Stock Split: महज 6 महीने में दिया 1190% रिटर्न, 1 लाख को बनाया 13 लाख, अब होगा स्टॉक स्प्लिट

Confidence Futuristic Energetech Ltd. ने स्टॉक स्प्लिट करने का फैसला किया है. हर शेयर को दो हिस्सों में बांटा जाएगा. 5 साल में इस शेयर ने 3098 फीसदी रिटर्न दिया है.

Stock Split: महज 6 महीने में दिया 1190% रिटर्न, 1 लाख को बनाया 13 लाख, अब होगा स्टॉक स्प्लिट

Monday October 17, 2022,

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एक मल्टीबैगर स्टॉक (Multibagger Stock) ने अपने निवेशकों के लिए एक बड़ी घोषणा की है. कंपनी ने स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) का फैसला किया है. इस कंपनी का नाम है Confidence Futuristic Energetech Ltd., जिसकी मार्केट वैल्युएशन करीब 500.21 करोड़ रुपये है. इस कंपनी ने 5 साल में करीब 3098 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं सिर्फ 6 महीने में इस शेयर ने करीब 1190 फीसदी रिटर्न दिया है. अब शेयरधारकों को और भी खुश करने की प्लानिंग है, क्योंकि कंपनी के बोर्ड ने स्टॉक स्प्लिट का फैसला किया है.

कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने फैसला किया है कि हर 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले इक्विटी शेयर को 5-5 रुपये के दो इक्विटी शेयर्स में तोड़ा जाएगा. इसकी रेकॉर्ड डेट (Record Date) 3 नवंबर तय की गई है. शुक्रवार को कंपनी के शेयरों ने अपर सर्किट छुआ और 399.85 रुपये के स्तर पर जा पहुंचे. कंपनी का शेयर 4.99 फीसदी तक चढ़ा. अप्रैल में यह शेयर करीब 31 रुपये का था और उसी के बाद से इसमें ऐसी तेजी आनी शुरू हुई है कि रुकने का नाम नहीं ले रही.

6 महीने में 13 गुना हुई कीमत

25 जून 2018 को कंपनी का शेयर 12.50 रुपये का था. यानी पिछले 5 सालों में कंपनी के शेयर ने करीब 3098.80 फीसदी का रिटर्न दिया है. इसी वित्त वर्ष की शुरुआत में अप्रैल महीने के दौरान कंपनी का शेयर करीब 31 रुपये का था. आज की तारीख में ये शेयर करीब 400 रुपये का हो चुका है. यानी करीब 6-7 महीनों में ही कंपनी का शेयर करीब 13 गुना चढ़ गया है.

पहले समझिए शेयर बांटने का मतलब

शेयरों का बंटवारा यानी स्टॉक स्प्लिट का मतलब है एक शेयर को कई शेयरों में बांट देना. इससे शेयर किफायती बन जाते हैं और पहले की तुलना में अधिक लोग शेयरों में निवेश कर पाते हैं. जैसे 100 रुपये के शेयर को 1:10 के अनुपात में बांटें तो एक शेयर 10 रुपये का हो जाएगा, जिससे अधिक लोग शेयरों में निवेश कर पाएंगे. स्टॉक स्प्लिट के जरिए एक कंपनी अपने शेयरों की संख्या को बढ़ाती है, जिससे स्टॉक की फेस वैल्यू घट जाती है. कंपनियां स्टॉक स्प्लिट इसलिए करती हैं, ताकि स्टॉक की कीमत घटाई जा सके. कीमत कम होने की वजह से छोटे रिटेल निवेशक भी उसे आसानी से खरीद पाते हैं, जिससे लिक्विडिटी बढ़ती है.

स्टॉक स्प्लिट तमाम कंपनियों में इस्तेमाल होने वाली आम प्रैक्टिस है, लेकिन निवेशक अक्सर इससे कनफ्यूज हो जाते हैं. उन्हें लगता है कि शेयरों की संख्या बढ़ जाने से उनके दाम दोगुने-तीन गुने हो जाएंगे. हालांकि, ऐसा नहीं है. स्टॉक स्प्लिट में दो तारीखें बहुत ही अहम होती हैं, रेकॉर्ड डेट और एक्स-डेट. रेकॉर्ड डेट वह तारीख होती है, जिस पर या उससे पहले आपके पास शेयर होना जरूरी है, तभी फायदा मिलेगा. वहीं एक्स-डेट रेकॉर्ड डेट से एक दो दिन पहले की तारीख होती है, ताकि उस तारीख पर अगर आप शेयर खरीदें तो रेकॉर्ड डेट तक वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में आ जाएं.