दिल्ली की सैंडविच कंपनी से मुकदमा हारा ‘Subway’, 'Sub' टर्म पर एकाधिकार का किया था दावा
सोमवार को Subway आईपी एलएलसी के मुकदमे की सुनवाई करते हुए जस्टिस सी. हरीशंकर ने कहा कि सबमरीन सैंडविच परोसने वाले भोजनालयों के संदर्भ में 'Subway' और 'Suberb' में कहीं भी कोई भी ऐसी समानता नहीं थी जो कि उनमें भ्रम पैदा करे, यहां तक कि अक्षर और फॉन्ट भी बहुत ही अलग थे.
दिल्ली हाईकोर्ट ने 'Sub' संबोधन पर Subway के एकाधिकार को मानने से इनकार कर दिया है. उसने कहा कि इस टर्म को इस्तेमाल बड़े पैमाने पर सबमरीन सैंडविचों के लिए किया जाता है. इसके साथ ही, हाईकोर्ट ने दिल्ली स्थित एक आउटलेट द्वारा 'Suberb' नाम वाले सैंडविच को बेचने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
सोमवार को Subway आईपी एलएलसी के मुकदमे की सुनवाई करते हुए जस्टिस सी. हरीशंकर ने कहा कि सबमरीन सैंडविच परोसने वाले भोजनालयों के संदर्भ में 'Subway' और 'Suberb' में कहीं भी कोई भी ऐसी समानता नहीं थी जो कि उनमें भ्रम पैदा करे, यहां तक कि अक्षर और फॉन्ट भी बहुत ही अलग थे.
दिल्ली स्थित आउटलेट के खिलाफ अंतरिम तौर पर रोक लगाने की मांग वाली Subway की याचिका को खारिज करते हुए, जज ने कहा कि 'Sub' "सबमरीन" के लिए एक संक्षिप्त नाम था, जो लंबी-चौड़ी सैंडविच की एक प्रसिद्ध किस्म का प्रतिनिधित्व करता था. प्रतिवादी के दावे के अनुसार, ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि 'Suberb' ने 'Subway' के वर्डमार्क का उल्लंघन किया है.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जब सबमरीन सैंडविच परोसने वाले भोजनालयों के संदर्भ में उपयोग किया जाता है, तब 'Subway' और 'Suberb' भ्रामक रूप से भी समान नहीं होते हैं, क्योंकि 'सब' पब्लिसिटी ज्यूरिस (सार्वजनिक अधिकार का) और व्यापार के लिए सामान्य है. वहीं, 'वे' और 'एर्ब' न तो ध्वन्यात्मक रूप से और न ही अन्य तरीके से Subway से समान हैं. प्रतिवादी द्वारा किए गए संशोधनों के बाद, प्रतिवादी के लाल और सफेद निशान की उपस्थिति को किसी भी वादी के समान भ्रामक नहीं कहा जा सकता है.
आदेश में आगे कहा गया कि वादी द्वारा रजिस्टर्ड 'Subway' मार्क के पहले हिस्से यानी सब के एकाधिकार पर कोई दावा नहीं कर सकता है. वादी उन सभी दो-शब्दांश शब्दों पर एकाधिकार का दावा नहीं कर सकता है, जिनमें से पहला शब्दांश 'सब' है, खासकर जब भोजनालयों के संदर्भ में उपयोग किया जाता है और जो सैंडविच और इसी तरह की वस्तुओं को सर्व करते हैं.
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि प्रतिवादी ने कहा कि 'Subway' ब्रांड इतना मशहूर है कि शायद ही ऐसा हो सकता है कि 'Subway' में जाना चाहने वाला कोई व्यक्ति 'Suberb' आउटलेट में चला जाए.
इसके साथ ही, 'Subway' क्लब और वेजी डिलाइट के रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क के उल्लंघन को भी खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि प्रतिवादी ने अपने ऐसे सैंडविचों का नाम बदल दिया है.
इसमें कहा गया है कि प्रतिवादी ने कर्मचारियों और उसके आउटलेट की सजावट, लेआउट, वॉल हैंगिंग, मेनू कार्ड और वर्दी को संशोधित किया था ताकि इस संबंध में वादी के साथ कोई समानता न रहे.
Edited by Vishal Jaiswal