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Sony-Zee डील सागाः सितंबर 2021 से अब तक क्या हुआ, क्यों CCI कह रहा प्रतिस्पर्धा को हो सकता है नुकसान

CCI के 3 अगस्त के नोटिस में दोनों कंपनियों को कहा गया है कि निगरानी संस्था का मानना है कि आगे की जांच जरूरी है.

Sony-Zee डील सागाः सितंबर 2021 से अब तक क्या हुआ, क्यों CCI कह रहा प्रतिस्पर्धा को हो सकता है नुकसान

Thursday September 01, 2022 , 8 min Read

जापान की सोनी (Sony) की भारतीय इकाई Sony Pictures Networks India और ज़ी एंटरटेनमेंट (Zee Entertainment Enterprises Limited or ZEEL) के बीच 10 अरब डॉलर का टीवी एंटरप्राइज बनाने के लिए विलय, प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचा सकता है. यह बात भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने कही है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, CCI के 3 अगस्त के नोटिस में दोनों कंपनियों को कहा गया है कि निगरानी संस्था का मानना है कि आगे की जांच जरूरी है. सीसीआई के निष्कर्षों से सौदे को रेगुलेटरी अप्रूवल मिलने में देरी होगी और यह कंपनियों को सौदे की संरचना में बदलाव का प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर कर सकता है.

जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया ने सितंबर 2021 में अपने टेलीविजन चैनलों, फिल्म एसेट्स और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स के विलय का फैसला किया था. इसके पीछे मकसद था एक विशाल टीवी एंटरप्राइज को क्रिएट करना. लेकिन विलय प्रस्ताव को घोषित करते ही यह डील विवादों में उलझ गई, इतनी ज्यादा कि मामला कोर्ट तक जा पहुंचा. आखिरकार जुलाई 2022 में जी एंटरटेनमेंट को सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के साथ प्रस्तावित विलय के लिए बंबई शेयर बाजार (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) से मंजूरी मिल गई. इस बीच सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया का नाम बदलकर कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (Culver Max Entertainment Private Limited) हो गया. आइए जानते हैं सितंबर 2021 से लेकर अब तक सोनी और जी के बीच की डील कैसे विवादों में घिरी और कैसे इससे बाहर निकली...

यूं पड़ी डील की नींव

सितंबर 2021 में जी एंटरटेनमेंट के बोर्ड ने सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया में जी एंटरटेनमेंट के विलय को मंजूरी दी थी. तय किया गया था कि सोनी पिक्चर्स, विलय के बाद बनी एंटिटी में 157.5 अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगी और पुनीत गोयनका (Punit Goenka) इस एंटिटी के एमडी और सीईओ बने रहेंगे. एंटिटी में जी एंटरटेनमेंट के शेयरधारकों की 47.07 प्रतिशत और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स की 52.93 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी. 90 दिनों में ड्यू डिलिजेंस पूरा करने की बात कही गई थी. यह भी कहा गया था कि दोनों कंपनी के टीवी कारोबार, डिजिटल एसेट्स, प्रोडक्शन ऑपरेशंस और प्रोग्राम लाइब्रेरी को भी मर्ज किया जाएगा.

जी एंटरटेनमेंट का पुराना नाम जी टेलीफिल्म्स था. यह टेलीविजन, प्रिंट, इंटरनेट, फिल्म, मोबाइल कंटेंट आदि में ऑपरेशनल है. इसका मालिकाना हक एस्सेल ग्रुप के पास है, जिसे 1926 में जगन्नाथ गोयनका ने शुरू किया था. इस ग्रुप को जी ग्रुप के नाम से भी जाना जाता है. इस वक्त इस ग्रुप के चेयरमैन गोयनका परिवार के सुभाष चंद्रा (Subhash Chandra) हैं. वह जगन्नाथ गोयनका के पोते हैं. चंद्रा, जी एंटरटेनमेंट के फाउंडर हैं. पुनीत गोयनका उन्हीं के बेटे हैं.

