25 की उम्र में शुरू की शूटिंग, देश को मेडल दिलाकर ओलिंपिक की कर रहे तैयारी
बीते सप्ताह भारतीय शूटर अभिषेक वर्मा ने चीन के बीजिंग में चल रहे शूटिंग वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीतकर टोक्यो ओलिंपिक का टिकट भी हासिल कर लिया। अभिषेक ने 10 मीटर एयरपिस्टल में गोल्ड मेडल जीता। इस जीत के साथ ही टोक्यो ओलिंपिक के क्वॉलिफाई करने वाले पांचवे भारतीय बन गए हैं। हालांकि यह जानना भी दिलचस्प है कि अभिषेक ने 25 वर्ष की उम्र में पहली बार पिस्टल हाथ में थामी थी। 29 साल की उम्र में वे वर्ल्ड चैंपियन बन चुके हैं।
2015 की बात है जब मनु भाकर और सौरभ चौधरी जैसे भारतीय शूटर देश के लिए मेडल लाने के लिए शूटिंग रेंज में मेहनत कर रहे थे। वहीं अभिषेक वर्मा का ध्यान कानून की किताबों पर लगा हुआ था। उसी साल अभिषेक ने पहली बार एयर पिस्टल का नाम सुना था। अभिषेक के पास टेक्नॉलजी में डिग्री है तो वहीं उन्होंने कानून की भी पढ़ाई की है और अब वे पूरी तरह से स्पोर्ट्सपर्सन बन गए हैं। उन्होंने अपनी कहानी से सपने देखने वाले युवाओं के सामने एक नजीर पेश की है।
पलवल के रहने वाले अभिषेक ने कोचिंग के लिए गुड़गांव का रुख किया। वहां उन्होंने अपने कोच ओमेंदर सिंह की देखरेख और निर्देशन में ट्रेनिंग हासिल की। अभिषेक कहते हैं, 'मुझे 2015 में शूटिंग के बारे में पता चला था और उसके अगले दिन से ही मैंने सोच लिया था कि अब शूटिंग ही करनी है। मैंने पूरी तरह से अपना ध्यान इसी पर केंद्रित कर लिया था। मुझे नहीं लगता कि इसे शुरू करने में कोई देर हुई थी। उसके बाद से मैंने खुद को पूरी तरह से झोंक दिया था।'
अभिषेक की मेहनत रंग लाई और उन्होंने एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता। वे कहते हैं, 'मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं मेडल हासिल करूंगा। मैं बस अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहका था। मैंने हमेशा से अपना पूरा ध्यान सिर्फ शूटिंग पर लगाया और आज नतीजा सबके सामने है।' अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) विश्व कप के फाइनल में पहली भारत की अगुवाई कर रहे वर्मा 242.7 के स्कोर के साथ शीर्ष पर रहे। अब उनका ध्यान इसी महीने म्यूनिख में होने वाले शूटिंग वर्ल्ड कप पर है।
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