SIIC IIT Kanpur और Microsoft ने ‘फ्यूचर-रेडी’ स्टार्टअप्स तैयार करने के लिए मिलाया हाथ
Microsoft और AIIDE-CoE, SIIC IIT Kanpur, और IIT Kanpur में इंक्युबेशन इकोसिस्टम से जुड़े छह इनोवेटिव स्टार्टअप्स ने नोएडा स्थित IIT कानपुर के आउटरीच सेंटर में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के टेक्नोलॉजी बिज़नेस इंक्युबेटर – स्टार्टअप इंक्युबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (Startup Incubation and Innovation Centre - SIIC) ने, ‘एज़्योर सोसायटी ऑफ एक्सीलेंस’ (Azure Society of Excellence) के लॉन्च के लिए माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के साथ गठबंधन किया है. इन दोनों उपक्रमों ने इस प्रोग्राम के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. स्टार्टअप इंक्युबेशन एंड इनोवेशन सेंटर युवा इनोवेटर्स के साथ काम करने के साथ-साथ नई टेक्नोलॉजी, नॉलेज और इनोवेशन आधारित स्टार्टअप्स को इंक्युबेट करता है. प्रोग्राम के तहत, SIIC कानपुर और माइक्रोसॉफ्ट एकजुट होकर काम करेंगे और स्टार्टअप्स के लिए मेंटॉरशिप, रोज़गार एवं उद्यमों के क्षेत्र में अवसर जुटाएंगे. यह प्रोग्राम SIIC, आईआईटी कानपुर के इंक्युबेशन इकोसिस्टम में फ्यूयर-रेडी स्टार्टअप्स (future ready startups) के लिए प्रतिभा आधारित रोज़गार कार्यक्रम हेतु ‘फाउंडर्स-हब’ (founders hub) तक एक्सेस सुविधा प्रदान करेगा.
इस गठबंधन के चलते, आईआईटी कानपुर से संबद्ध स्टार्टअप्स को माइक्रोसॉफ्ट सॉफ्टवेयर एवं सेवाओं समेत गिटहब, एम365 संसाधनों, एज़्योर पर प्रशिक्षण एवं कौशल अर्जित करने की सुविधा, मेंटॉर्स नेटवर्क, जिसमें माइक्रोसॉफ्ट वैल्यूएबल प्रोफेशनल्स (MVP) की ओर से माइक्रोसॉफ्ट लीडरशिप तथा विशेषज्ञ मार्गदर्शन, एज़्योर इंफ्लुएंसर्स, और स्टार्टअप्स संस्थापक शामिल हैं, का लाभ मिलेगा. माइक्रोसॉफ्ट मेंटॉर नेटवर्क से प्रोडक्ट रोडमैप से लेकर बिज़नेस प्लानिंग जैसे विषयों पर विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएं तथा परामर्श और हाइ-वैल्यू वीसी के साथ फेसटाइम की सुविधा भी मिलेगी.
इस समझौता ज्ञापन समारोह में आईआईटी कानपुर के इंक्युबेशन इकोसिस्टम तथा माइक्रोसॉफ्ट से संबद्ध प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. इनमें अक्षय त्रिपाठी, आईएएस मैनेजिंग डायरेक्टर, यूपीएलसी, प्रोफे. ए आर हरीश, चेयरमैन, गवर्निंग बॉडी AIIDE-CoE, डॉ निखिल अग्रवाल, सीईओ फर्स्ट आईआईटी कानपुर एवं AIIDE-CoE, माइक्रोसॉफ्ट के अधिकारीगण तथा AIIDE-CoE इंक्युबेशन इकोसिस्टम से संबद्ध छह इनोवेटिव स्टार्टअप्स शामिल थे.