इनवेस्को ने किया सौदे का विरोध

उस समय इनवेस्को ने OFI ग्लोबल चाइना फंड LLC के साथ मिलकर सौदे का विरोध किया था. इनवेस्को, 17.88 फीसदी हिस्सेदारी के साथ जी एंटरटेनमेंट में सबसे बड़ी शेयरहोल्डर थी. हुआ यूं था कि अमेरिकी कंपनी इनवेस्को की इकाई इन्वेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड (Invesco Developing Markets Fund) और OFI ग्लोबल चाइना LLC पहले से जी एंटरटेनमेंट के एमडी व सीईओ पुनीत गोयनका को हटाने की मांग कर रहे थे. इनवेस्को का आरोप था कि कंपनी का कामकाज सुचारू ढंग से नहीं चल रहा है और वित्तीय अनियमितताएं हैं. सितंबर 2021 में ही पुनीत गोयनका को हटाने के लिए EGM (एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग) बुलाने की मांग थी. इस बैठक का उद्देश्य गोयनका समेत तीन लोगों को हटाने और छह स्वतंत्र निदेशकों को नियुक्ति दिलाना था. फिर जी एंटरटेनमेंट बोर्ड निदेशकों ने 21 सितंबर को एकमत होकर सोनी पिक्चर्स और जी के विलय को मंजूरी दी. तो इन्वेस्को इस डील के विरोध में आ गई.

कहा- 'चंद्रा परिवार को फायदा पहुंचेगा'

अक्टूबर 2021 में इनवेस्को ने प्रबंधन में बदलाव के लिए कंपनी के अन्य गैर-प्रवर्तक शेयरधारकों से समर्थन मांगा. इनवेस्को ने फर्म के सोनी के साथ हुए सौदे पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे शेयरधारकों की कीमत पर चंद्रा परिवार को फायदा पहुंचेगा. विलय पर सवाल उठाते हुए इनवेस्को ने कहा था कि गैर-प्रतिस्पर्धी माध्यम से संस्थापक परिवार को अतिरिक्त दो प्रतिशत इक्विटी उपहार में देने की घोषणा पूरी तरह से अनुचित है, और संस्थापक परिवार को अपनी हिस्सेदारी चार प्रतिशत से बढ़ाकर 20 करने का रास्ता भी खोलती है. इनवेस्को ने कहा, ‘‘इससे दूसरे सभी शेयरधारकों का हिस्सा कम होगा, जिसे हम अनुचित मानते हैं. कम से कम हम यह उम्मीद करेंगे कि एमडी/सीईओ (प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी) अपने पद को तत्काल छोड़ें.’’

प्रवर्तक सुभाष चंद्रा के परिवार की इस समय Zee Entertainment में लगभग चार प्रतिशत हिस्सेदारी है और सोनी पिक्चर नेटवर्क्स इंडिया के साथ घोषित विलय के बाद नई इकाई में ये हिस्सेदारी घटकर दो प्रतिशत हो जाएगी. हालांकि, Zee Entertainment के प्रवर्तकों को गैर-प्रतिस्पर्धी खंड के लिए विलय की गई इकाई में दो प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सेदारी मिलेगी, जिसके बाद ये हिस्सेदारी फिर से चार प्रतिशत हो जाएगी, जिसे बाद में 20 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है.

फिर कोर्ट पहुंचा मामला

जब Zee Entertainment ने इनवेस्को की EGM बुलाने की मांग का जवाब नहीं दिया तो इनवेस्को ने NCLT (National Company Law Tribunal) का रुख किया. NCLT ने Zee को इस मांग पर कानून के अनुरूप विचार करने को कहा. इसके बाद Zee ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अनुरोध किया कि इनवेस्को के EGM आयोजित करने संबंधी नोटिस को गैरकानूनी घोषित किया जाए. अक्टूबर 2021 में बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने इनवेस्को के खिलाफ एक अंतरिम आदेश दिया. इसके तहत उसे कंपनी के MD & CEO पुनीत गोयनका को हटाने के लिए EGM बुलाने की मांग करने से रोक दिया गया. जस्टिस गौतम पटेल की एकल पीठ ने यह अंतरिम आदेश दिया. जी एंटरटेनमेंट ने अदालत को बताया था कि वह इनवेस्को के अनुरोध के अनुसार शेयरधारकों की ईजीएम बुलाने के लिए तैयार नहीं है. लेकिन इनवेस्को ने हार नहीं मानी. कोर्ट-कचहरी का चक्कर चलता रहा.

