स्टार्टअप विलेज आंत्रप्रेन्योरशिप प्रोग्राम पूँजी और सहयोग के साथ 23 राज्यों में ग्रामीण उद्यमियों को दे रहा है बढ़ावा
स्टार्टअप विलेज आंत्रप्रेन्योरशिप प्रोग्राम (एसवीईपी) ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमों को प्रोत्साहन दे रहा है और ग्रामीण उद्यमी बना रहा है। इस कार्यक्रम में 23 राज्यों के एक सौ 53 प्रखंडों में पूंजी उपलब्ध कराई है और कारोबार सहयोग सेवा दी है।
अगस्त 2020 तक तकरीबन एक लाख उद्यमियों का सहयोग किया जा रहा है, इनमें से 75 प्रतिशत महिलाएं हैं।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य कारोबारी प्रशिक्षण देना और वित्तीय सहयोग देकर स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। इसका उद्देश्य स्थानीय समुदाय में उद्यमियों का विकास करना भी है।
इसके अलावा ग्रामीण ग़रीबों को अपने उद्यम स्थापित करने में सक्षम बनाने के लिए, अवधारणा चरण के अपने प्रमाण में, एकीकृत आईसीटी तकनीकों और प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण, उद्यम सलाहकार सेवाओं के लिए उपकरण व बैंकों / एसएचजी से ऋण प्रदान करने के लिए ग्राम उद्यमिता संवर्धन के लिए एक स्थायी मॉडल विकसित करना।
ये उद्यम व्यक्तिगत या समूह उद्यम हो सकते हैं और विनिर्माण, सेवाओं और व्यापार को कवर करेंगे। इन उद्यमों को पारंपरिक कौशल के साथ-साथ नए कौशल भी शामिल करने चाहिए। उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों के मौजूदा उपभोग और उत्पादन को भी कवर करना चाहिए और ग्रामीण क्षेत्रों के नए उपभोग और उत्पादन को भी कवर करना चाहिए, जिसमें सरकार की प्राथमिकताओं जैसे कि RURBAN मिशन, स्वच्छ भारत अभियान, इत्यादि शामिल हैं।
यह ग्रामीण स्टार्टअप की तीन प्रमुख समस्याओं वित्त, कौशल विकास और विशेषज्ञता का निवारण करता है।
(सौजन्य से- भाषा पीटीआई)