जेट एयरवेज के 4 विमान जब्त, कर्मचारियों की ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं करने पर कार्रवाई
महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को जेट एयरवेज के चार बोइंग 777 विमानों को कुर्क कर लिया. कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का भुगतान न करने पर महाराष्ट्र भू-राजस्व संहिता के प्रावधान के तहत मुंबई में तहसीलदार कार्यालय द्वारा कुर्की की कार्रवाई की गई.
प्रक्रिया से गुजर रही संकटग्रस्त जेट एयरवेज (Jet Airways) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कर्मचारियों के बकाये का भुगतान नहीं करने पर सरकार ने कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है. बता दें कि, एयरलाइन लगभग चार साल से उड़ान नहीं भर रही है.
महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को जेट एयरवेज के चार बोइंग 777 विमानों को कुर्क कर लिया. कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का भुगतान न करने पर महाराष्ट्र भू-राजस्व संहिता के प्रावधान के तहत मुंबई में तहसीलदार कार्यालय द्वारा कुर्की की कार्रवाई की गई.
बंद हो चुकी एयरलाइन के कर्मचारी भविष्य निधि और ग्रेच्युटी के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. पिछले अक्टूबर में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने फैसला सुनाया था कि नीलामी प्रक्रिया में विजेता बोलीदाता कालरॉक जालान कंसोर्टियम भुगतान करने के लिए उत्तरदायी था. कर्मचारियों को पीएफ और ग्रेच्युटी बकाया. कंसोर्टियम की अपील के बाद यह मुद्दा अब सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है.
ऑल इंडिया जेट एयरवेज ऑफिसर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन के कानूनी सलाहकार एन हरिहरन ने कहा कि दिसंबर 2021 से हमें मुंबई में सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय से ग्रेच्युटी के भुगतान से संबंधित आदेश प्राप्त हुए. इन्हें चुनौती नहीं दी गई. दिसंबर में हमने भू-राजस्व संहिता के तहत वसूली की कार्रवाई शुरू करने का फैसला किया और आज तहसीलदार द्वारा कुर्की की कार्रवाई की गई.
बीते 13 जनवरी को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही जेट एयरवेज का स्वामित्व जालान कालरॉक गठजोड़ को सौंपने की मंजूरी दे दी. साथ ही न्यायाधिकरण ने विजेता बोलीदाता को लेनदारों को बकाया राशि चुकाने के लिए और वक्त दिया.
ताजा फैसला गठजोड़ की दो याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान आया. एक याचिका स्वामित्व के हस्तांतरण से संबंधित है, जबकि दूसरी लेनदारों को देय राशि के भुगतान के लिए समय बढ़ाने से संबंधित है. इससे पहले न्यायाधिकरण ने एयरलाइन के लेनदारों को भुगतान करने के लिए गठजोड़ को 16 नवंबर, 2022 तक का समय दिया था.
बता दें कि, एयरलाइन की कर्जदाताओं की समिति ने दुबई स्थिति मुरारी लाल जालान और ब्रिटेन के कालरॉक कैपिटल की पुनरुद्धार योजना को अक्टूबर 2020 में मंजूरी दी थी.
जालान-कालरॉक गठजोड़ जून, 2021 में जेट एयरवेज के लिए दिवालिया समाधान प्रक्रिया में विजेता बोलीकर्ता बनकर उभरा था. इसके बाद एयरलाइन को नए सिरे से खड़ा करने के लिए तमाम दावे किए गए लेकिन अभी तक यह दोबारा परिचालन शुरू नहीं कर पाई है.
समाधान योजना को जून 2021 में मंजूरी मिली थी और इसके अनुसार गठजोड़ ने अब तक ऋणदाताओं के पास 150 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जमा की है.
फिलहाल, संजीव कपूर कंपनी के मनोनीत मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बने रहेंगे. वह तब तक पद पर बने रहेंगे, जबकि एयरलाइन का स्वामित्व कर्जदाताओं के समूह को सौंप नहीं दिया जाता.
Edited by Vishal Jaiswal