इसके बाद मार्च 2022 में बंबई उच्च न्यायालय ने इनवेस्को की वह अपील मंजूर कर ली, जिसमें उसने पुनीत गोयनका को हटाने के लिए EGM बुलाने पर अंतरिम रोक लगाने के एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी थी. न्यायमूर्ति एसजे काठवाला और न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश के आदेश को रद्द कर दिया. Zee की ओर से पेश वकील ने इस मामले में यथास्थिति कायम रखने का अनुरोध किया. इसे मानते हुए अदालत ने तीन हफ्ते तक यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया.

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पुनीत गोयनका

कहानी में अचानक आया ट्विस्ट

इसके बाद मार्च 2022 में ही इनवेस्को की ओर से कहानी में ट्विस्ट आया. अचानक से इनवेस्को ने Zee एंटरटेनमेंट के शीर्ष प्रबंधन को हटाने की मुहिम छोड़ दी. कंपनी ने कहा कि वह अब इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं करेगी. साथ ही Zee के जापान के सोनी ग्रुप के साथ पहले से प्‍लान विलय का समर्थन करेगी. इनवेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड (इनवेस्को) ने अपने अधिग्रहण नोटिस को वापस लेने का फैसला किया, जिसमें Zee Entertainment के बोर्ड से एमडी और सीईओ पुनीत गोयनका को हटाने की मांग की गई थी. यही नहीं जो इनवेस्को पहले सौदे को जी के प्रमोटर्स को फायदा पहुंचाने वाला बता रही थी, उसने कहा, 'हमें विश्वास है कि इस सौदे से Zee के शेयरधारकों के लिए काफी संभावनाएं हैं. हम यह भी मानते हैं कि विलय की समाप्ति के बाद नई संयुक्त कंपनी के बोर्ड को काफी हद तक पुनर्गठित किया जाएगा, जो कंपनी के बोर्ड निरीक्षण को मजबूत करने के हमारे उद्देश्य को पूरा करेगा. इन घटनाओं और लेन-देन को सुविधाजनक बनाने की हमारी इच्छा को देखते हुए हमने 11 सितंबर, 2021 की अपनी मांग के अनुरूप EGM को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है.'

अप्रैल 2022 में बेच दी 7.74% हिस्सेदारी

अप्रैल 2022 में इनवेस्को ने जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड में अपनी 7.74 प्रतिशत हिस्सेदारी 2092 करोड़ रुपये में खुले बाजार सौदे के जरिए बेच दी. इनवेस्को ने Zee Entertainment Enterprises Limited के कुल 74,318,476 शेयर बेचे. शेयर 281.46 रुपये प्रति इक्विटी के औसत मूल्य पर बेचा गया. इस प्रकार, यह बिक्री 2,091.76 करोड़ रुपये की रही. इस बीच, मॉर्गन स्टेनली एशिया सिंगापुर पीटीई ने जीईईएल के एक करोड़ से अधिक शेयर, जबकि सेगांटी इंडिया मॉरीशस ने कंपनी के 99 लाख शेयर खरीदे. जुलाई 2022 में जी एंटरटेनमेंट को सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के साथ प्रस्तावित विलय के लिए बंबई शेयर बाजार (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) से मंजूरी मिल गई.

कितनी बड़ी होगी विलय के बाद बनने वाली एंटिटी

कहा जा रहा है कि मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी के पास देश का सबसे बड़ा एंटरटेनमेंट नेटवर्क होगा. यह स्टार (Star) और डिज्नी इंडिया (Disney India) से भी बड़ा होगा. इसके पास 75 टीवी चैनल, दो वीडियो स्ट्रीमिंग सर्विसेज (ZEE5 और Sony LIV), दो फिल्म स्टूडियो (Zee Studios और Sony Pictures Films India) और एक डिजिटल कंटेंट स्टूडियो (Studio NXT) होगा. संयुक्त कंपनी के अधिकांश निदेशक मंडल सोनी समूह द्वारा नामित किए जाएंगे.