समारोह का शुभारंभ डॉ निखिल अग्रवाल के उद्घाटन भाषण के साथ हुआ, इसके उपरांत प्रोफे. ए आर हरीश ने स्वागत भाषण तथा श्री अक्षय त्रिपाठी ने विशेष संबोधन दिया. डॉ निखिल अग्रवाल ने अपने स्वागत भाषण में कहा, "यह आयोजन उभरते उद्यमियों के लिए नई राह तैयार करेगा जिसमें एक्सपर्ट सपोर्ट और सॉफ्टवेयर टैक्नोलॉजी एक साथ आकर बेहतर कल के लिए ठोस ज़मीन तैयार करेंगी ताकि भारत के आधुनिक स्टार्टअप्स को आगे बढ़ने में मदद मिले. मैं इस गठबंधन के लिए अपना आभार व्यक्त करता हूं."
इस प्रोग्राम के अंतर्गत, इंस्टीट्यूट के स्टार्टअप्स को गिटहब के साथ एपीआई इंटीग्रेशन जैसे लचीले और स्केलेबल संसाधनों तक पहुंच, टैक वैल्यू के प्रदर्शन तथा व्यक्तिगत/ऑनलाइन सत्रों के लिए बेंगलुरु स्थित माइक्रोसॉफ्ट टैक सेंटर के दौरे का लाभ मिलेगा और वे माइक्रोसॉफ्ट आईएसवी (स्वतंत्र सॉफ्टवेयर विक्रेताओं) तक पहुंच बनाकर माइक्रोसॉफ्ट के साथ काम करने और माइक्रोसॉफ्ट मार्केटप्लेस पर सूचीबद्ध होने का अवसर भी प्राप्त कर सकते हैं.
हिमानी अग्रवाल, कंट्री हैड, एज़्योर, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने कहा, "हम SIIC, IIT कानपुर के साथ गठबंधन करते हुए खुशी महसूस कर रहे हैं जो स्टार्टअप्स को उचित सहयोग एवं संरचनाएं प्रदान कर उन्हें आगे बढ़ने में हम दोनों पक्षों के प्रयासों में तेजी लाएंगे ताकि नवोन्मेषकों को तेजी से आगे बढ़ने के अवसर मिलें. एज़्योर सोसायटी ऑफ एक्सीलेंस के साथ मिलकर स्टार्टअप्स समावेशी, भरोसेमंद तथा सस्टेनेबल आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए इनोवेटिव क्लाउड-नेटिव ऍप एवं सॉल्यूशंस तैयार कर सकेंगे."
SIIC तथा माइक्रोसॉफ्ट के बीच इस समझौता ज्ञापन के बारे में प्रोफे. अंकुश शर्मा, प्रोफ-इंचार्ज, इनोवेशन एंड इंक्युबेशन, आईआईटी कानपुर ने कहा, "आईआईटी कानपुर और माइक्रोसॉफ्ट के बीच इस गठबंधन के चलते एसआईआईसी के स्टार्टअप्स को नई ऊंचाइयों पर पहुंचने में मदद मिलेगी. माइक्रोसॉफ्ट शानदार सॉफ्टवेयर, संरचनाओं एवं विशेषज्ञ सपोर्ट की पेशकश करती है जो हमारे नवोन्मेषकों के नवोन्मेषों के साथ मिलकर समाज एवं स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं."
प्रोफे. अमिताभ बंदोपाध्याय, सीओ-पीआईसी, इनोवेशन एंड इंक्युबेशन, आईआईटी कानपुर ने कहा, "माइक्रोसॉफ्ट के साथ इस जुड़ाव के चलते युवा इनोवेटर्स को अतिमहत्वपूर्ण सॉफ्ट-इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमान करने में मदद मिलेगी, जिसके बदले अन्यथा उन्हें काफी खर्च करना पड़ सकता है. मैं इस सहयोग के लिए माइक्रोसॉफ्ट की सराहना करता हूं."
माइक्रोसॉफ्ट तथा एसआईआईसी, आईआईटीके मिलकर फाउंडर्स हब के लिए स्टार्टअप्स का चयन कर उन्हें साथ जोड़ेंगे. ये चुनींदा स्टार्टअप्स एज़्योर क्रेडिट्स की मदद से प्रोटोटाइप्स का निर्माण कर सकते हैं और इन्हें माइक्रोसॉफ्ट टैक्नोलॉजी सेंटर (एमटीसी) तथा माइक्रोसॉफ्ट लीडरशिप टीम के साथ काम करने का अवसर भी मिल सकता है.
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