड़ियों के बीच बसे जंगल में हुआ था। वर्तमान समय में जिसकी सैकड़ों नस्लें मौजूद हैं।
भारत में सबसे अधिक कहां होती है इसकी पैदावार
देश में सेब की खेती हिमांचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर जैसे पहाड़ी इलाकों में अधिक मात्रा में उगाया जाता है। हालांकि, खेती के नए तरीकों और तकनीक में हुए बदलाव के चलते अब इसके सीमित दायरे में वृद्धि होती नजर आने लगी है। जो किसानों के लिए अपने आप में एक अचीवमेंट है।
कैसे एमपी में होगा शिमला वाला सेब
भारत एक कृषि प्रधान देश रहा है। इसलिए यहां के किसान सभी तरह की सब्जियां और फलों की खेती करते हैं। जिसमें सेब खेती किसानों को अच्छा मुनाफा देती है। हाल ही में मध्य प्रदेश के सबसे बड़े कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तरकीब ईजाद
की है जिसकी मदद से मध्य प्रदेश में भी सेब उगाया जा सकेगा।
उन्हें इस खोज को करने में पूरे 14 महीनों का समय लगा है। वैज्ञानिकों ने इसका सबसे पहला सफल परीक्षण जेनकेवीवी के परिसर में पौधे लगाकर पूरा कर लिया है। इसकी फसल में हरिमन -99 किस्म के सेब की पैदावार की जाएगी जोकि हिमाचल प्रदेश के शिमला से लाया गया था। वैज्ञानिकों के अनुसार यह प्रयोग एमपी के किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा।
Edited by Ranjana Tripathi