शेक दीन मोहम्मद: पहले भारतीय जिसने अंग्रेजी में लिखी थी किताब
अंग्रेजों के जमाने में लंदन में जा बसे पटना (बिहार) के शेक दीन मोहम्मद पर गूगल ने 21 जनवरी को अपना डूडल बनाया था। आज से लगभग सवा दो सौ साल पहले उनके भारतीय व्यंजनों वाला रेस्टोरेंट और मसाज सेंटर पूरे इंग्लैंड में छा गया था। उन्होंने 'द ट्रैवल्स ऑफ दीन मोहम्मद' नाम से एक किताब भी लिखी थी।
इंग्लैंड में पहला इंडियन रेस्टोरेंट खोलने वाले पटना (बिहार) के शेक दीन मोहम्मद पर गूगल ने आज अपना डूडल बनाया है। गत गुरुवार को उनकी उपलब्धियां सराहने वाली 'ग्रीन प्लाक' नाम की हरे रंग की एक तख़्ती का अनावरण किया गया। यह तख़्ती सामाजिक जीवन में अहम योगदान के लिए दिया जाने वाला विशिष्ट सम्मान है। जिस दौर में भारत अंग्रेजों का गुलाम था, उसी दौर में दीन मोहम्मद गोरों के देश ब्रिटेन में छाए हुए थे। अब तो वह वक्त बीते सवा दो सौ साल बीत चुके हैं। आज भी इंग्लैण्ड के ब्राइटन संग्रहालय में शेक मोहम्मद की एक भव्य तस्वीर मौजूद है। लोग उन्हें दो देशों की संस्कृति को जोड़ने के लिए याद करते हैं। दीन मोहम्मद को दुनियाभर के लोग एक सर्जन, यात्री और व्यापारी के रूप में जानते हैं।
उनका जन्म 15 जनवरी सन् 1759 में पटना में हुआ था। वर्ष 1794 में आज ही के दिन इंग्लैंड में उनकी पहली अंग्रेजी किताब 'द ट्रैवल्स ऑफ दीन मोहम्मद' प्रकाशित हुई थी। यह उनकी रोमांचक किस्सोंल पर आधारित एक ऑटोबायोग्राफी है। इस तरह वह पहले इंडियन ऑथर भी बन गए। आयरलैंड में रहते हुए उन्होंने यह किताब लिखी थी, जो किसी भी भारतीय की अंग्रेजी में प्रकाशित पहली कृति मानी जाती है।
शेक दीन मोहम्मद जब ग्यारह साल के थे, उनके सैनिक पिता का निधन हो गया। उसके बाद दीन मोहम्मद को कैप्टन गॉडफ्रे इवान बेकर के विंग में शामिल कर लिया गया। बाद वह ईस्ट इंडिया कंपनी की फौज में सैनिक बना दिए गए। सेना में वह कैप्टन के पद तक जा पहुंचे। उसी दौरान वह इंग्लैंड चले गए। वहां आठ साल गुजारने के बाद उन्होंने सन् 1810 में भारतीय खान-पान को बढ़ावा देने के लिए खुद का एक इंडियन रेस्टोरेंट खोला। इंग्लैंड में 'हिंदुस्तान कॉफी हाउस' नाम से यह ऐसा पहला रेस्टोरेंट था, जो सिर्फ भारतीय भोजन देता था। दीन मोहम्मद ने अंग्रेजों की फौज में रहते हुए कई बड़ी लड़ाइयों में हिस्सा लिया। वह सेना से इस्तीफा देकर ब्रिटेन में बसे थे।
सेंट्रल लंदन के जॉर्ज स्ट्रीट पर 1810 में पोर्टमैन स्वॉयर पर बने दीन मोहम्मद के इस रेस्टोरेंट की खासियत थी कि वहां बेहतरीन चिलम और तंबाकू वाला हुक्का भी परोसा जाता था। साथ ही इंडियन डिशेज की अलग ही महक इस रेस्टोरेंट से आती थी। हालांकि फाइनेंशियल क्राइसिस की वजह से दीन को यह मध्य लंदन स्थित रेस्त्रां दो साल में ही बंद करना पड़ा। रेस्टोरेंट बंद करने के बाद शेक मोहम्मग लंदन के ब्राइटन शहर में बस गए, जहां उन्होंने एक बाथ स्पा खोला। लेकिन उसके बाद ब्रिटेन में भारतीय रेस्तरां की भरमार हो गई। जिस जगह उनका रेस्तरां था, वहां अब कार्लटन हाउस नाम की इमारत है। उनके परिवार के लोग ब्रिटेन में ही रहते हैं।
शेक दीन मोहम्मद अपने स्पा में लोगों को हर्बल स्टीम बाथ देते थे। उनका यह स्पा ग्राहकों की चंपी के लिए भी खूब मशहूर हुआ। इस चंपी को उन्होंने वहां के लोगों के हिसाब से शैंपू नाम दे दिया। दीन मोहम्मद का नाम रॉयल फैमिली में भी लिया जाने लगा। शेक मोहम्मद की चंपी करने के स्टाइल को सुनकर 1822 ईस्वी में इंग्लैंड चौथे किंग जॉर्ज ने उन्हें अपना निजी चंपी सर्जन नियुक्त कर लिया था। उनको 'रॉयल शैंपूइंग सर्जन' कहा जाने लगा। वह पहले जिस मसाज पार्लर में नौकरी किया करते थे, उसकी तो पूरे लंदन में धूम मच गई। सन् 1851 में 32 ग्रैंड परेड, ब्राइटन में दीन मोहम्मद की मृत्यु हो गई। वे कुछ समय इंग्लैंड के टूरिस्ट प्लेस ब्राइटन में भी रहे। अपना स्पा खोलने से पहले उन्होंने कुछ समय तक स्पा और मसाज पार्लर में नौकरियां भी की थीं। आज भी लोग भारतीय व्यंमजनों और भारतीय थेरेपी मसाज को दुनिया में मशहूर करने के लिए उनको याद किया जाता है।
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